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‘तुंहर पौधा तुंहर द्वार योजना’ 2022 : रायपुर नगर निगम (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में विविध प्रजातियों के पौधों से भरे दो हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर ‘तुंहर पौधा तुंहर द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में स्वच्छ वातावरण तथा वृक्षारोपण के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करना है।
- वन विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए ‘पौधा तुंहर द्वार’ योजना के तहत घर तक नि:शुल्क पौधा पहुँचाकर दिया जा रहा है। ‘पौधा तुंहर द्वार’ योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र रायपुर में 1 से 5 पौधा प्रदाय किया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में वृक्षारोपण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये वन विभाग की समस्त 257 नर्सरियों में 3 करोड़ 12 लाख से अधिक पौधे वर्तमान में उपलब्ध हैं।
- वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ‘तुंहर पौधा तुंहर द्वार’ कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी वन मंडलों में चालू वर्ष के दौरान पौध वितरण का शुभारंभ किया गया।
- इस तारतम्य में वन मंडल बस्तर अंतर्गत उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा, वन मंडल रायगढ़ अंतर्गत विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक तथा जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल और दुर्ग में विधायक अरुण बोरा तथा जिला पंचायत अध्यक्ष शामिनी यादव एवं महापौर दुर्ग धीरज बाकलीवाल द्वारा नि:शुल्क पौध वितरण का शुभारंभ किया गया।
- इसी तरह दंतेवाड़ा वन मंडल अंतर्गत विधायक देवती कर्मा, सुकमा वन मंडल अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और बीजापुर वन मंडल अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम द्वारा नि:शुल्क पौध वितरण का शुभारंभ किया गया।
‘सियान जतन क्लीनिक’ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
आयुष विभाग द्वारा प्रत्येक गुरुवार 1 जुलाई को आयोजित इन सियान जतन क्लीनिकों में मई 2022 से अब तक 74 हजार 738 वृद्ध नागरिकों को निःशुल्क आयुर्वेद उपचार उपलब्ध कराया जा चुका है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुढ़ियारी एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भांटागांव में सियान जतन क्लिनिक का शुभारंभ किया जायेगा।
- इसका प्रमुख उद्देश्य 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वृध्दजनो का निःशुल्क जांच एवं उपचार करना है।
- सियान जतन क्लीनिक में नाक, कान, गला, आंख संबंधी समस्या मोतियांबिंद, हड्डी रोग एवं मांसपेशियो से संबंधित, डायबिटिज, हाइपरटेंशन और न्यूरोतॉ जिक संबंधित बीमारियो का निःशुल्क जांच उपचार करने के साथ ही मरीजो को निःशुल्क दवाएं दी जाएंगी।
- सियान जतन क्लिनिक में बुजुर्ग मोतियाबिंद, मांसपेशियों से संबंधित समस्या, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और न्यूरोलॉजिक संबंधित बीमारियों की समस्याओं को लेकर भी आ सकते हैं.
- शिविर का आयोजन शहर उत्तर व दक्षिण छोर में किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक वृद्ध जन इसका लाभ उठा सके.
छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य फसल बीमा दावा राशि का भुगतान करने में (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
1 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवींद्र चौबे ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में प्रदेशव्यापी ‘फसल बीमा जागरूकता सप्ताह’ की शुरुआत की।
योजना की प्रमुख बिंदु
- कृषि एवं जल संसाधन मंत्री ने इस अवसर पर ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखकर रवाना किया। ये रथ ग्रामीण अंचल में 15 जुलाई तक भ्रमण कर किसानों को फसल बीमा के प्रावधानों की जानकारी और फसल बीमा कराने के लिये प्रेरित करेंगे।
- देश की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में फसल बीमा सप्ताह के तहत राज्य के सभी जिला मुख्यालयों से भी प्रचार-प्रसार रथ रवाना किये गए।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान धान सिंचित एवं असिंचित, अरहर, मूँग, उड़द, मक्का एवं उद्यानिकी फसलों का बीमा 15 जुलाई तक करा सकेंगे।
- कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि किसानों को मदद पहुँचाने, उन्हें उनका हक दिलाने के मामले में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने किसानों को सबसे पहले रबी सीजन 2021-22 की फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किया है।
- खरीफ सीजन शुरू होने से पहले ही डेढ़ लाख से ज्यादा किसानों को उनके द्वारा दी गई प्रीमियम राशि 15 करोड़ 96 लाख रुपए के एवज में 304 करोड़ 38 लाख रुपए की क्लेम राशि का भुगतान किया है।
- खरीफ सीजन 2021 में राज्य के 4 लाख से अधिक किसानों द्वारा दी गई, किसान प्रीमियम राशि 157 करोड़ 65 लाख रुपए के एवज में 758 करोड़ 43 लाख रुपए का भुगतान किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत किसानों को फसल बीमा प्रीमियम की मात्र डेढ़ प्रतिशत राशि अदा करनी होती है, जबकि मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों के बीमा प्रीमियम राशि में किसानों को मात्र 5 प्रतिशत अंशदान करना होता है। शेष प्रीमियम राशि का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है।
फसल बीमा योजना : फसल बीमा रथ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
कृषि और जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये रथ ग्रामीण अंचल में 15 जुलाई तक भ्रमण कर किसानों को फसल बीमा के प्रावधानों की जानकारी और फसल बीमा कराने के लिए प्रेरित करेगें.
योजना की प्रमुख बिंदु
- देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में फसल बीमा सप्ताह के तहत आज राज्य के सभी जिला मुख्यालयों से भी प्रचार-प्रसार रथ रवाना किए गए
- 15 जुलाई तक पूरे राज्य में भ्रमण कर किसानों को फसल बीमा कराने के लिए जागरूक करेंगे.
