CGPSC PRELIMS (प्रारम्भिक परीक्षा )
First Question Paper
( प्रथम प्रश्न पत्र ) |
General Studies( सामान्य अध्ययन ) | कुल प्रश्न – 100 ,कुल अंक 200 , समय 2 घंटा | सही उत्तर 2 अंक (+ve )
गलत उत्तर 1/3 अंक (-ve ) |
Second Question Paper
(द्वितीय प्रश्न पत्र ) |
Aptitude Test( योग्यता परीक्षा )* | कुल प्रश्न – 100 ,कुल अंक 200 , समय 2 घंटा | सही उत्तर 2 अंक (+ve )
गलत उत्तर 1/3 अंक (-ve ) |
नोट-: 1) दोनों प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रकार के बहुविकल्पीय(MCQ TYPE) होंगे तथा प्रत्येक प्रश्न के उत्तर में 4 विकल्प होंगे
2) दोनों प्रश्न पत्र अनिवार्य होंगे जिनमे न्यूनतम अहर्ता अंक (minimum qualifying marks) – अनारक्षित(unreserved) वर्ग के लिए 33% तथा आरक्षित(reserved) वर्ग के लिए 23% होगा
* Aptitude Test( योग्यता परीक्षा ) प्रश्न पत्र केवल अहर्कारी(qualifying) प्रकृति की होगी अतः मुख्य परीक्षा के लिए मेरिट लिस्ट का निर्धारण केवल General Studies( सामान्य अध्ययन ) में प्राप्त अंको के आधार पर होगा
CGPSC प्रारम्भिक परीक्षा -: प्रश्न पत्र-1 First Question Paper( GS ):
भाग 1 – सामान्य अध्ययन:- (50 प्रश्न इस भाग से)1. भारत का इतिहास एवं भारत का स्वतंत्रता आंदोलन ।2. भारत का भौतिक , सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल ।3. भारत का संविधान एवं राज्य व्यवस्था।4. भारत की अर्थ व्यवस्था।5. सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ।6. भारतीय दर्शन, कला साहित्य एवं संस्कृति ।7. समसामयिक घटनाएं एवं खेल।8. पर्यावरण।भाग 2 – छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान:- (50 प्रश्न इस भाग से)1. छत्तीसगढ़ का इतिहास एवं स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ कायोगदान ।2. छत्तीसगढ़ का भूगोल , जलवायु, भौतिक दशाएं, जनगणना, पुरातात्विकएवं पर्यटन क केंद्र ।3. छत्तीसगढ़ का साहित्य, संगीत, नृत्य , कला एवं संस्कृति , जनऊला,मुहावरे , हाना एवं लोकोक्तियाँ4. छत्तीसगढ़ की जनजातियां, विशेष परम्पराएँ , तीज एवं त्यौहार ।5. छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था, वन एवं कृषि ।6. छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक ढांचा , स्थानीय शासन एवं पंचायती राज।7. छत्तीसगढ़ में उद्योग , ऊर्जा , जल एवं खनिज संसाधन।8. छत्तीसगढ़ की समसामयिक घटनाएं।3) CGPSC प्रारम्भिक परीक्षा – : प्रश्न पत्र-2 Second Question Paper( CSAT ):
- 1. संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल ।
2. तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता।3. निर्णय – निर्माण और समस्या निवारण।4. सामान्य मानसिक योग्यता ।5. मूल संख्यात्मक कार्य (सामान्य गणितीय कौशल ) ( स्तर-कक्षा दसवीं ) ,आंकड़ो की व्याख्या ( चार्ट, रेखांकन , तालिकाएं, आकड़ों की पर्याप्तताइत्यादि (स्तर-कक्षा दसवी )।6. हिन्दी भाषा ज्ञान (स्तर-कक्षा दसवीं)।7. छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान।हिन्दी भाषा ज्ञान और छत्तीसगढ़ी भाषा से संबंधित प्रश्न उसी भाषामें होंगे , इनका अनुवाद उपलब्ध नही होगा ।
CGPSC MAINS ( मुख्य परीक्षा )
S.NO. | प्रश्न पत्र संख्या | प्रश्न पत्र का नाम | प्रश्न पत्र की अवधि | कुल अंक | |
1. | I | भाषा | 3 घंटे | 200 | |
2. | II | निबंध | 3 घंटे | 200 | |
3. | III | इतिहास, संविधान एवं लोक प्रशासन | 3 घंटे | 200 | |
4. | IV | विज्ञान, प्रौद्यौगिकी एवं पर्यावरण ,गणित एवं तार्किक योग्यता | 3 घंटे | 200 | |
5. | V | अर्थव्यवस्था एवं भूगोल | 3 घंटे | 200 | |
6. | VI | दर्शन एवं समाजशास्त्र | 3 घंटे | 200 | |
7. | VII | योजनाए, शिक्षा ,मानव विकास तथा समसामयिकि | 3 घंटे | 200 | |
कुल अंक | 1400 |
नोट -: 1 ) मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्न पत्र परम्परागत (Conventional type ) प्रकार के लघु /मध्यम /दीर्घ उत्तरीय होंगे
2) सभी प्रश्न पत्र अनिवार्य होंगे तथा भाषा (Language)पेपर को छोड़कर अन्य सभी प्रश्न पत्रों के उत्तर हिंदी या अंग्रेजी किसी भी एक माध्यम में लिख सकते हैं ,दोनों भाषाओँ अर्थात मिश्रित लेखन की अनुमति नहीं होगी
3) निबंध में प्रत्येक भाग में दो- दो अर्थात कुल चार निबंध लिखने होंगे
4) मुख्य परीक्षा प्रश्न पत्र के लिए खंड अनुसार अंक विभाजन (partwise marking details) व उत्तरों की शब्द सीमा सम्बन्धी जानकारी PDF से देखें
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम (Paper 1) भाषा (Language) (अंक -200 ,अवधि – 3 घंटा )
- भाषा-बोध,
- संक्षिप्त लेखन,
- पर्यायवाची एवं विलोम शब्द,
- समोच्चरित शब्दों के अर्थ भेद,
- वाक्यांश के लिए एक सार्थक शब्द,
- संधि एवं संधि-विच्छेद,
- सामासिक पदरचना एवं समास-विग्रह,
- तत्सम एवं शब्द, शब्द शुद्धि, वाक्य शुद्धि,
- उपसर्ग एवं प्रत्यय,
- मुहावरें एवं लोकोक्ति (अर्थ एवं प्रयोग)
- पत्र लेखन।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास में काल विभाजन एवं नामकरण,
- छत्तीसगढ़ के साहित्यकार एवं उनकी रचनाएं।
- अपठित गद्यांश,
- शब्द युग्म,
- प्रारूप लेखन,विज्ञापन,प्रपत्र,परिपत्र, पृष्ठांकन, अधिसूचना टिप्पणी लेखन,शासकीय अर्धशासकीय पत्र,प्रतिवेदन पत्रकारिता,
- अनुवाद (हिन्दी से अंग्रेजी तथा अंग्रेजी से हिन्दी)
- Comprehension,
- Precis Writing,
- Re arrangement and correction of sentences,
- Synonyms, Antonyms,
- Filling the blanks,
- Correction of spelling,
- Vocabulary and usage,
- Idioms and Phrases,
- Tenses,
- Prepositions,
- Active Voice and Passive Voice,
- Parts of Speech.
