छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय उद्यान : इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान | गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान | उदंती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान | अचानकमार राष्ट्रीय उद्यान

छत्तीसगढ़ राज्य में कई राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक समृद्धि का साक्षात्कार कराते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य भारत के मध्य भाग में स्थित एक राज्य है, जिसके अधिकांश भूभाग घने वनों और नदियों से भरा हुआ है। यह राज्य अपनी अनोखी संस्कृति, पर्वतीय स्थलों और जीव जंतुओं के लिए प्रसिद्ध है। यह उद्यान विभिन्न प्राकृतिक वन्यजीव जानवरों, पक्षियों, पौधों और प्राकृतिक सौंदर्य से भरे हैं और पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल हैं। इस लेख में, हम छत्तीसगढ़ राज्य में कुछ प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में चर्चा करेंगे, जो प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

“राष्ट्रीय उद्यान” भारत में प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण के लिए निर्मित विशेष स्थान हैं। ये उद्यान वन्यजीवों, पक्षियों, प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल होते हैं। राष्ट्रीय उद्यानों को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यान अधिनियम, 1972 के तहत गठित किया गया है। ये उद्यान वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकारी निधि, संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान हैं।

राष्ट्रीय उद्यान भारत की प्राकृतिक समृद्धि और बाग़-बेर वन्यजीव से जुड़े अद्भुत दर्शनीय स्थल होते हैं जो यात्रियों को अपनी सुंदरता और वन्यजीव समृद्धि से प्रभावित करते हैं। राष्ट्रीय उद्यान भारतीय प्राकृतिक संसाधनों के लिए संरक्षण और समृद्धि का एक महत्वपूर्ण आधार हैं जो उन्हें अन्य विकास कार्यों से बचाते हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य में चार राष्ट्रीय उद्यान हैं:

  • इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

  • गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान

  • उदंती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान

  • अचानकमार राष्ट्रीय उद्यान

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है. यह 1978 में स्थापित किया गया था और इसका क्षेत्रफल 2,799 वर्ग किमी है. यह उद्यान बीजापुर जिले में स्थित है और इंद्रावती नदी के किनारे फैला हुआ है. इस उद्यान में बाघ, तेंदुआ, चीता, गौर, सांभर, नीलगाय, जंगली भैंस, जंगली सुअर, लंगूर, बंदर, गिद्ध, मोर, तीतर आदि जैसे विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं.

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या सबसे अधिक है. इस उद्यान में 96 बाघों की मौजूदगी का अनुमान है. इसके अलावा, इस उद्यान में तेंदुओं, चीतों, गौरों, सांभरों, नीलगायों, जंगली भैंसों, जंगली सुअरों, लंगूरों, बंदरों, गिद्धों, मोरों, तीतरों आदि सहित कई अन्य प्रकार के वन्यजीव भी पाए जाते हैं.

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान को 1983 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत एक टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया था. यह उद्यान भारत के सबसे महत्वपूर्ण बाघ अभयारण्यों में से एक है.

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में एक समृद्ध और विविध वनस्पति है. इस उद्यान में साल, सागौन, महुआ, तेंदू, कदम, बांस आदि जैसे विभिन्न प्रकार के पेड़ पाए जाते हैं. इसके अलावा, इस उद्यान में विभिन्न प्रकार के पौधे और जड़ी-बूटियां भी पाई जाती हैं.

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में एक मनोरम और आकर्षक प्राकृतिक दृश्य है. इस उद्यान में घने जंगल, ऊंचे पहाड़, गहरी घाटियां, और बहती नदियां आदि हैं. यह उद्यान पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है.

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण है. इस उद्यान में विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों को शिकारियों और अन्य खतरों से बचाने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं. इसके अलावा, इस उद्यान में वन्यजीवों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था भी की गई है.

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है. इस उद्यान में पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि जंगल सफारी, ट्रैकिंग, कैंपिंग, आदि. इन गतिविधियों से पर्यटक इस उद्यान की प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों की विविधता का आनंद ले सकते हैं.

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र है जो कई प्रकार के वन्यजीवों और वनस्पतियों को आश्रय देता है. इस उद्यान के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देना हमारे लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है. यह 1981 में स्थापित किया गया था और इसका क्षेत्रफल 1,441 वर्ग किमी है. यह उद्यान कोरिया जिले में स्थित है और महानदी के किनारे फैला हुआ है. इस उद्यान में बाघ, तेंदुआ, चीता, गौर, सांभर, नीलगाय, जंगली भैंस, जंगली सुअर, लंगूर, बंदर, गिद्ध, मोर, तीतर आदि जैसे विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं.