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान धान सिंचित व असिंचित, अरहर, मूंग, उड़द, मक्का और उद्यानिकी फसलों का बीमा 15 जुलाई तक करा सकेंगे
- कृषि विभाग ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को लक्ष्य भी दे दिया है। अपने प्रभार वाले ग्राम पंचायतों में किसानों से संपर्क कर बीमा कराने के लिए प्रेरित करने कहा जा रहा है।
- ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसानों से संपर्क कर रहे हैं और बीमा से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी भी दे रहे हैं।
- फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल बीमा प्रीमियम की मात्र डेढ़ प्रतिशत राशि अदा करनी होती है ,जबकि मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों के बीमा प्रीमियम राशि में किसानों को मात्र 5 प्रतिशत अंशदान करना होता है । शेष प्रीमियम राशि का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है।
छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेस महिला हॉकी टीम ने जीता ब्रॉन्ज मेडल (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
सिविल सर्विसेज प्रतियोगिता के अंतर्गत भोपाल में 21 जून से 30 जून तक हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें छत्तीसगढ़ की ओर से छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेस महिला हॉकी टीम ने भी हिस्सा लिया और बेहतर प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
प्रमुख बिंदु
- सिविल सर्विसेज प्रतियोगिता के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की ओर से गए 16 सदस्यीय महिला हॉकी टीम में सबसे छोटी खिलाड़ी की उम्र 24 वर्ष और 55 वर्षीय सबसे अधिक उम्र की खिलाड़ी शामिल रहीं।
- छत्तीसगढ़ की टीम के सभी खिलाड़ियों ने बेहतरीन तालमेल का करते हुए प्रतिद्वंदी टीम का सामना किया। सेमीफाइनल मैच में पहले ही मिनट में कप्तान अंजुम रहमान से गोल कर अपनी टीम का खाता खोला, जिससे पूरी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा दिया।
- वहीं मैच में तुलसी साहू ने चार गोल, मोनिका वैरागडे ने तीन गोल, माया यादव ने दो गोल, सविता चंद्राकर ने दो गोल कर टीम का स्कोर 12 गोल तक पहुंचा दिया।
- टीम की बैक एंड हाफ पोजिशन खेल रही खिलाड़ी भावना गुप्ता, हर्षा साहू, चेतना ध्रुव, संजू साहू, सुमन शारदा ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भोपाल टीम को गोलपोस्ट तक आने का मौका ही नहीं दिया। प्रतियोगिता में टीम के साथ गोलकीपर श्वेता शिंदे का डिफेंस भी शानदार रहा।
- गौरतलब है कि बीते वर्ष भी छत्तीसगढ़ से महिला हॉकी टीम ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जिसमें 12 टीमों में से छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर रही थी और फेयर प्ले का अवार्ड अपने नाम किया था।
देश के लिए बन रहें हैं नजीर छत्तीसगढ़ के ‘हमर लैब’ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
- 6 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट–मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कांकेर ज़िले के कमलदेव ज़िला चिकित्सालय में अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड ‘हमर लैब’ का लोकार्पण किया।
- राजस्थान व कर्नाटक के डॉक्टरों और अधिकारियों ने ‘हमर लैब’ का किया अध्ययन भ्रमण, इन लैबों द्वारा दी जा रही डायग्नोस्टिक सेवाओं की सराहना की
योजना की प्रमुख बिंदु
- ‘हमर लैब’ अत्याधुनिक उपकरणों के साथ एक इंटीग्रेटेड हेल्थ लैब है। यहाँ जाँच से संबंधित सभी संसाधनों का उपयोग एक स्थान पर करते हुए गुणवत्तापूर्ण जाँच सेवाएँ मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे मरीजों को बाहर महँगे दरों पर जाँच की समस्या से भी राहत मिलेगी।
- अब एक ही छत के नीचे मरीजों को अलग–अलग 120 प्रकार के स्वास्थ्य जाँच की सुविधा मिलेगी। इनमें कैंसर और टीबी जैसी बीमारियों की जाँच भी शामिल है।
- ‘हमर लैब’ में हेमेटोलॉजी से संबंधित 15 प्रकार की जाँच, क्लीनिकल पैथोलॉजी से संबंधित 39 प्रकार की जाँच, बायोकेमेस्ट्री से संबंधित 42 प्रकार की जाँच, सिरोलॉजी से संबंधित 8 प्रकार की जाँच, माइक्रोबॉयलोजी से संबंधित 10 प्रकार की जाँच के साथ ही हिस्टोपैथोलॉजी व सायटोलॉजी से संबंधित 6 प्रकार की जाँच की सुविधाएँ मिलेंगी।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कांकेर ज़िला मुख्यालय के अलबेलापारा स्थित मातृ एवं शिशु रोग अस्पताल का शुभारंभ किया। इससे पूर्व यहाँ आदर्श महिला महाविद्यालय संचालित किया जा रहा था। कोरोनाकाल में इसे कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया गया था, जिसके पश्चात् ज़िला चिकित्सालय कांकेर में संचालित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल को यहाँ स्थानांतरित किया गया है।
- देश का पहला लोक स्वास्थ्य इकाई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन में स्थापित
- विकासखंड स्तर पर देश का पहला लोक स्वास्थ्य इकाई (ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन में स्थापित किया गया है।
- वहां ‘हमर लैब’ के माध्यम से मरीजों को सभी तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिला चिकित्सालयों के ‘हमर लैब’ में 120 प्रकार के और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लैब में 50 तरह की जाँच की सुविधा है।
- इन लैबों का संचालन स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के द्वारा किया जा रहा है।
“मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक” योजना (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
- मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना के माध्यम से अब तक राज्य में करीब एक हजार 475 कैम्प लगाएं जा चुके हैं और इनसे रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली एक लाख नौ हजार 505 से अधिक महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास ही इलाज किया गया है.
- सीएम भूपेश बघेल खुद इस योजना को लेकर मॉनिटिरिंग करते हैं.मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना के माध्यम से अब तक राज्य में करीब एक हजार 475 कैम्प लगाएं जा चुके हैं और इनसे रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली एक लाख नौ हजार 505 से अधिक महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास ही इलाज किया गया है. सीएम भूपेश बघेल खुद इस योजना को लेकर मॉनिटिरिंग करते हैं.
