क्या है प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना? क्या होगा फायदा?
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है इसके तहत 1 करोड़ से ज्यादा घरों पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाये जायेंगे जिसकी मदद से लोगों को ऊर्जा का एक स्वच्छ साधन मिलेगा. साथ ही इसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाना है.
यह योजना 40 गीगावॉट रूफटॉप सोलर क्षमता के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करने का एक नया प्रयास है.इसका लक्ष्य आवासीय उपभोक्ताओं के लिए छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना करना है.
यह योजना न केवल गरीबों और मध्यम वर्ग के बिजली बिल को कम करने में मदद करेगी, बल्कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को भी हासिल करेगी. प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के व्यक्तियों को रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के तहत शामिल करना है.
इसे लेकर PM मोदी ने दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग पर बने अपने आवास पर संबंधित विभाग की मीटिंग बुलाई और कहा कि हर वे घर जिनके यहां छत है, उन्हें सूर्य की एनर्जी का फायदा मिलेगा और बिजली की बिल भी कम हो जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से बिजली की जरूरतों का उपयोग भारत को आत्मनिर्भर बनाने में किया जा सकता है।
इसके अलावा, भी जिन लोगों के घरों में छत पर पर्याप्त जगह है, उसका यूज भी इसी बहाने हो जाएगा। साथ ही साथ सोलर रूफटॉप सिस्टम का फायदा यह भी होता है कि इसमें भारी रकम बार-बार नहीं खर्च होती। शुरुआत में थोड़ा-बहुत खर्च करके जब सोलर पैनल आपके छत पर लग गया तो बस, खर्च की ज्यादा जरूरत नहीं। मेंटिनेंस में भी काफी कम खर्च आता है।
किसे मिलेगा प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का फायदा?
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उसी दिन प्रधानमंत्री की तरफ से लिया गया यह फैसला कम और मध्यम आय वाले लोगों के लिए है। यानी इस योजना के तहत लोअर-मिडिल इनकम क्लास के लोगों के घर में सोलर एनर्जी से बिजली पहुंचानी है।
क्या होता है रूफटॉप सोलर?
इस में घर की छत के ऊपर सोलर पैनल्स लगाए जाते हैं। इस पैनल्स में सोलर प्लेट लगी होती हैं। रूफटॉप सोलर ऐसी तकनीक है जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा खींचकर बिजली बनाती है। इसके पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स लगे होते हैं जो फोटो यानी लाइट को बिजली में बदलते हैं यानी सौर ऊर्जा को तब्दील कर के बिजली बना देते हैं। इस बिजली में और पावर ग्रिड से आने वाली बिजली में अंतर नहीं होता। ये भी वहीं काम करती है जो पावर ग्रिड से आने वाली बिजली करती है।
कैसे करें प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के लिए अप्लाई?
हालांकि, इसके लिए अभी तक सरकार ने कोई ऑफिशियल वेबसाइट, पोर्टल या किसी प्रक्रिया का अभी तक कोई ऐलान नहीं किया है। जल्द ही इसे लेकर पोर्टल जारी किया जा सकता है। लेकिन, इसका आवेदन सरकारी पोर्टल नैशनल पोर्टल फॉर रूफटॉप सोलर (National Portal for Rooftop Solar) पर किया जाएगा। आइये जानते हैं कैसे-
- इस नई स्कीम के तहत अप्लाई करने के लिए आपको सरकार के ऑफिशियल पोर्टल पर जाना होगा और रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- रजिस्ट्रेशन करते ही आपका अपना अकाउंट क्रिएट हो जाएगा। उसपर जाकर लॉगिन करना है और जरूरी जानकारी जैसे इलेक्ट्रीसिटी कंज्यूमर नंबर, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी मांगी जा सकती है, जिसे अपलोड कर आपको सब्मिट कर देना है।
- इसके बाद आपको सरकार की तरफ से उन रजिस्टर्ड विक्रेता की लिस्ट मिल जाएगी, जो आपके इलाके में उपलब्ध हैं।
- लिस्ट में विक्रेता को सिलेक्ट करने के बाद आपका आवेदन अप्रूवल के लिए DISCOM के पास पहुंच जाएगा।
- जैसे ही DISCOM की तरफ से अप्रूवल मिल जाता है, आप सोलर प्लांट लगवा सकेंगे। जैसे ही सोलर प्लांट इंस्टाल हो जाता है, प्लांट की डिटेल आपको ऑफिशियल वेबसाइट पर सब्मिट करनी है, और नेट मीटर के लिए अप्लाई करना है।
- और अब अंतिम स्टेप। आपको पोर्टल के जरिये ही बैंक अकाउंट डिटेल और कैंसेल्ड चेक सब्मिट करना होगा। कुछ ही दिनों में सरकार की तरफ से मिलने वाला फायदा आप तक पहुंच जाएगा।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
अगर आप भी प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत सोलर पैनल अपने घर में लगवाना चाह रहे हैं तो नीचे बताए गए कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत आपको पड़ सकती है। इसके लिए सरकार की तरफ से पोर्टल जारी होने के बाद पूरी तरह से जानकारी मिल सकेगी।
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाणपत्र
- राशन कार्ड
- बिजली का बिल
- मोबाइल नंबर
- बैंक डिटेल
- पासपोर्ट साइज फोटो
जैसा कि प्रधानमंत्री ने बड़ी तेजी से यह निर्णय लिया है, उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही पूरी प्रक्रिया को शुरू कर देगी। ऐसे में आप सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ तैयार रहें और समय आते ही अप्लाई करें।
कितना आता है सोलर पैनल लगाने का खर्च?