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है. यहां पर्यटक वन्यजीवों को देखने, जंगल में घूमने, और प्रकृति का आनंद लेने के लिए आते हैं. यह उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है.

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह उद्यान वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आवास प्रदान करता है और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाता है.

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को संरक्षित करना और इसकी सुंदरता को बनाए रखना सभी का दायित्व है.

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उंदती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का तीसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है. यह 1995 में स्थापित किया गया था और इसका क्षेत्रफल 1,051 वर्ग किमी है. यह उद्यान कांकेर जिले में स्थित है और उदंती और सीतानदी नदियों के किनारे फैला हुआ है. इस उद्यान में बाघ, तेंदुआ, चीता, गौर, सांभर, नीलगाय, जंगली भैंस, जंगली सुअर, लंगूर, बंदर, गिद्ध, मोर, तीतर आदि जैसे विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं.

उंदती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान एक महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट है और यह क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस उद्यान को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के उपाय किए गए हैं, जिनमें वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध, वन्यजीवों के लिए आवासों का निर्माण, वन्यजीवों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था आदि शामिल हैं.

उंदती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है. इस उद्यान में पर्यटक वन्यजीवों को देखने, जंगल में घूमने, और प्रकृति का आनंद लेने का अवसर मिलता है. इस उद्यान में पर्यटन से राज्य को आर्थिक लाभ भी होता है.

उंदती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है और इस उद्यान को संरक्षित करना और इसकी सुंदरता को बनाए रखना सभी का दायित्व है.

यहां कुछ तथ्य दिए गए हैं जो उदंती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान के बारे में जानने में आपकी मदद कर सकते हैं:

  • यह उद्यान 1995 में स्थापित किया गया था.
  • यह उद्यान 1,051 वर्ग किमी (406 वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है.
  • यह उद्यान उदंती और सीतानदी नदियों के नाम पर है.
  • इस उद्यान में बाघ, तेंदुआ, चीता, गौर, सांभर, नीलगाय, जंगली भैंस, जंगली सुअर, लंगूर, बंदर, गिद्ध, मोर, तीतर आदि जैसे विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं.
  • यह उद्यान पक्षी विहार के रूप में भी प्रसिद्ध है और यहां पर विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें सारस, बगुला, कठफोड़वा, तोता, मैना आदि शामिल हैं.
  • यह उद्यान एक महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट है.
  • यह क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लिए भी महत्वपूर्ण है.
  • इस उद्यान को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के उपाय किए गए हैं.
  • यह उद्यान पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है.

अचानकमार राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का चौथा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है. यह 1975 में स्थापित किया गया था और इसका क्षेत्रफल 557.55 वर्ग किमी है. यह उद्यान बिलासपुर जिले में स्थित है और इंद्रावती नदी के किनारे फैला हुआ है. इस उद्यान में बाघ, तेंदुआ, चीता, गौर, सांभर, नीलगाय, जंगली भैंस, जंगली सुअर, लंगूर, बंदर, गिद्ध, मोर, तीतर आदि जैसे विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं.

अचानकमार राष्ट्रीय उद्यान एक सुंदर और प्राकृतिक उद्यान है. इस उद्यान में घने जंगल, पहाड़, नदियाँ और झरने हैं. यह उद्यान पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है. पर्यटक इस उद्यान में घूमने, वन्यजीवों को देखने और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं.

अचानकमार राष्ट्रीय उद्यान को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. इन कदमों में वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध, वन्यजीवों के लिए आवासों का निर्माण, वन्यजीवों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था आदि शामिल हैं. इन कदमों से अचानकमार राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि हुई है.

अचानकमार राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है. यह उद्यान वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

छत्तीसगढ़ राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किए गए हैं. इन उपायों में वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध, वन्यजीवों के लिए आवासों का निर्माण, वन्यजीवों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था आदि शामिल हैं. इन उपायों से छत्तीसगढ़ राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों में वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि हुई है.