योजना की प्रमुख बिंदु
- कब लांच हुई – 19 नवंबर 2020, इंदिरा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर
- पैरेंट योजना – शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, छत्तीसगढ़
- योजना का संचालन – महिला एवं बाल विकास विभाग
दाई दीदी योजना के लाभ निम्नलिखित हैं
- दाई-दीदी क्लीनिक योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिये संचालित किये जा रहे हैं। इसलिये इनमें केवल महिला मरीजों को सेवायें प्राप्त होंगीं।
- पुरूष मरीज इन मोबाइल वैन में आकर अपना इलाज नहीं करा सकते हैं।
- दाई दीदी मोबाइल क्लीनिक योजना के तहत गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों को महिला एंव बाल विकास विभाग की विभिन्न हितग्राही मूलक परियोजनाओं का लाभ प्रदान किया जायेगा।
- इन क्लीनिक मोबाइल वैन को शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत संचालित किया जा रहा है। इसलिये नई सेवा के लांच होने के बाद शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना छत्तीसगढ़ के दायरे में बड़ी आबादी आ गयी है।
- दाई दीदी योजना के तहत महिलाओं का यूरीन व ब्लड टेस्ट के सैंपल लिये जा सकेंगें।
- महिलाओं की निजी बीमारियों का उत्तम समाधान इन मोबाइल वैन के जरिये मिल सकेगा।
- छत्तीसगढ़ राज्य की इस सेवा का लाभ यहां की शहरी स्लम में रहने वाली महिलाओं को मिल सकेगा।
- दाई दीदी मोबाइल वैन में पूरा स्टॉफ महिला चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों का होगा, इसलिये महिलायें अपनी व्यक्तिग स्वास्थ्य समस्यायें बिना किसी संकोच के साझा कर सकेंगीं।
- इन क्लीनिकों महिला मरीजों तथा बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जायेंगीं।
- दाई दीदी मोबाइल वैन छत्तीसगढ़ के आंगनवाड़ी केंद्रों तक अनिवार्य रूप से पहुंचायीं जायेंगीं।
- इन क्लीनिक एंबूलेंस में किशोरी बालिकाओें तथा महिलाओं के सभी प्रकार के उपचार की व्यवस्था होगी।
- दाई दीदी योजना के तहत चलने वाली मोबाइल क्लीनिक वैन में अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी से युक्त मशीनें लगी हैं, जिनके जरिये महिलाओं की बीमारियों की ठीक प्रकार से जांच की जा सकेगी।
दाई दीदी क्लीनिक योजना के तहत कौन कौन सी जांच की सेवायें उपलब्ध हैं? (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
- शुगर की जांच
- स्तन कैंसर की जांच
- गर्भवती महिलाओं की नियमित एवं विशेष जांच की सुविधा
- ब्लड प्रेशर की जांच
- खून की जांच
- यूरीन की जांच
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम के विकास के लिए सम्मानित (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को प्रदेश में स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम के विकास हेतु एस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ की वर्तमान औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत स्टार्टअप इकाइयों को लाभान्वित करने हेतु स्टार्टअप पैकेज लागू किया गया है।
- राज्य में कुल 748 स्टार्टअप पंजीकृत है।
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भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इकाईयों को छत्तीसगढ़ में स्थापित होने पर विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया गया है। पैकेज के तहत ब्याज अनुदान अधिकतम 70 प्रतिशत अधिकतम 11 वर्ष के लिए, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान अधिकतम 55 प्रतिशत, नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति अधिकतम 15 वर्ष तक, विद्युत शुल्क छूट अधिकतम 10 वर्ष तक एवं पात्रता अनुसार औद्योगिक नीति 2019-24 में उल्लेखित अन्य अनुदान जैसी भू-प्रब्याजी में छूट, स्टाम्प शुल्क छूट, परियोजना प्रतिवेदन में छूट आदि की सुविधा प्रदान की जाती है।
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स्टार्टअप को तीन वर्षों तक भवन किराए का 40 प्रतिशत, जिसकी अधिकतम सीमा 8 हजार रूपए प्रति माह प्रतिपूर्ति दी जा रही है और स्टार्टअप इकाईयों द्वारा सेमिनार, वर्कशॉप, संगोष्ठी, प्रदर्शनी में भाग लिए जाने पर 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रूपए प्रति वर्ष होगी, दी जा रही है।
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राज्य में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने इन्क्यूबेटर की स्थापना के लिए किए जाने वाले व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 50 लाख रूपए एवं संचालन के लिए 3 लाख रूपए प्रति वर्ष अनुदान के रूप में दिया जा रहा है।
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औद्योगिक पुरस्कार योजना पुरस्कार योजना के अंतर्गत स्टार्टअप श्रेणी में भी पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों के रूप में क्रमशः 1,51,000 रूपए, 1,00,000 रूपए एवं 51,000 रूपए की राशि एवं प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान किया गया है।
कोविड मुक्त गांव परियोजना का शुभारंभ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
चाईल्डफंड इंडिया ने भारत के तीन राज्यों में ‘कोविड मुक्त गांव’ नामक एक बड़े पैमाने पर परियोजना शुरू करने की घोषणा की। निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से, टेलीमेडिसिन सेवाओं, स्वास्थ्य आउटरीच वाहनों और शिविरों के साथ प्रयास को बढ़ाया जाएगा।
योजना की प्रमुख बिंदु
- चाईल्डफंड इंडिया ने भारत के तीन राज्यों में ‘कोविड मुक्त गांव’ नामक एक बड़े पैमाने पर परियोजना शुरू करने की घोषणा की। समृद्ध के समर्थन के साथ, चाईल्डफंड का उद्देश्य एक स्थायी नेटवर्क देखभाल मॉडल स्थापित करना है, ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो सके। बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं, उपकरण और बच्चों के अनुकूल देखभाल (बाल चिकित्सा सेवाएं) प्रदान करने के लिए ‘कोविड मुक्त गांव’ परियोजना का समर्थन किया जा रहा है।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से, टेलीमेडिसिन सेवाओं, स्वास्थ्य आउटरीच वाहनों और शिविरों के साथ प्रयास को बढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की एक निर्बाध, टिकाउ और एकीकृत मजबूती सुनिश्चित करने के लिए, 30 जून 2022 को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में जिला और राज्य स्तरीय अधिकारियों की भागीदारी के साथ एक ‘राज्य स्तरीय प्री-लॉन्च’ बैठक आयोजित की गई।
- आयोजन के दौरान, परियोजना के लक्ष्यों और उद्देश्यों को सरकारी अधिकारियों के साथ साझा किया गया। सभी ने इस सफल कार्यान्वयन के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उपस्थित सभी सरकारी अधिकारियों ने ‘टीकाकरण ऑन व्हील्स’ (वेक्सीनेशन ऑन व्हील्स) वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो दूर दराज के स्थानों में कोविड-19 टीकाकरण, नियति टीकाकरण और अन्य प्राथमिक स्तर की दैनिक सुविधाएं प्रदान करेगी।
‘दामिनी’ बताएगी कब गिरेगी बिजली (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
क्या है दामिनी ऐप?