- छत्तीसगढी़ भाषा का ज्ञान,
- छत्तीसगढ़ी भाषा का विकास एवं इतिहास,
- छत्तीसगढ़ी भाषा का साहित्य एवं प्रमुख साहित्यकार,
- छत्तीसगढ़ी का व्याकरण, शब्द साधन-संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, वाच्य, अव्यय (क्रिया विशेषण, संबंध बोधक, विस्मयादि बोधक) कारक, काल, लिंग, वचन, शब्द रचना की विधियाँ, उपसर्ग, प्रत्यय
- संधि (अ) हिन्दी में संधि, (ब) छत्तीसगढ़ी में संधि, समास,
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग,
- छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास में समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, आकाशवाणी व सिनेमा की भूमिका,
- लोकव्यवहार में छत्तीसगढ़ी,
- छत्तीसगढ़ी भाषा का सामान्य परिचय- नामकरण, छत्तीसगढ़ी भाषा का परिचय, छत्तीसगढ़ी में क्रियाओं में वर्तमान, भूत तथा पूर्ण+अपूर्ण वर्तमान भविष्य काल के रूप काल, लिखना-क्रिया के भूतकाल के रूप, पूर्ण+अपूर्ण भूतकाल, पढ़ना-क्रिया के भविष्यकाल के रूप, पूर्ण-अपूर्ण भविष्यकाल
- पाद- टिप्पणी।
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम Paper 02
- भाग-1: अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे –
अभ्यर्थी को कुल दो मुद्दो पर निबंध (कारण, वर्तमान स्थिति आँकड़ों सहित एवं समाधान)लिखना होगा। इस भाग से चार मुद्दे दी जाएंगी जिनमे से दो मुद्दों पर लगभग 750-750 शब्दों मे निबंध लिखना होगा इस भाग के प्रत्येक मुद्दे हेतु अधिकतम 50 अंक होंगे। - भाग-2:छत्तीसगढ़ राज्य स्तर के मुद्दे –
अभ्यर्थी को कुल दो मुद्दो पर निबंध (कारण, वर्तमान स्थिति आँकड़ों सहित एवं समाधान)लिखना होगा। इस भाग से चार मुद्दे दी जाएंगी जिनमे से दो मुद्दों पर लगभग 750-750 शब्दों मे निबंध लिखना होगा इस भाग के प्रत्येक मुद्दे हेतु अधिकतम 50 अंक होंगे।
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम Paper 03
General Studies – I इतिहास, संविधान एवं लोक प्रशासन (अंक -200 ,अवधि – 3 घंटा )
प्रागैतिहासिक काल, सिंधु सभ्यता, वैदिक सभ्यता, जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म, मगध साम्राज्य का उदय, मौर्य-राजनय तथा अर्थव्यवस्था, शुंग, सातवाहन काल, गुप्त साम्राज्य, गुप्त-वाकाटक काल में कला, स्थापत्य साहित्य तथा विज्ञान का विकास, दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश। मध्यकालीन भारतीय इतिहास, सल्तनत एवं मुगल काल, विजय नगर राज्य, भक्ति आन्दोलन, सूफीवाद, क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य का विकास, मराठों का अभ्युदय, यूरोपियों का आगमन तथा ब्रिटिश सर्वोच्चता स्थापित होने के कारक, ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार-युद्ध एवं कूटनीति, ग्रामीण अर्थव्यवस्था-कृषि, भू-राजस्व व्यवस्था-स्थाई बंदोबस्त, रैय्यतवाड़ी, महालवाड़ी, हस्तशिल्प उद्योगों का पतन। ईस्ट इंडिया कम्पनी के रियासतों के साथ संबध, प्रशासनिक संरचना में परिवर्तन 1858 के पश्चात् नगरीय अर्थव्यवस्था-रेलों का विकास, औद्योगीकरण, संवैधानिक विकास, सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन-ब्रह्म समाज, आर्य समाज, प्रार्थना समाज रामकृष्ण मिशन, राष्ट्रवाद का उदय, 1857 की क्रांति, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना, बंगाल का विभाजन और स्वदेशी आंदोलन साम्प्रदायिकता का उदय एवं विकास, क्रांतिकारी आंदोलन, होमरूल आन्दोलन, गांधीवादी आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, मजदूर किसान एवं आदिवासी आंदोलन, दलितों में सुधार आंदोलन, मुस्लिमों में सुधार, अलीगढ़ आंदोलन, आजाद हिन्द फौज, स्वतंत्रता और भारत का विभाजन, रियासतों का विलीनीकरण।