छत्तीसगढ़ राज्य के राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र हैं. इन उद्यानों में पर्यटकों को वन्यजीवों को देखने, जंगल में घूमने, और प्रकृति का आनंद लेने का अवसर मिलता है. छत्तीसगढ़ राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटन से राज्य को आर्थिक लाभ भी होता है.

छत्तीसगढ़ राज्य के राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन उद्यानों को संरक्षित करना और इनकी सुंदरता को बनाए रखना सभी का दायित्व है.

राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान, हेमिस राष्ट्रीय उद्यान है, जोकि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में स्थित है |
  • भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान साउथ बटन राष्ट्रीय उद्यान है, जोकि अंडमान निकोबार द्वीप समूह केंद्र शासित प्रदेश में स्थित है |
  • एशियाई शेर गिर राष्ट्रीय उद्यान गुजरात में पाए जाते हैं |
  • रॉयल बंगाल टाइगर प्राकृतिक स्थान सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान है |
  • भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान है, जिसकी स्थापना 1936 में की गई थी  और यह उत्तराखंड राज्य में स्थित है |
  • स्वतंत्रता के बाद पहली बार भारत में कूनो नेशनल पार्क में चिता को लाया जाएगा |
  • भारत में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में स्थित है, उसके बाद कर्नाटक में  है |
  • भारत में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश राज्य में है, मध्य प्रदेश में कुल 11 राष्ट्रीय उद्यान है |
  • असम राज्य में हाल ही में दो नए राष्ट्रीय उद्यानों को मान्यता दी गई हैं, जिनके नाम हैं – 1.दिहांग पटकाई राष्ट्रीय अभ्यारण और 2.रायमोना नेशनल पार्क |
  • रुद्रसागर झील नेशनल पार्क मध्य प्रदेश में स्थित है, जबकि रुद्रसागर झील त्रिपुरा में भी स्थित हैं, जो रामसर साइट है |
  • असम के ओरांग नेशनल पार्क का नया नाम राजीव गांधी ओरांग नेशनल पार्क है |

भारत में कुल कितने राष्ट्रीय उद्यान है?

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 104 राष्ट्रीय उद्यान है।

राष्ट्रीय उद्यान किसे कहते हैं?

राष्ट्रीय उद्यान को वन्यजीवों या विलुप्त होने वाले जानवरों के संरक्षण एवं पर्यावरण बचाव के लिए बनाया जाता है।

भारत में कुल कितने वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है?

551 वन्यजीव अभयारण्य

भारत का सबसे पुराना नेशनल पार्क कौन सा है?

भारत में सबसे पुराना नेशनल पार्क कॉर्बेट नेशनल पार्क है जिसे 1936 में उत्तराखंड में बनाया गया था।

भारत का सबसे बड़ा नेशनल पार्क कौन सा है?

लद्दाख में हेमिस नेशनल पार्क जो 4400 वर्ग किमी क्षेत्रफल का।

भारत में राष्ट्रीय उद्यानों की सूची (List of National Parks in Hindi in India)

 