इस ऐप को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय ऊष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे (IITM-Pune) द्वारा लॉन्च किया गया है. इसके जरिए किसानों को मौसम के बारे में हर पल की जानकारी मिलेगी. इसके साथ ही आकाशीय बिजली का अलर्ट भी मिलेगा. यानी अब खेतों में काम करने वाले किसान बिजली गिरने का अलर्ट (Lightning Alert) मिलने पर महफूज जगह पर जा सकते हैं.
दामिनी ऐप की विशेषताएं
- यह ऐप 20 किमी के दायरे में बिजली गिरने की चेतावनी देगा.
- इस ऐप की से मोबाइल फोन पर लोगों को वज्रपात के बारे में अलर्ट मिलेगा.
- बिजली गिरने का अलर्ट 30 से 40 मिनट पहले आडियो और एसएमएस के जरिए आ जाएगा.
- इस ऐप के जरिए लगभग 40 वर्ग किलोमीटर के दायरे में वज्रपात का सटीक पूर्वानुमान मिलेगा.
- देश के 48 हिस्सों में 48 सेंसर्स के साथ लाइटिंग लोकेशन नेटवर्क स्थापित किया गया है.
- यह ऐप नेटवर्क बिजली की गड़गड़ाहट और वज्रपात की गति के बारे में सटीक जानकारी देगा.
दामिनी ऐप के फायद
- किसान भाईयों को आकाशीय बिजली की जानकारी समय पर मिलेगी, जिससे वह सुरक्षित स्थान पर जा सकेंगे.
- इसके साथ ही जानवरों को सुरक्षित स्थान पर बांध सकते हैं.
- मानसून में बिजली गिरने की जानकारी पाकर जानमाल की रक्षा कर सकते हैं.
किसान भाईयों के लिए बिजली गिरने की स्थिति के बारे में जागरूक रहना बहुत जरूरी है. दामिनी ऐप के जरिए किसान भाईयों को इसका पूर्वानुमान लग जाएगा. इससे वह समय रहते सुरक्षित जगह पर चले जाएंगे. इसके साथ ही खेती में होने नुकसान से भी बच सकते हैं.
प्रदेश में सबसे अधिक स्वावलंबी गौठान रायगढ़ के (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
- रायगढ़ जिले के 279 गौठान और राज्य के 3089 गौठान हुए स्वावलंबी, स्वावलंबी गौठानों ने स्वयं की राशि से क्रय किया 15.93 करोड़ रूपए का गोबर
प्रमुख बिंदु
- स्वावलंबी गौठानों में शासन से राशि की मांग किए बिना 15 करोड़ 93 लाख रूपए का गोबर भी स्वयं की राशि से क्रय किया है। रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 279 गौठान स्वावलंबी हुए है।
- राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक 10624 गांवों में गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 8408 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां पर गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित हो रही है।
- वर्तमान में 1779 गौठानों का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है शेष 444 गौठानों के निर्माण का कार्य अभी शुरू कराया जाना है। गौठानों में पशुधन के देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। गौठानों में पशुओं के लिए हरे चारे के प्रबंध के लिए हाईब्रिड नेपियर ग्रास का रोपण एवं अन्य चारे की बुआई कर चारागाह का विकास लगातार किया जा रहा है।
- राजनांदगांव जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर है, जहां स्वावलंबी गौठानों की संख्या 221 हो गई है। तीसरे क्रम पर जांजगीर-चांपा जिले में 190 गौठान स्वावलंबी हुए हैं।
- गरियाबंद जिले में 26, धमतरी में 130, बलौदाबाजार में 101, महासमुन्द जिले में 170 तथा रायपुर जिले में 85, दुर्ग में 185, बालोद में 67, बेमेतरा में 71, राजनांदगांव जिले में 221, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 28, कोरबा जिले में 175, जांजगीर-चांपा में 190, बिलासपुर में 101, मुंगेली में 82, रायगढ़ में 279, कोरिया में 12, जशपुर में 75, बलरामपुर में 80, सरगुजा में 105, सूरजपुर में 94, कांकेर में 144, कोण्डगांव में 80, दंतेवाड़ा में 64, नारायणपुर में 7, बस्तर में 102, बीजापुर में 23 तथा सुकमा जिले में 52 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं।
‘मोर महापौर-मोर द्वार‘ : रायपुर नगर निगम (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
प्रमुख बिंदु
- 10 दिन में मूलभूत सुविधाओं से जुड़े 4846 आवेदनों का निराकरण
- 5 अगस्त तक सभी वार्ड में पहुंचेंगे महापौर, परिषद और निगम के अधिकारी
- आय-जाति, निवास प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, आधार, राशन व श्रम कार्ड के लिए वार्डवासी पहुंच रहे है शिविर में
- दिव्यांगों को ट्राई सायकिल, श्रवण यंत्र, महिला समूहों को वित्तीय सहायता, स्ट्रीट वेंडर्स कार्ड की मिल रही है सुविधा
‘सुरक्षित गुरुवार‘ स्कूलों को महामारी से बचाने का प्रयास (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कोविड महामारी से बचाव के लिए ‘सुरक्षित गुरूवार‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सुरक्षित गुरुवार में प्रत्येक गुरुवार को आधा घंटा महामारी से बचाव के तरीके एवं सुरक्षित व्यवहार को लेकर शालाओं में कार्य किया जाएगा, पाठ को लेकर वीडियो का भी निर्माण किया गया है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- शिक्षा विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किया है।
- ‘सुरक्षित गुरुवार’ गतिविधियों पर आधारित 17 सप्ताह का एक कार्यक्रम है, जिसे कक्षा 1 से 5 तथा कक्षा 6 से 12 के लिए अलग-अलग बनाया गया है।
- शिक्षकों की सुविधा के लिए इसको वीडियो फॉर्म में भी बनाया गया है। इसके साथ ही ‘सुरक्षित गुरुवार’ किताब में क्यूआर कोड डाला गया है, जिससे आसानी से पूरी प्रक्रिया शिक्षक और बच्चे समझ सके।
मोर मितान योजना का ग्रामीण मॉडल (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
राजस्व अमला मोर मितान योजना की तर्ज पर जरूरतमंद लोगों के घर – घर पहुंचकर प्रमाणपत्र बनाने के लिए जरूरी कागजात एवं आवेदन एकत्र करेगी।
योजना की प्रमुख बिंदु
- आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जैसे जरूरी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ग्रामीणों को अब तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- राजस्व अमला मोर मितान योजना की तर्ज पर जरूरतमंद लोगों के घर – घर पहुंचकर प्रमाणपत्र बनाने के लिए जरूरी कागजात एवं आवेदन एकत्र करेगी।