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम Paper 04
General Studies – II विज्ञान, प्रौद्यौगिकी एवं पर्यावरण (अंक -200 ,अवधि – 3 घंटा )
भाग-1: सामान्य विज्ञान–(75 अंक )
रसायन – रासायनिक अभिक्रिया के दर एवं रासायनिक साम्य-रासायनिक अभिक्रिया की दर का प्रारंभिक ज्ञान, तीव्र एवं मंद रासायनिक अभिक्रियाएं, धातुएँ-आर्वत सारणी में धातुओं की स्थिति एवं सामान्य गुण, धातु, खनिज अयस्क, खनिज एवं अयस्क में अंतर। धातुकर्म-अयस्कों का सांद्रण, निस्तापन, भर्जन, प्रगलन एवं शोधन, कॉपर एवं आयरन का धातुकर्म, धातुओं का संक्षारण, मिश्र धातुएँ। अधातुएँ – आवर्त सारणी में अधातुओ की स्थिति एवं सामान्य गुण, कुछ महत्वपूर्ण कार्बनिक यौगिक, कुछ सामान्य कृत्रिम बहुलक, पॉलीथीन, पाली विनाइल क्लोराइड, टेफ्लान, साबुन एवं अपमार्जक।
भौतिक शास्त्र– प्रकाश-प्रकाश की प्रकृति, प्रकाश का परावर्तन, परावर्तन के नियम, समतल एवं वक्र सतह से परावर्तन, समतल, उत्तल एवं अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब रचना, फोकस दूरी तथा वक्रता त्रिज्या में संबंध, गैसों में विद्युत विसर्जन।सूर्य में ऊर्जा उत्पत्ति के कारण, विद्युत और इसके प्रभाव-विद्युत तीव्रता, विभव-विभवान्तर, विद्युत धारा, ओह्म का नियम, प्रतिरोध, प्रभावित करने वाले कारक, प्रतिरोधों का संयोजन एवं इसके आंकिक प्रश्न, विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव, इसकी उपयोगिता, शक्ति एवं विद्युत ऊर्जा व्यय की गणना (आंकिक) विद्युत प्रयोग में रखी जाने वाली सावधानियाँ, प्रकाश विद्युत प्रभाव, सोलर सेल, संरचना, P-N संधि, डायोड।
जीवविज्ञान – परिवहन-पौधों में जल एवं खनिज लवण का परिवहन, जंतुओं में परिवहन (मानव के सदर्भ मेें) रूधिर की संरचना तथा कार्य, हृदय की संरचना तथा कार्यविधि (प्राथमिक ज्ञान) प्रकाश संश्लेषण-परिभाषा, प्रक्रिया के प्रमुख पद, प्रकाश अभिक्रिया एवं अंधकार अभिक्रिया। श्वसन-परिभाषा, श्वसन एवं श्वासोच्छवास, श्वसन के प्रकार, आक्सी श्वसन एवं अनाक्सी श्वसन, मनुष्य का श्वसन तंत्र एवं श्वसन प्रक्रिया। मनुष्य का पाचन तंत्र, एवं पाचन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) नियंत्रण एवं समन्वय-मनुष्य का तंत्रिका तंत्र मस्तिष्क एवं मेरूरज्जू की संरचना एवं कार्य, पौधों एवं जन्तुओं मेें समन्वय पादप हार्मोन, अन्त:स्त्रावी गंथियां हार्मोन एवं कार्य। प्रजनन एवं वर्धी-प्रजनन के प्रकार, अलैगिक प्रजनन, विखण्डन, मुकलन एवं पुनरूदभवन , कृत्रिम वर्धी प्रजनन, स्तरीकरण कलम लगाना, ग्राफ्टिंग, अनिषेक प्रजनन, पौधों में लैंगिक प्रजनन अंग, पुष्प की संरचना एवं प्रजनन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) परागण, निषेचन। मानव प्रजनन तंत्र तथा प्रजनन प्रक्रिया (समान्य जानकारी) अनुवांशिकी एवं विकास-अनुवांशिकी एवं भिन्नताएं अनुवांशिकता का मूल आधार गुणसूत्र एवं DNA (प्रांरभिक जानकारी)।
