पीएम-जनमन योजना 2024 | कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लोगों का सामाजिक, आर्थिक स्थितियों में सुधार करना

खबरों में क्यों?

हाल ही में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने महत्त्वाकांक्षी प्रधानमंत्री-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) योजना पर प्रकाश डाला। विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) के उत्थान के उद्देश्य से यह पहल उनकी अनूठी चुनौतियों का समाधान करने तथा उज्जवल भविष्य के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करने की क्षमता रखती है।

पीएम-जनमन योजना क्या है?

परिचय:

  • पीएम-जनमन एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाना है।
  • यह योजना (केंद्रीय क्षेत्र तथा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के एकीकरण) जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों एवं PVTG समुदायों के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी।
  • यह योजना 9 संबंधित मंत्रालयों द्वारा देख-रेख किये जाने वाले 11 महत्त्वपूर्ण कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो PVTG वाले गाँवों में मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगी।
  • इसमें पीएम-आवास योजना के तहत सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल तक पहुँच, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, पोषण, सड़क एवं दूरसंचार कनेक्टिविटी के साथ-साथ स्थायी आजीविका के अवसर सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
  • इस योजना में वन उपज के व्यापार के लिये वन धन विकास केंद्रों की स्थापना, 1 लाख घरों के लिये ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली तथा सौर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था शामिल है।
  • इस योजना से PVTG के साथ भेदभाव एवं उनके बहिष्कार के विविध व प्रतिच्छेदन रूपों का समाधान कर राष्ट्रीय एवं वैश्विक विकास में उनके अद्वितीय व मूल्यवान योगदान को मान्यता और महत्त्व देकर PVTG के जीवन की गुणवत्ता तथा कल्याण में वृद्धि होने की उम्मीद है।

पीएम-जनमन योजना का उद्देश्य

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा पीएम जनमन योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश के जनजातीय आदिवासी समुदाय के नागरिकों का विकास सुनिश्चित करना है ताकि आदिवासी जनजातियों की जिंदगी में बदलाव लाकर उनका कल्याण किया जा सके।
  • इसलिए इस योजना के माध्यम से आदिवासी जनजातियों के परिवारों को सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली पहुंचाने, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, सुविधा उपलब्ध करने का काम किया जाएगा।
  • इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तक इन जनजातियों की पहुंच बनाने के लिए बुनियादी सुविधा और जरूरत को पूरा करने का काम किया जाएगा।

कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:

  • PVTG पर अद्यतन डेटा की कमी एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है क्योंकि PVTG के लिये अंतिम उपलब्ध जनगणना डेटा वर्ष 2001 का है, जिसके अनुसार इन समुदायों से संबंधित लोगों की कुल संख्या लगभग 27.6 लाख थी।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने आधारभूत सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन PVTG आबादी का एक सटीक और वर्तमान डेटासेट संकलित किया जाना बाकी है।
  • वर्ष 2022 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति को प्रस्तुत जनसंख्या डेटा, वर्ष 2011 की जनगणना पर आधारित था और इसमें महाराष्ट्र, मणिपुर एवं राजस्थान की PVTG जनसंख्या शामिल नहीं थी।
  • वर्तमान डेटा की कमी PVTG समुदायों की ज़रूरतों और प्रगति के सटीक मूल्यांकन में बाधा डालती है।
  • वर्ष 2013 में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा अनुशंसित PVTG समुदायों के लिये एक विशिष्ट जनगणना की अनुपस्थिति उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास
  • की स्थिति पर व्यापक जानकारी इकट्ठा करने की चुनौती को और बढ़ा देती है।
    विभिन्न क्षेत्रों-राज्यों में PVTG की ज़रूरतों एवं क्षमताओं को लेकर जटिलता एवं विविधता तथा अनुकूलित और लचीले दृष्टिकोण व हस्तक्षेप की आवश्यकता।
    मुख्यधारा के समाज और राज्य में PVTG द्वारा सामना किये जाने वाले कलंक और भेदभाव तथा हितधारकों एवं जनता के बीच संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता।
  • केंद्र और राज्य सरकारों की मौजूदा योजनाओं और कार्यक्रमों के साथ योजना का समन्वय, अभिसरण तथा संसाधनों व सेवाओं के प्रभावी एवं कुशल वितरण और उपयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है।