- लोकसेवा केन्द्रों में ऑनलाइन दर्ज कराएगी। प्रमाण पत्र तैयार हो जाने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसका वितरण गांव में ही किया जायेगा।
- ग्रामीणों के लिए एक बहुत बड़ी जरूरत के काम को सरल एवं सुविधाजनक तरीके से उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने एक विस्तृत कार्य – योजना तैयार की है।
सर्वाधिक लघु वनोपज खरीद करने वाला राज्य : छत्तीसगढ़ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
पिछले तीन सालों में अकेले छत्तीसगढ़ में देश के 74 प्रतिशत लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है। लघु वनोपज खरीदी में छत्तीसगढ़ का देश में पहला स्थान है।
प्रमुख बिंदु
- लघु वनोपज के संग्रहण के लिए लगभग 4 लाख 50 हजार महिला समूह कार्यरत् हैं।
- वनोपज की खरीदी कर इसकी वैल्यु एडिशन किया जाता है और वैल्यूएडिशन से प्राप्त राशि को समूह को दी जाती है।
- तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य ढाई हजार प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार प्रति मानक बोरा किया है।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाए पहुंचने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नि: शुल्क मोबाइल चिकित्सा सुविधा की औपचारिक शुरुआत 2 अक्टूबर को 150वीं गांधी जयंती के अवसर पर करेंगे।
योजना की प्रमुख बिंदु
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार आदिवासी इलाको में लोगो को मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए दवाइयों के साथ डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ सहित एक मेडिकल टीम के साथ मोबाइल चिकित्सा यूनिट तैनात करेगी।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
राज्य शासन द्वारा जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने की जो पहल की है उसमें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के नाम से एक नया अध्याय जुड़ गया है। इस योजना के तहत महासमुंद जिले में 30115 हितग्राहियोें को योजना की द्वितीय किस्त की राशि 2000 रुपए सीधे उनके बैंक खाते में पहुंच गई है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ के ग्रामीण नागरिक जिनके पास कृषि भूमि नहीं है एवं जो चरवाहा, बड़ाई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसी पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े हैं और पात्र की है उनको इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- परिवार के सदस्यों में भूमिहीन कृषि मजदूर की पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता शामिल है।
- यदि परिवार के मुखिया के माता पिता के नाम कोई भी कृषि भूमि उपलब्ध है एवं उस परिवार के मुखिया का उत्तराधिकार हक है तो वह राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा। इसके अलावा आवासीय प्रयोजन हेतु प्राप्त भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
लाभार्थी:
ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर
लाभ:
इस योजना के तहत, सरकार भूमिहीन परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा
आवेदन कैसे करें
कृपया विवरण के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पीडीएफ देखें।
योजना के बेहतर कार्यन्वयन हेतु इसमें 200 करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया गया है। जिसका लाभ राज्य के उन 15 लाख आवेदक किसानों को प्रदान किया जा सकेगा, जिनके पास अपनी कृषि भूमि ना होने के कारण वह खुद से किसी प्रकार की फसल का उत्पादन नहीं कर पाते और उन्हें केवल खरीफ फसलों के उत्पादन के समय ही रोजगार प्राप्त हो पाता है, जिससे अन्य मौसम में रोजगार ना होने से उन्हें बहुत सी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं, ऐसे सभी किसानों को योजना के माध्यम से आर्थिक सहयोग प्रदान की जाती है।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन न्याय योजना के लाभ एवं विशेषताएं
योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ की जानकारी आवेदक यहाँ से प्राप्त कर सकेंगे।
- इस योजना के माध्यम से सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर भूमिहीन किसानों को योजना का लाभ प्रदान करवाएगी।
- योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए राज्य के किसान आसानी से इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर घर बैठे ही आवेदन कर सकेंगे।
- राज्य सरकार द्वारा योजना के बेहतर कार्यन्वयन हेतु इसमें 200 करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया गया है।
- आवेदक किसान को सरकार द्वारा प्रतियेक वर्ष 6000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना में दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि आवेदक को दो किश्तों में जारी की जाएगी।
- इस योजना के माध्यम से राज्य के किसानो को आर्थिक सहयोग प्राप्त होने से उनकी आजीविका बेहतर हो सकेगी।
- ग्रामीण भूमिहीन न्याय योजना में आवेदक लाभार्थी को दी जाने वाली अनुदान राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में जारी करवाई जाएगी।
- योजना के संचालन हेतु राज्य स्तर पर आयुक्त/संचालक भू अभिलेख और जिला स्तर पर जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है।
- किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकेगी और उन्हें आर्थिक समस्याओं से राहत मिल सकेगी।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन न्याय योजना ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
ग्रामीण भूमिहीन न्याय योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए जो आवेदक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना चाहते हैं वह दी गई प्रक्रिया को पढ़कर आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदक को सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट rggbkmny.cg.nic.in पर विजिट करना होगा।