भाग-3: एप्लाईड एवं व्यवहारिक विज्ञान–(75 अंक )
ग्रामीण भारत में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका, कम्प्यूटर का आधारभूत ज्ञान, संचार एवं प्रसारण में कम्प्यूटर, आर्थिक वृद्धि हेतु सॉफ्टवेयर का विकास, आई.टी. के वृहद अनुप्रयोग। ऊर्जा संसाधन-ऊर्जा की मांग, नवीनीकृत एवं अनवीनीकृत ऊर्जा के स्त्रोत नाभिकीय ऊर्जा का देश में विकास एवं उपयोगिता। भारत में वर्तमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास, कृषि का उद्भव, कृषि विज्ञान में प्रगति एवं उसके प्रभाव, भारत में फसल विज्ञान, उर्वरक, कीट नियंत्रण एवं भारत में रोगों का परिदृश्य।
जैव विविधता एवं उसका संरक्षण– सामान्य परिचय-परिभाषा, अनुवांशिक प्रजाति एवं पारिस्थितिक तंत्रीय विविधता। भारत का जैव-भौगोलिक वर्गीकरण। जैव विविधता का महत्व विनाशकारी उपयोग उत्पादक उपयोग, सामाजिक, नैतिक, वैकल्पिक दृष्टि से महत्व। विश्व स्तरीय जैव विविधता, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर की जैव विविधता। भारत एक वृहद् विविधता वाले राष्ट्र के रूप में। जैव विविधता के तप्त स्थल। जैव विविधता को क्षति-आवासीय, क्षति, वन्य जीवन को क्षति, मानव एवं वन्य जन्तु संघर्ष। भारत की संकटापन्न (विलुप्त होती) एवं स्थानीय प्रजातियां। जैव-विविधता का संरक्षण-असंस्थितिक एवं संस्थितिक संरक्षण। पर्यावरण प्रदूषण-कारण प्रभाव एवं नियंत्रण के उपाय-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, समुद्री प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, तापीय प्रदूषण, नाभिकीय प्रदूषण। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन-नगरीय एवं औद्योगिक ठोस कूड़े-करकट का प्रबंधन, कारण, प्रभाव एवं नियंत्रण। प्रदूषण के नियंत्रण में व्यक्ति की भूमिका।
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम Paper 05
General Studies – III अर्थव्यवस्था एवं भूगोल (अंक -200 ,अवधि – 3 घंटा )
भाग-3: छत्तीसगढ़ का भूगोल-(75 अंक )
छत्तीसगढ़ की भौतिक विशेषतायें – स्थिति एवं विस्तार, भूगर्भिक संरचना, भौतिक विभाग, अपवाह तंत्र, जलवायु, मिट्टी वनस्पति व वन्य जीवन-वनों का महत्व, वन्य जीवन प्रबंध-राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण, राज्य की वन नीति, वन संरक्षण।
मानवीय विशेषतायें: जनसंख्या वृद्धि, घनत्व व वितरण, जन्म दर, मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, प्रवास, लिंगानुपात व आयु वर्ग, अनुसूचित जन-जाति जनसंख्या, साक्षरता, व्यावसायिक संरचना, नगरीकरण, परिवार कल्याण कार्यक्रम।
कृषि– कृषिगत फसलें, खाद्यान्न, दालें, तिलहन व अन्य फसलें उत्पादन एवं वितरण। सिंचाई के साधन व उनका महत्व, महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाएं, कृषि की समस्याएं एवं कृषकों के उत्थान के लिए राज्य की योजनाएं। खनिज संसाधन – छत्तीसगढ़ में विभिन्न खनिजों के भण्डार, खनिजों का उत्पादन एवं वितरण। ऊर्जा संसाधन : कोयला, तापीय विद्युत शक्ति ऊर्जा के गैर परम्परागत स्त्रोत। उद्योग : छत्तीसगढ़ में उद्योगों के विकास एवं संरचना, बड़े मध्यम, लघु एवं लघुत्तर क्षेत्र। कृषि, वन व खनिज आधारित उद्योग। परिवहन के साधन एवं पर्यटन।