सोलर पैनल से बिजली बनाने का खर्च पैनल के मॉड्यूल और इनवर्टर पर निर्भर होता है। 1 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने में 45 से 85 हजार रुपए तक का खर्च आता है। इसके अलावा बैटरी का खर्च अलग होता है। इसी प्रकार, 5 किलोवॉट के सोलर पैनल को लगवाने में 2.25 से 3.25 लाख रुपए तक का खर्च आता है।
सोलर प्रोग्राम सरकार के प्रमुख एजेंडे में है शामिल:
रूफटॉप सोलर प्रोग्राम को बढ़ावा देना मोदी सरकार के प्रमुख एजेंडे में शामिल है. यह पहला मौका नहीं है जब सरकार इस तरह की योजना को लांच किया है. इससे पहले भी इस तरह की पहल सरकार की ओर से की जा चुकी है. साल 2014 में सरकार ने रूफटॉप सोलर प्रोग्राम लॉन्च किया था जिसका लक्ष्य 2022 तक 40,000 मेगावाट या 40 गीगावाट की सोलर क्षमता हासिल करने का था.
‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ के मुख्य लाभ
1. बिजली के बिल में कमी: इस योजना से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बिजली के बिल में काफी कमी आने की उम्मीद है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
2. स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग: सौर ऊर्जा, जो कि एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत है, के उपयोग से पर्यावरणीय संरक्षण में योगदान मिलेगा।
3. ऊर्जा स्वावलंबन: यह योजना घरों को अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अधिक स्वावलंबी बनाएगी।
4. अक्षय ऊर्जा का प्रोत्साहन: यह योजना अक्षय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने का कार्य करेगी, जिससे भारत में ऊर्जा स्रोतों की विविधता में वृद्धि होगी।
5. आर्थिक बचत: घरेलू बिजली के खर्च में कमी से परिवारों की आर्थिक बचत में इजाफा होगा।
6. पर्यावरणीय लाभ: सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल करने से कार्बन फुटप्रिंट कम होगा, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा में सहायता मिलेगी।
7. ऊर्जा की सुलभता: दूरदराज के इलाकों में भी सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचाई जा सकती है, जिससे ऊर्जा की सुलभता में वृद्धि होगी।
इन लाभों के माध्यम से, यह योजना न केवल व्यक्तिगत परिवारों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन का सूत्रपात करेगी।
सौर ऊर्जा का विस्तार भारत के लिए कितना महत्त्वपूर्ण?
