छत्तीसगढ़ के नए नायक: विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ के नए नायक: विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले विष्णुदेव साय एक ऐसा नाम है, जिसने आदिवासी समाज को गौरवान्वित किया है. वे ना सिर्फ छत्तीसगढ़ के बल्कि पूरे देश के आदिवासी समुदाय से बिना किसी विरोध के मुख्यमंत्री पद पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हैं. उनके इस सफर में संघर्ष, समर्पण और जनता का अपार विश्वास झलकता है. आइए विष्णुदेव साय के जीवन और उपलब्धियों पर एक नज़र डालें.

जमीन से जुड़े नेता :

21 फरवरी 1964 को जशपुर जिले के बागिया गांव में एक किसान परिवार में जन्मे विष्णुदेव साय का शुरुआती जीवन खेती-बाड़ी और सामाजिक कार्यों में बीता. यहीं से उन्होंने जनता की तकलीफ़ों को समझना और उनके लिए काम करने का जज्बा हासिल किया.

राजनीति में उनके कदम 1980 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ बढ़े. धीरे-धीरे उन्होंने अपनी मेहनत और जनता से जुड़ाव के जरिए पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान बनाया.

1990 में पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए. इसके बाद 1999 और 2014 में लोकसभा सांसद के रूप में रायगढ़ का प्रतिनिधित्व किया.

2020 में उन्हें छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इस दौरान उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने और जनता के बीच भाजपा का आधार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

मुख्यमंत्री के रूप में चुनौतियां और लक्ष्य :

दिसंबर 2023 में विष्णुदेव साय को बिना किसी विरोध के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया. उनके सामने राज्य के विकास और जनता की आशाओं को पूरा करने की कई चुनौतियां हैं.

  • राज्य में गरीबी, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और आदिवासी विकास जैसे मुद्दे अहम हैं, जिन पर उन्हें विशेष ध्यान देना होगा.
  • इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और उद्योगों के विकास पर भी जोर देना आवश्यक है.
  • विष्णुदेव साय ने वादा किया है कि वह आदिवासियों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के उत्थान के लिए काम करेंगे और छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध और विकसित राज्य बनाएंगे.

राजनीतिक घटनाक्रम

  • 2016
    5 जुलाई 2016: केंद्रीय राज्य मंत्री, इस्पात मंत्रालय
  • 2014
    मई, 2014: वे 16 वीं लोकसभा के लिए पुन: निर्वाचित हुए (चौथा कार्यकाल)। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की आरती सिंह को 216,750 मतों से हराया।
  • 27 मई 2014 – 9 नवंबर 2014: केंद्रीय राज्य मंत्री, खान, इस्पात और श्रम और रोजगार मंत्रालय। 9 नवंबर 2014 – 5 जुलाई 2016: केंद्रीय राज्य मंत्री, खान मंत्रालय; और इस्पात मंत्रालय
  • 2009
    उन्हें 15 वीं लोकसभा के लिए दोबारा चुना गया (तीसरा कार्यकाल) उन्होंने कांग्रेस पार्टी के हृदयराम राठिया को 294,837 मतों से हराया। 31 अगस्त 2009: सदस्य, वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति
  • 2007
    5 अगस्त 2007: सदस्य, जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति।
  • 2004
    उन्हें 14 वीं लोकसभा (दूसरा कार्यकाल) के लिए फिर से चुना गया। सदस्य, सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति
  • 2000
    2000-2004: सदस्य, सलाहकार समिति, कृषि मंत्रालय
  • 1999
    उन्हें 13 वीं लोकसभा के लिए चुना गया था। 1999-2000: सदन की बैठक से सदस्यों की अनुपस्थिति पर सदस्य, समिति। सदस्य, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण संबंधी स्थायी समिति।
  • 1990
    1990-98: सदस्य, मध्य प्रदेश विधान सभा (दो कार्यकाल)

निजी जीवन

पूरा नाम विष्णु देव साईं
जन्म तिथि 21 Feb 1964
जन्म स्थान बगिया, जिला – जशपुर (छत्तीसगढ़)
पार्टी का नाम Bharatiya Janta Party
शिक्षा 10th Pass
व्यवसाय श्री राम प्रसाद साई
पिता का नाम श्री राम प्रसाद साई
माता का नाम श्रीमती जशमनी देवी
जीवनसाथी का नाम श्रीमती कौशल्या देवी
संतान 1 पुत्र 2 पुत्री

विष्णु देव साय आदिवासी विष्णु देव साय ने कुनकुरी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और स्नातक की पढ़ाई के लिए अंबिकापुर चले गए। लेकिन उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 1988 में अपने गांव लौट आए। 1989 में उन्हें बगिया ग्राम पंचायत के ‘पंच’ के रूप में चुना गया और अगले साल वह निर्विरोध सरपंच बन गए।

ऐसा कहा जाता है कि भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने उन्हें 1990 में चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उसी वर्ष, विष्णु देव साय अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा (जशपुर जिले में) से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए थे। साल 1993 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यह सीट बरकरार रखी। साल 1998 में उन्होंने निकटवर्ती पत्थलगांव सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे।

बाद में, वह लगातार चार बार – 1999, 2004, 2009 और 2014 में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भाजपा ने विष्णुदेव साय को 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों में पत्थलगांव सीट से मैदान में उतारा, लेकिन वह दोनों बार हार गए।

वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद विष्णु देव साय को इस्पात और खनन राज्य मंत्री बनाया गया था। वह छत्तीसगढ़ के उन 10 मौजूदा भाजपा सांसदों में से थे, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया गया था। इन आदिवासी राजनेता ने 2006 से 2010 तक और फिर जनवरी-अगस्त 2014 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2018 में राज्य में भाजपा की हार के बाद उन्हें 2020 में फिर से छत्तीसगढ़ में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई।

विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले 2022 में उनकी जगह ओबीसी नेता अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस साल नवंबर माह में चुनावों से पहले, साय को जुलाई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नामित किया गया था। चुनाव में उन्हें कुनकुरी (जशपुर जिला) से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक यू डी मिंज को 25,541 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की।

सम्पर्क

स्थाई पता गाँव – बगिया, पी.ओ. बन्दर चुआन, बागीचा, जिला – जशपुर -496331, छत्तीसगढ़
वर्तमान पता 7, लोधी एस्टेट, नई दिल्ली – 110 003

जनता की उम्मीदें :

  • विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने से आदिवासी समाज में एक नई उम्मीद जगी है. उन्हें उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में आदिवासियों के विकास और हितों की रक्षा होगी.
  • किसान भी बेहतर सिंचाई सुविधा, उचित मूल्य और कृषि सुधारों की उम्मीद कर रहे हैं.
  • युवाओं को रोजगार के अवसर और बेहतर शिक्षा की आस है.
  • महिलाएं सुरक्षा, शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता की उम्मीद कर रही हैं.

निष्कर्ष :

विष्णुदेव साय का जीवन और राजनीतिक सफर एक प्रेरणा है. वे साबित करते हैं कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी और जनता से जुड़ाव से कोई भी व्यक्ति बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में उनसे राज्य के विकास और जनता की खुशहाली की उम्मीद की जा रही है. यह देखना होगा कि वह इन उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं.

मुझे आशा है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी रहा होगा.

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