प्रधानमंत्री जनमन योजना क्रांतिकारी बदलाव लाएगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कहा गया है कि देश के हर कोने में आदिवासी योद्धाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया है और देश का कोई ऐसा कोना नहीं है जहां आदिवासी नायकों ने ब्रिटिश साम्राज्य से लोहा नहीं लिया। जनजातीय समुदाय के लोगों ने देश का गौरव बढ़ाया है। और कहा कि प्रधानमंत्री विशेष कमजोर जनजाति समूह (PM PVTG) विकास मिशन भी एक तरह की पहल है। जो देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले 75 आदिवासी समुदाय और आदिम जनजातियों को कवर करेंगी। देश के 220 जिलों में और 22,544 गावों में रहते हैं। उनकी आबादी करीब 28 लाख है। और ये जनजातियां जंगलों में अक्सर बिखरी हुई, सुदूर और दुर्गम बस्तियों में निवास करती है। यह योजना इनकी जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

क्याक्या सुविधाएं कराई जाएगी उपलब्ध

प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह मिशन के तहत लगभग 28 लाख पीवीटीजी को दायरे में लाया जाएगा। सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार इस मिशन के तहत आदिवासी जनजातियों के लिए विभिन्न कार्यक्रम को चलाया जाएगा। ताकि आदिवासियों का कल्याण किया जा सके। 24,000 करोड़ रुपए के बजट वाले इस मिशन के माध्यम से पीवीटीजी परिवार और बस्तियों को जनजातियों की बेहतर पहुंच बनाने और स्थाई आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधा और जरूरत को पूरा करने के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

  • PVTG क्षेत्र में सड़क और टेलीफोन कनेक्टिविटी,
  • पावर,
  • सुरक्षित घर,
  • पीने का साफ पानी,
  • सफाई,
  • शिक्षा,
  • स्वास्थ्य,
  • पोषण तक बेहतर पहुंच
  • रहन-सहन के मौके आदि।

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विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) कौन हैं?

  • वर्ष 1973 में ढेबर आयोग ने आदिम जनजातीय समूहों (PVTG) को एक विशिष्ट श्रेणी के रूप में स्थापित किया, जिसमें घटती या स्थिर आबादी, पूर्व-कृषि प्रौद्योगिकी का उपयोग, आर्थिक पिछड़ेपन और कम साक्षरता वाले जनजातीय समुदायों को शामिल किया गया।
  • इन समूहों को जनजातीय समुदायों के बीच कम विकसित के रूप में पहचाना जाता है।
  • वर्ष 2006 में भारत सरकार ने PTG का नाम बदलकर PVTG कर दिया। वे दूरदराज़ और दुर्गम इलाकों में रहते हैं तथा खराब बुनियादी ढाँचे और प्रशासनिक सहायता के कारण चुनौतियों का सामना करते हैं।
  • भारत में 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 75 PVTG समुदाय रहते हैं।
  • ओडिशा में PVTG (15) की संख्या सबसे अधिक है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12), बिहार और झारखंड (9), मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (7), तमिलनाडु (6) तथा केरल एवं गुजरात (5 प्रत्येक) हैं।
  • शेष समुदाय महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, त्रिपुरा और मणिपुर में फैले हुए हैं।
  • अंडमान में सभी चार और निकोबार द्वीप समूह में एक जनजातीय समूह को PVTG के रूप में मान्यता प्राप्त है।

प्रधानमंत्री जनमन योजना 2024 के बारे में जानकारी

योजना का नाम PM PVTG Mission
शुरू की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 15 नवंबर 2023
लाभार्थी जनजातीय आदिवासी समुदाय के नागरिक
उद्देश्य जनजातीय  आदिवासी समुदाय के नागरिकों का विकास सुनिश्चित करना
बजट राशि 24000 करोड़ रुपए
श्रेणी केंद्र सरकारी योजना
साल 2024

 

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