- माँग में सर्वाधिक वृद्धि: अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के नवीनतम विश्व ऊर्जा आउटलुक के अनुसार, अगले 30 वर्षों में भारत में दुनिया के किसी भी देश या क्षेत्र की तुलना में सबसे बड़ी ऊर्जा माँग में वृद्धि होने की उम्मीद है।
- इस माँग को पूरा करने के लिए देश को ऊर्जा के एक विश्वसनीय स्रोत की आवश्यकता होगी और यह सिर्फ कोयला संयंत्र नहीं हो सकते।
- वर्ष 2030 तक लक्ष्य: हालाँकि भारत ने हाल के वर्षों में अपने कोयला उत्पादन को दोगुना कर दिया है, लेकिन इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता तक पहुँचने का भी है।
- भारत में यह क्षमता वर्ष 2010 में 10 मेगावाट से कम से बढ़ाकर वर्ष 2023 में 70.10 गीगावाट कर दिया है।
सौर ऊर्जा से संबंधित अन्य पहलें
- सृष्टि योजना: भारत में रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत के सौर परिवर्तन (सृष्टि) योजना का सतत रूफटॉप कार्यान्वयन।
- सौर पार्क योजना: सौर पार्क योजना के तहत कई राज्यों में लगभग 500 मेगावाट की क्षमता वाले कई सौर पार्क बनाने की योजना बनाई गई है।
- राष्ट्रीय सौर मिशन: यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा चुनौती को संबोधित करते हुए पारिस्थितिक रूप से सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों की एक प्रमुख पहल है।
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA):
- भारत और फ्राँस के संयुक्त प्रयास के रूप में ISA की संकल्पना वर्ष 2015 में 21वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP21) के दौरान की गई थी।
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के बढ़ते प्रयोग के लिए एक कार्य-उन्मुख, सदस्य-संचालित, सहयोगी मंच है।
- किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम): ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफ-ग्रिड सौर पंपों की स्थापना का समर्थन करने और ग्रिड पर निर्भरता को कम करने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पीएम -कुसुम योजना प्रारंभ की गई थी।
PM Suryoday Yojana in Hindi
विशेषता | जानकारी |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना |
घोषणा की तारीख | सटीक तारीख उपलब्ध नहीं है। |
उद्देश्य | गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बिजली के खर्च में राहत प्रदान करना। |
लाभार्थी | गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार। |
मुख्य पहल | एक करोड़ घरों की छतों पर सोलर रूफ टॉप सिस्टम लगाना। |
राजनीतिक महत्व | बिजली के मुद्दे पर राजनीतिक चर्चाओं और वादों का जवाब। |
ऊर्जा संरक्षण | सोलर ऊर्जा के उपयोग से ऊर्जा की बचत और पर्यावरण संरक्षण। |
आर्थिक लाभ | बिजली के बिलों में कमी, जिससे खर्च में बचत होगी। |
सामाजिक प्रभाव | बिजली की सुलभता और किफायती होने से समाज के हर वर्ग को लाभ। |
भविष्य की योजना/रोडमैप | सरकार जल्द ही योजना के लिए विस्तृत रोडमैप जारी करेगी, जिसमें इसके क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी होगी। |
2024 में PM मोदी ने शुरू किया था सोलर प्लांट लगाने का अभियान
22 जनवरी को सरकार की तरफ से उठाया गया कदम अब तक का सबसे बड़ा कदम तो है, लेकिन पहला नहीं है। पहली बार PM मोदी जब प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाले, उसी साल ही उन्होंने रूफटॉप सोलर प्रोग्राम लॉन्च कर दिया था। सरकार का लक्ष्य 2022 तक 40,000 मेगावाट या 40 गीगावाट की सोलर क्षमता हासिल करने का था।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, दिसंबर 2023 तक भारत में सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता लगभग 73.31 गीगावॉट तक पहुंच गई है. इस बीच, दिसंबर 2023 तक रूफटॉप सोलर क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है. विश्व ऊर्जा आउटलुक की माने तो अगले 30 वर्षों में भारत में दुनिया के किसी भी देश या क्षेत्र की तुलना में सबसे बड़ी ऊर्जा मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है ऐसे में इस तरह के प्रोग्राम भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकते है.
FAQ
1. Q: ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A: इस योजना का मुख्य उद्देश्य घरों की छतों पर सोलर पैनल्स लगाकर बिजली के खर्च में कमी लाना है।
2. Q: किस वर्ग के लोग ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ के लिए पात्र हैं?
A: इस योजना का लाभ मुख्य रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को मिलेगा।
3. Q: ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ में कितने घरों पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है?
A: इस योजना में एक करोड़ घरों पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है।
4. Q: ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ के तहत सोलर पैनल्स लगाने से क्या लाभ होगा?
A: इससे बिजली बिल में कमी, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग और पर्यावरण संरक्षण होगा।
5. Q: ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ के तहत सोलर पैनल्स का खर्च कौन वहन करेगा?
A: योजना के वित्तीय विवरण अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन संभावना है कि सरकार इसमें सहायता प्रदान करेगी।