छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022 | Chhattisgarh Latest CGPSC Current Affairs : September 2022

छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022 | Chhattisgarh Latest CGPSC Current Affairs : September 2022

छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर पुरे राज्य के घटनाओ का एक सार है जो आपको cgprepp.com के करंट अफेयर वाले खंड में हर माह में मिलेगा , जो आपके छत्तीसगढ़ प्री तथा मेन्स के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।


कृषि मंत्री ने किया ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ कार्यक्रम का प्रदेशव्यापी शुभारंभ  (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)

खबरों में क्यों?

1 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’की पॉलसी प्रदान कर प्रदेशव्यापी ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

योजना की प्रमुख बिंदु

  • कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस मौके पर 35 किसानों को पॉलिसी दस्तावेज़ का वितरण भी किया। ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी बीमित किसानों को सितंबर माह में पॉलिसी का वितरण किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि खरीफ सीज़न 2022 में राज्य के लगभग 13 लाख 95 हज़ार 369 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कराया है। इसमें कृषक अंश के 89 करोड़ रुपए, राज्यांश के 535.17 करोड़ रुपए एवं केंद्रांश के रूप में 535.17 करोड़ रुपए इस तरह से कुल 1232.23 करोड़ रुपए प्रीमियम की राशि है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में खरीफ व रबी की फसलों के लिये छत्तीसगढ़ से कुल 16 लाख 9 हज़ार 646 किसानों ने योजना के अंतर्गत बीमा कराया था, जिसमें से 6 लाख 89 हज़ार 324 किसानों को बीमित राशि के रूप में 48 करोड़ रुपए का बीमा दावा भुगतान किया गया था।
  • इसी तरह वर्ष 2020-21 में खरीफ व रबी फसलों के लिये 17 लाख 3 हज़ार 992 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कराया था, जिसमें से 6 लाख 18 हज़ार 640 किसानों के दावों पर उन्हें 81 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया था।
  • वहीं 2019-20 में खरीफ व रबी फसल के लिये छत्तीसगढ़ के 18 लाख 52 हज़ार 853 किसानों ने योजना के तहत बीमा कराया था, जिसमें से 6 लाख 57 हज़ार 907 किसानों को 1264.34 करोड़ रुपए का बीमा दावा भुगतान किया गया है।

छत्तीसगढ़ कम बेरोज़गार वाले राज्यों में निरंतर बना सिरमौर (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)

खबरों में क्यों?

हाल ही में सीएमआईई द्वारा जारी किये गए नए आँकड़ों के अनुसार अगस्त 2022 में छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर 4 प्रतिशत है, जबकि देश में बेरोज़गारी दर 8.3 प्रतिशत है।

योजना की प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ पिछले कई महीनों से सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में उच्च स्थान पर बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन साल में शहरी-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने तथा रोज़गार के नए अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं का असर है।
  • जुलाई महीने में छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर 8 प्रतिशत रही। मई महीने में 0.7 प्रतिशत तथा मार्च-अप्रैल महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर सबसे कम 0.6 प्रतिशत रही।
  • सीएमआईई द्वारा जारी किये गए नए आँकड़ों के अनुसार अगस्त में बेरोज़गारी दर बिहार में 8 प्रतिशत, गोवा में 13.7 प्रतिशत, गुजरात में 2.6 प्रतिशत, हरियाणा में 37.3 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 7.3 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 32.8 प्रतिशत, कर्नाटक में 3.5 प्रतिशत तथा मध्य प्रदेश में 2.6 प्रतिशत दर्ज की गई है।
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसी योजनाओं पर ज़ोर दिया गया तथा क्रियान्वयन किया गया, जिनसे रोज़गार के नए अवसर सृजित हों। सरकार बनने के साथ ही कर्ज़ माफी तथा समर्थन मूल्य में वृद्धि जैसी योजनाओं से शुरुआत की गई।
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नई औद्योगिक नीति का निर्माण, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडीशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि तथा 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर ज़िले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए।
  • गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोमूत्र खरीदी की शुरुआत की गई है। खरीदे गए गोमूत्र से भी खाद तथा कीटनाशकों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे रोज़गार के नए अवसरों का सृजन हो रहा है।

गाँव-गाँव में निर्मित गोठानों को भी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में उन्नत किया जा रहा है, जहाँ तेल मिल, दाल मिल, मिनी राइस मिल जैसी प्रोसेसिंग इकाईयाँ स्थापित की जा रही हैं। गोठानों में विभिन्न उत्पादों का भी निर्माण किया जा रहा है।


error: Content is protected !!