- अब आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुलकर आ जाएगा।
- यहाँ होम पेज आपको पंजीयन का विकल्प दिखाई देगा, जिस पर आपको क्लिक करना होगा।
- इसके बाद अगले पेज पर आपकी स्क्रीन में आवेदन फॉर्म खुलकर आ जाएगा।
- यहाँ आपको फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे आपका नाम, पिता, जाति, ग्राम पंचायत, गाँव का नाम, जिला, तहसील, परिवार के मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि सभी जानकारी ध्यानपूर्वक दर्ज करनी होगी।
- इसके बाद आपको मांगे गए सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी को फॉर्म में अपलोड कर देना होगा।
- सारी जानकारी भर लेने के बाद आपको Submit के बटन पर क्लिक कर देना होगा।
- इस तरह योजना में आपकी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
ग्रामीण भूमिहीन न्याय योजना ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत जो आवेदक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन नहीं करना चाहते, तो वह ऑफलाइन माध्यम से भी आवेदन की प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे, इसके लिए वह यहाँ दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।
- आवेदक को सबसे पहले अपने क्षेत्र के सम्बंधित कार्यालय में अपने सभी दस्तावेजों को लेकर जाना होगा।
- अब आपको कार्यालय से योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा।
- फॉर्म मिल जाने के बाद आपको उसमे पूछी गई जानकारी जैसे आपका नाम, पिता, जाति, ग्राम पंचायत, गाँव का नाम, जिला, तहसील, परिवार के मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी सही से भरना होगा।
- जानकारी भर लेने के बाद आपको फॉर्म के साथ सभी महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों को अटैच कर देना होगा।
- अब अपने फॉर्म की आखरी बार पूरी तरह से जाँच कर लेने के बाद आपको उसे ग्राम पंचायत सचिव को जमा करवा देना होगा।
- इस तरह आप योजना में ऑफलाइन आवेदन कर सकेंगे।
- जिसके बाद अधिकारियों द्वारा आपके फॉर्म की पूरी तरह से जाँच कर लेने के बाद यदि सभी जानकारी सही पाई जाती है तो आपको योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
गोमूत्र खरीद योजना (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
28 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग ज़िले के पाटन विकासखंड के ग्राम करसा में छत्तीसगढ़ के पहले त्योहार ‘हरेली’के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में गोमूत्र खरीदकर ‘गोमूत्र खरीद योजना’का विधिवत शुभारंभ किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रुपए किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 4 रुपए लीटर में गोमूत्र की खरीदी कर रहा है।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में ‘गोधन न्याय योजना’की शुरुआत 20 जुलाई, 2020 को हरेली पर्व के दिन से हुई थी। इसके तहत गोठनों में पशुपालक ग्रामीणों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है।
- देशभर में गोबर की खरीदी के ज़रिये बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग की बेजोड़ सफलता ही गोमूत्र की खरीदी का आधार बनी है।
- गोमूत्र खरीदी का उद्देश्य गोठानों में इससे जैविक कीटनाशक, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि राज्य के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराया जा सके। इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके।
- अब गोठानों में गोमूत्र की खरीदी कर महिला समूहों के माध्यम से इससे जैविक कीटनाशक तैयार किये जाएंगे, जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाज़ार में मिलने वाले महँगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी।
- कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक, रासायनिक कीटनाशक का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले, फल छेदन एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज़्यादा प्रभावकारी है। इसका उपयोग कृषि-पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिये भी बेहतर है।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर ‘सुराजी गाँव योजना’के ‘गरवा’ घटक के तहत राज्य के 8408 गाँव में गोठान निर्मित एवं संचालित हैं, जहाँ पशुओं की देखरेख चारा-पानी का नि:शुल्क प्रबंध है। इन गोठनों में ‘गोधन न्याय योजना’के तहत विगत 2 वर्षों से गोबर की खरीदी की जा रही है, जिससे महिला समूह जैविक खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं।
- राज्य में बीते 2 सालों में 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेता ग्रामीण पशुपालकों को 153 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। महिला समूहों ने क्रय गोबर से अब तक 22 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट प्लस का उत्पादन कर राज्य के किसानों को खेती में उपयोग के लिये उपलब्ध कराया है।
- गोठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ महिलाएँ अन्य मूलक गतिविधियाँ भी संचालित कर रही हैं, जिनसे उन्हें बीते 2 सालों में 74 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई है।
- गोठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक तैयार किये जाने से राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा मिलेगा। इससे पशुपालक ग्रामीणों को अतिरिक्त आय तथा महिला समूहों को रोज़गार और आय का ज़रिया भी मिलेगा।
छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
छत्तीसगढ़ी फिल्मों की शुरुआत साल 1965 में ‘कहि देबे संदेश’ और ‘घर-द्वार’ जैसी फिल्मों से हुई थी।
नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म को एक करोड़ रुपये और इंटरनेशनल अवॉर्ड जीतने पर पांच करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार की ओर से देने के प्रावधान का विशेष रूप से उल्लेख किया।
खबरों में क्यों?