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम Paper 06
General Studies – IV दर्शन एवं समाजशास्त्र (अंक -200 ,अवधि – 3 घंटा )
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम Paper 07
भाग-1: कल्याणकारी, विकासात्मक कार्यक्रम एवं कानून–(75 अंक )
1. सामाजिक एवं महत्वपूर्ण विधान– भारतीय समाज, सामाजिक बदलाव के एक साधन के रूप में सामाजिक विधान, मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम् 1993, भारतीय संविधान एवं आपराधिक विधि (दण्ड प्रक्रिया संहित) के अंतर्गत महिलाओं को प्राप्त सुरक्षा (सीआरपीसी), घरेलू हिंसा से स्त्री का संरक्षण अधिनियम-2005, सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005,पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम् 1986 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988.
2. छत्तीसगढ़ के संदर्भ में : छत्तीसगढ़ में प्रचलित विभिन्न नियम/अधिनियम एवं उनके छत्तीसगढ़ के निवासियों पर कल्याणकारी एवं विकासात्मक प्रभाव।
3. छत्तीसगढ़ शासन की कल्याणकारी योजनाएं: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समय-समय पर प्रचलित कल्याणकारी, जनोपयोगी एवं महत्वपूर्ण योजनायें।
भाग-2: अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेल, घटनाएं एवं संगठन–(50 अंक )
संयुक्त राष्ट्र एवं उसके सहयोगी संगठन, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक एवं एशियाई बैंक, सार्क, ब्रिक्स अन्य द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय समूह, विश्व व्यापार संगठन एवं भारत पर इसके प्रभाव, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल एवं प्रतियोगिताएं।
भाग-3: अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाएं एवं मानव विकास में उनका योगदान–(75 अंक )
कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता, भारत में मानव संसाधन की नियोजिता एवं उत्पादकता, रोजगार के विभिन्न चलन (ट्रेंडस) मानव संसाधन विकास में विभिन्न संस्थाओं परिषदों, जैसे-उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय आयोग, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, मुक्त विश्वविद्यालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, राष्ट्रीय शिक्षा शिक्षक परिषद्, राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा परिषद्, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंध संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक एवं आई.टी.आई. आदि की भूमिका, मानव संसाधन विकास में शिक्षा-एक साधन, सार्वभौमिक/समान प्रारंभिक शिक्षा, उच्च, शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता, बालिकाओं की शिक्षा से संबंधित मुद्दे, वंचित वर्ग, नि:शक्त जन से संबंधित मुद्दे।
CGPSC INTERVIEW ( साक्षात्कार )
- छत्तीसगढ़ सिविल सेवा परीक्षा (CGPSC) का अंतिम एवं महत्त्वपूर्ण चरण साक्षात्कार (Interview) कहलाता है।
- CGPSC द्वारा आयोजित राज्य सिविल सेवा परीक्षा में इंटरव्यू के लिये कुल 150 अंक निर्धारित किये गए हैं। मुख्य परीक्षा के अंकों (1400 अंक) की तुलना में इस चरण के लिये निर्धारित अंक कम अवश्य हैं लेकिन अंतिम चयन एवं पद निर्धारण में इन अंकों का विशेष योगदान होता है।