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश कुल   उद्यानों की संख्या राष्ट्रीय उद्यान का नाम स्थापना का वर्ष
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह 9 कैम्पबॅल बे राष्ट्रीय उद्यान 1992
गैलाथिया बे राष्ट्रीय उद्यान 1992
महात्मा गांधी मरीन(वंडूर) नेशनल पार्क 1982
मिडल बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान 1987
माउन्ट हैरियट राष्ट्रीय उद्यान 1987
नौर्थ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान 1987
रानी झाँसी मरीन राष्ट्रीय उद्यान 1996
सैडल पीक राष्ट्रीय उद्यान 1987
साउथ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान 1987
आंध्रप्रदेश 3 पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान 2008
राजीव गाँधी(रामेश्वरम) राष्ट्रीय उद्यान 2005
श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान 1989
अरुणाचल प्रदेश 2 मोलिंग राष्ट्रीय उद्यान 1986
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान 1983
असम 5 डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान 1999
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 1974
मानस राष्ट्रीय उद्यान 1990
नामेरी राष्ट्रीय उद्यान 1998
राजीव गाँधी ओरंग राष्ट्रीय उद्यान 1999
बिहार 1 वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान 1989
छतीसगढ़ 3 गुरु घासीदास (संजय) राष्ट्रीय उद्यान 1981
इंद्रावती(कुटरू) राष्ट्रीय उद्यान 1982
कांगार वैली राष्ट्रीय उद्यान 1982
गोवा 1 मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान 1992
गुजरात 4 वांसदा राष्ट्रीय उद्यान 1979
ब्लैकबक (वेलवदर) नेशनल पार्क 1976
गिर राष्ट्रीय उद्यान 1975
समुद्री(मरीन) राष्ट्रीय उद्यान(कच्छ की खाड़ी) 1982
हरियाणा 2 कालेसर राष्ट्रीय उद्यान 2003
सुल्तानपुर राष्ट्रीय अभ्यारण्य 1989
हिमाचल प्रदेश 5 ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान 1984
इन्द्रकिला राष्ट्रीय उद्यान 2010
खीरगंगा राष्ट्रीय उद्यान 2010
पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान 1987
सिम्बलबारा राष्ट्रीय उद्यान 2010
जम्मू और कश्मीर 4 सिटी फारेस्ट (सलीम अली) राष्ट्रीय उद्यान 1992
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान 1981
किश्तवार राष्ट्रीय अभ्यारण्य 1981
झारखण्ड 1 बेतला नेशनल पार्क 1986
कर्नाटक 5 अंशी राष्ट्रीय उद्यान 1987
बांदीपुर नेशनल पार्क 1974
बन्नेरुघट्टा जैव उद्यान 1974
कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान 1987
नागरहोल(राजीव गाँधी) नेशनल पार्क 1988
केरल 6 अनामुदी शोला नेशनल पार्क 2003
एराविकुलम नेशनल पार्क 1978
मथिकेटन शोला नेशनल पार्क 2003
पम्बादुम शोला नेशनल पार्क 2003
पेरियार राष्ट्रीय उद्यान 1982
साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान 1984
मध्यप्रदेश 9 बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान 1968
फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान 1983
इंद्रा प्रियदर्शनी पेंच नेशनल पार्क 1975
कान्ह राष्ट्रीय उद्यान 1955
माधव राष्ट्रीय उद्यान 1959
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान 1981
संजय राष्ट्रीय उद्यान 1981
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 1981
वान विहार राष्ट्रीय उद्यान 1979
महाराष्ट्र 6 चंदौली राष्ट्रीय उद्यान 2004
गुगामल राष्ट्रीय उद्यान 1975
नवगांव राष्ट्रीय उद्यान 1975
पेंच(जवाहरलाल नेहरु) राष्ट्रीय उद्यान 1975
संजय गाँधी (बोरावली) राष्ट्रीय उद्यान 1983
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान 1955
मणिपुर 1 केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान 1977
मेघालय 2 बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान 1985
नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान 1986
मिजोरम 2 मुर्लेन राष्ट्रीय उद्यान 1991
फौंगपुइ राष्ट्रीय उद्यान 1992
नागालैंड 1 न्टङ्की राष्ट्रीय उद्यान 1993
ओडिशा 2 भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान 1988
सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य 1980
राजस्थान 5 मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान 2006
डेजर्ट नेशनल पार्क 1992
केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान 1981
रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान 1980
सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान 1992
सिक्किम 1 कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान 1977
तमिलनाडु 5 गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान 1976
समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, मन्नार की खाड़ी 1980
इंदिरा गाँधी (अन्नामलाई) नेशनल पार्क 1989
मुदुमलै वन्यजीव अभयारण्य 1990
मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान 1990
लद्दाख 1 हेमिस नेशनल पार्क 1981
तेलंगाना 3 कासु ब्रह्मानन्द रेड्डी राष्ट्रीय उद्यान 1994
महावीर हरिण वनस्थली राष्ट्रीय उद्यान 1994
मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान 1994
त्रिपुरा 2 क्लाउडेड लेपर्ड नेशनल पार्क 2007
बिसन (राजबारी)नेशनल पार्क 2007
उत्तर प्रदेश 1 दुधवा नेशनल पार्क 1977
उत्तराखंड 6 कॉर्बेट नेशनल पार्क 1936
गंगोत्री नेशनल पार्क 1989
गोविन्द नेशनल पार्क 1990
नंदा देवी नेशनल पार्क 1982
राजाजी नेशनल पार्क 1983
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान 1982
पश्चिम बंगाल 6 बक्सा नेशनल पार्क 1992
गोरुमारा नेशनल पार्क 1992
जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान 2014
न्योरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान 1986
सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान 1986
सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान 1984

 

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