4 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ फिल्म नीति 2021 का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में कर दिया गया है। नीति के तहत अलग-अलग श्रेणियों में अनुदान का प्रावधान किया गया है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ फिल्म पॉलिसी लागू होने से प्रदेश में फिल्म उद्योग से जुड़े हजारों कलाकारों, टेक्निशियनों और निर्माता-निर्देशकों सहित स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में नई फिल्म नीति 2021 तैयार की गई है।
- इस फिल्म नीति के तहत फीचर फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल्स और रियाल्टी शो तथा डाक्यूमेंट्री फिल्म के निर्माण, फिल्मांकन के लिये सुविधा व प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इससे फिल्म के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- छत्तीसगढ़ फिल्म नीति 2021 को लागू करने का प्रमुख उद्देश्य छत्तीसगढ़ को फिल्म अनुकूल राज्य बनाना और राज्य में फिल्म उद्योग के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन को राष्ट्रीय पहचान देना तथा यहाँ स्थानीय लोगों के लिये ज्यादा-से-ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा : राज्य महिला आयोग की पहल (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
28 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘हरेली’के अवसर पर अपने आवास परिसर से ‘मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। न्याय रथ महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूक करेगा।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से यह न्याय रथ यात्रा शुरू की गई है।
- ‘बात है अभिमान के महिला मन के सम्मान के’सूत्र वाक्य के साथ यह यात्रा शुरू हुई।
- मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा राज्य महिला आयोग के माध्यम से संचालित की जाएगी। यह रथ सभी ज़िलों के गाँव-गाँव तक भ्रमण कर लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं को कानूनी प्रावधानों एवं उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा।
- प्रथम चरण में मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ खनिज न्यास निधि प्राप्त करने वाले नौ ज़िलों- दुर्ग, रायपुर, राजनांदगाँव, बलौदाबाज़ार-भाटापारा, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर में जाएगा। इसके बाद प्रदेश के बाकी ज़िलों में न्याय रथ यात्रा शुरू होगी। इसकी शुरुआत दुर्ग ज़िले से होगी। इस अभियान के तहत महिलाओं को नि:शुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी।
- प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएँ आवेदन भी दे सकेंगी। प्राप्त आवेदनों का महिला आयोग द्वारा निराकरण किया जाएगा।
- रथ में बड़ी एलईडी स्क्रीन में छत्तीसगढ़ी और हिन्दी भाषा की विभिन्न कानूनों से संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी।
- महतारी न्याय रथ का संचालन डीएमएफ राशि से किया जाएगा। इसके लिये प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष बदलाव किये हैं।
- राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि शिक्षित, अशिक्षित, गृहणी, नौकरी कर रही सभी महिलाओं को महिला आयोग के कार्यों और महिलाओं के लिये बनाए गए कानूनों, नियमों एवं उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिये मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ की शुरुआत हुई है।
- महतारी न्याय रथ के माध्यम से बताया जाएगा कि महिलाएँ अपनी समस्याओं के समाधान और नि:शुल्क तथा त्वरित न्याय पाने के लिये महिला आयोग में किस तरह आवेदन कर सकती हैं। इससे पहले भी महिला आयोग ने वाट्सएप नंबर 9098382225 जारी किया है, जिसके माध्यम से महिलाएँ आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा रही हैं।
- डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि यह योजना देश में अपनी तरह की पहली योजना होगी। इससे महिलाएँ जागरूक होंगी और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को कानूनी अधिकारों की जानकारी से राज्य में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में कमी आएगी।
‘झुमका आईलैंड’ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
3 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरिया ज़िले के झुमका जलाशय के मध्य नवनिर्मित ‘झुमका आईलैंड’ का लोकार्पण किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोरिया टूरिज्म की वेबसाइट और ‘आई लव कोरिया’ सेल्फी पॉइंट का उद्घाटन भी किया।
- गौरतलब है कि झुमका जलाशय कोरिया ज़िले के बैकुंठपुर शहर में स्थित है।
- झुमका जलाशय में चारों तरफ पानी से घिरे सुरम्य आईलैंड पहले उजाड़ हालत में था। इसे डेढ़ महीने की मेहनत से आकर्षक रूप दिया गया है और इसे कोरिया ज़िले का एक नया टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाया गया है।
मानसून इन्फ्लुएंसर्स मीट : जशपुर (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
3 जुलाई, 2022 को जशपुर ज़िला प्रशासन द्वारा ज़िले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये आगामी 22 से 24 जुलाई, 2022 तक तीनदिवसीय जशपुर मानसून इन्फ्लुएंसर्स मीट का आयोजन किया जाएगा।
योजना की प्रमुख बिंदु
- प्राप्त जानकारी के अनुसार ज़िले के विभिन्न पर्यटन स्थलों को देखने एवं अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेने हेतु 20 कंटेंट क्रिएटर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा।
- इन क्रिएटर और इन्फ्लुएंसर्स को ज़िले के विभिन्न पर्यटन स्थलों को देखने, ट्रैकिंग, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, गाँव की सैर, आदिवासी संस्कृति की झलक, शिल्प बनाना और जातीय पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन, पाक पर्यटन के क्षेत्र में जशपुर ज़िले का संपूर्ण अन्वेषण और इको-टूरिज्म जैसी गतिविधियों में शामिल होने का मौका मिलेगा।
- यह आयोजन छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड, ट्रिप्पी हिल्स, मध्यम और स्थानीय पर्यटन स्व-सहायता समूह द्वारा समर्थित है।
नवीन मछलीपालन नीति (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
14 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में नवीन मछलीपालन नीति को मंज़ूरी दी गई।
योजना की प्रमुख बिंदु
- नवीन मछलीपालन का उद्देश्य राज्य में उपलब्ध संपूर्ण जल क्षेत्र को मत्स्यपालन के अंतर्गत लाते हुए मत्स्य उत्पादकता में वृद्धि करने के साथ ही गुणवत्तायुक्त मत्स्य बीज उत्पादन तथा मत्स्यपालन को बढ़ावा देकर लोगों को स्वरोज़गार प्रदान करना है।
- नवीन मछलीपालन नीति में राज्य के मछुआरों को उत्पादकता बोनस दिये जाने का प्रावधान भी किया गया है। उत्पादकता बोनस की यह राशि छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ को जलाशयों एवं बैराज की नीलाम से प्राप्त होने वाली राशि की 25 प्रतिशत होगी।
- नवीन मछलीपालन नीति के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं-
- राज्य में अलंकारिक मछलीपालन एवं गंबुसिया मछलीपालन को भी प्रोत्साहित किये जाने का प्रावधान नई नीति में किया गया है।
- राज्य स्थित अनुपयोगी खदानों को विकसित कर मछलीपालन हेतु उपयोग में लाया जाएगा।
- पंचायत राज्य व्यवस्था के अंतर्गत तालाबों/जलाशयों को मछलीपालन हेतु पट्टे पर देने के अधिकार के तहत 0 से 10 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाब/जलाशय ग्राम पंचायत द्वारा नियमानुसार 10 वर्षीय पट्टे पर प्रदान किये जाएंगे।
- 10 से 100 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाबों एवं जलाशयों को जनपद पंचायत द्वारा, 100 से 200 हेक्टेयर तक ज़िला पंचायत द्वारा, 200-1000 हेक्टेयर तक के जलाशय एवं बैराज को मछलीपालन विभाग द्वारा पट्टे पर आवंटित किया जाएगा।
- 1000 हेक्टेयर से अधिक के जलाशय/बैराज छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ द्वारा खुली निविदा आमंत्रित कर 10 वर्ष के लिये पट्टे पर दिये जाएंगे।
- मत्स्य महासंघ द्वारा जलाशय एवं बैराज को पट्टे पर दिये जाने हेतु खुली निविदा से प्राप्त आय की 50 प्रतिशत राशि मछलीपालन विभाग के राजस्व खाते में देय होगी। शेष 50 प्रतिशत का 25 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय स्तर पर मत्स्याखेट करने वाले मछुआरों को उत्पादकता बोनस के रूप में दिया जाएगा।
- नदियों एवं 20 हेक्टेयर से कम जल क्षेत्र वाले एनीकट/डीपपूल में नि:शुल्क मत्स्याखेट की व्यवस्था यथावत रहेगी।
- गोठानों हेतु निर्मित तालाबों में मछलीपालन का कार्य गोठान समिति या उनके द्वारा चिह्नित समूह द्वारा किया जाएगा।
- पंचायतों द्वारा लीज़ राशि में बढ़ोतरी प्रति 2 वर्ष में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर निर्धारण किया जाएगा, जिसका उपयोग जनहित के विकास कार्यों में किया जाएगा।
- आदिवासी मछुआ सहकारी समिति में गैर-आदिवासी सदस्यों का प्रतिशत 33 से घटाकर 30 प्रतिशत करने प्रावधान किया गया है।
- अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासी मछुआ सहकारी समिति का अध्यक्ष का पद अनिवार्य रूप से अनुसूचित जन जाति के लिये आरक्षित रहेगा। समिति के उपाध्यक्ष पद हेतु मछुआ जाति के सदस्य को प्राथमिकता दी जाएगी।
- 0 से 10 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के जलाशयों/तालाबों का आवंटन मछुआ समूह, मत्स्य सहकारी समिति एवं आजीविका मिशन के तहत गठित स्थानीय महिला समूह, मछुआ व्यक्ति व मत्स्य कृषक को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
- मछलीपालन में डिप्लोमा, स्नातक या स्नातकोत्तर व्यक्ति एवं बेरोज़गार युवा मछुआ व्यक्ति व मत्स्य कृषक माने जाएंगे।
- मछली बीज की गुणवत्ता नियंत्रण एवं प्रमाणीकरण हेतु राज्य में मत्स्य बीज प्रमाणीकरण अधिनियम बनाया जाएगा, जो मत्स्य बीज के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा एवं बीज उत्पादन तकनीक की जानकारी देगा।
- मत्स्य बीज विक्रय करने वालों एवं उत्पादकों को मछलीपालन विभाग में पंजीयन कराना एवं विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
- राज्य में स्थित अनुपयोगी एवं बंद पड़ी खदानों को विकसित कर मछलीपालन हेतु स्थानीय बेरोजगारों को पट्टे पर दिया जाएगा। बड़ी खदानों में मछलीपालन को बढ़ावा देने हेतु केज स्थापना की पहल की जाएगी।
- सिंचाई जलाशयों में केज कल्चर योजना के क्रियान्वयन के लिये मछलीपालन विभाग पूर्णरूप से अधिकृत होगा, इसके लिये सिंचाई जलाशय को दीर्घ अवधि हेतु विभाग लीज़ पर दे सकेगा।
एनएफएसए राज्य रैंकिंग – छत्तीसगढ़ उन्नीसवें स्थान पर (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में छत्तीसगढ़ पूरे देश में उन्नीसवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में छत्तीसगढ़ 654 स्कोर के साथ उन्नीसवें स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है।
- ये स्तंभ हैं-
i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान,
ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और
iii) पोषण संबंधी पहल।
छत्तीसगढ़ 17वें स्थान पर इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर्स जुलाई 2022)
खबरों में क्यों?
21 जुलाई, 2022 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी द्वारा जारी इंडिया इनोवेशन इंडेक्स- 2021 में 17 प्रमुख राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को अंतिम (17वाँ) स्थान मिला है।
प्रमुख बिंदु
- नीति आयोग के तीसरे इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके प्रदर्शन की प्रभावी तुलना करने के लिये 17 प्रमुख राज्यों, 10 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों तथा 9 केंद्रशासित प्रदेशों व शहर-राज्यों की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया था।
- 17 प्रमुख राज्यों की श्रेणी में कर्नाटक01 अंक के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि तेलंगाना 17.66 अंकों के साथ दूसरे और हरियाणा 16.35 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। ओडिशा 11.42 अंकों के साथ 16वें और छत्तीसगढ़ 10.97 अंकों के साथ 17वें (अंतिम) स्थान पर है।
- पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में मणिपुर37 अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर है। इस श्रेणी में उत्तराखंड (17.67 अंक) दूसरे स्थान पर, जबकि नागालैंड (11.00 अंक) सबसे निचले पायदान पर है।
- केंद्रशासित प्रदेशों व शहर-राज्यों की श्रेणी में चंडीगढ़ (27.88 अंक) को शीर्ष स्थान मिला है। इस श्रेणी में दिल्ली (27.00 अंक) दूसरे स्थान पर, जबकि लद्दाख (5.91 अंक) सबसे निचले पायदान पर है।
- उल्लेखनीय है कि नीति आयोग और प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान द्वारा तैयार इंडिया इनोवेशन इंडेक्स देश के इनोवेशन इको सिस्टम के मूल्यांकन और विकास का एक माध्यम है। यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके नवाचार प्रदर्शन के क्रम में रखता है, ताकि उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
- इस इनोवेशन इंडेक्स को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की तर्ज़ पर तैयार किया गया है। पिछले संस्करणों में 36 संकेतकों के आधार पर विश्लेषण किया गया था, लेकिन इस बार 66 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया। पहले और दूसरे इनोवेशन इंडेक्स क्रमश: अक्टूबर 2019 और जनवरी 2021 में जारी किये गये थे।
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