छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022 | Chhattisgarh Latest CGPSC Current Affairs : September 2022
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कृषि मंत्री ने किया ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ कार्यक्रम का प्रदेशव्यापी शुभारंभ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
1 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’की पॉलसी प्रदान कर प्रदेशव्यापी ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस मौके पर 35 किसानों को पॉलिसी दस्तावेज़ का वितरण भी किया। ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी बीमित किसानों को सितंबर माह में पॉलिसी का वितरण किया जाएगा।
- गौरतलब है कि खरीफ सीज़न 2022 में राज्य के लगभग 13 लाख 95 हज़ार 369 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कराया है। इसमें कृषक अंश के 89 करोड़ रुपए, राज्यांश के 535.17 करोड़ रुपए एवं केंद्रांश के रूप में 535.17 करोड़ रुपए इस तरह से कुल 1232.23 करोड़ रुपए प्रीमियम की राशि है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में खरीफ व रबी की फसलों के लिये छत्तीसगढ़ से कुल 16 लाख 9 हज़ार 646 किसानों ने योजना के अंतर्गत बीमा कराया था, जिसमें से 6 लाख 89 हज़ार 324 किसानों को बीमित राशि के रूप में 48 करोड़ रुपए का बीमा दावा भुगतान किया गया था।
- इसी तरह वर्ष 2020-21 में खरीफ व रबी फसलों के लिये 17 लाख 3 हज़ार 992 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कराया था, जिसमें से 6 लाख 18 हज़ार 640 किसानों के दावों पर उन्हें 81 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया था।
- वहीं 2019-20 में खरीफ व रबी फसल के लिये छत्तीसगढ़ के 18 लाख 52 हज़ार 853 किसानों ने योजना के तहत बीमा कराया था, जिसमें से 6 लाख 57 हज़ार 907 किसानों को 1264.34 करोड़ रुपए का बीमा दावा भुगतान किया गया है।
छत्तीसगढ़ कम बेरोज़गार वाले राज्यों में निरंतर बना सिरमौर (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
हाल ही में सीएमआईई द्वारा जारी किये गए नए आँकड़ों के अनुसार अगस्त 2022 में छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर 4 प्रतिशत है, जबकि देश में बेरोज़गारी दर 8.3 प्रतिशत है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ पिछले कई महीनों से सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में उच्च स्थान पर बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन साल में शहरी-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने तथा रोज़गार के नए अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं का असर है।
- जुलाई महीने में छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर 8 प्रतिशत रही। मई महीने में 0.7 प्रतिशत तथा मार्च-अप्रैल महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर सबसे कम 0.6 प्रतिशत रही।
- सीएमआईई द्वारा जारी किये गए नए आँकड़ों के अनुसार अगस्त में बेरोज़गारी दर बिहार में 8 प्रतिशत, गोवा में 13.7 प्रतिशत, गुजरात में 2.6 प्रतिशत, हरियाणा में 37.3 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 7.3 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 32.8 प्रतिशत, कर्नाटक में 3.5 प्रतिशत तथा मध्य प्रदेश में 2.6 प्रतिशत दर्ज की गई है।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसी योजनाओं पर ज़ोर दिया गया तथा क्रियान्वयन किया गया, जिनसे रोज़गार के नए अवसर सृजित हों। सरकार बनने के साथ ही कर्ज़ माफी तथा समर्थन मूल्य में वृद्धि जैसी योजनाओं से शुरुआत की गई।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नई औद्योगिक नीति का निर्माण, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडीशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि तथा 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर ज़िले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए।
- गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोमूत्र खरीदी की शुरुआत की गई है। खरीदे गए गोमूत्र से भी खाद तथा कीटनाशकों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे रोज़गार के नए अवसरों का सृजन हो रहा है।
गाँव-गाँव में निर्मित गोठानों को भी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में उन्नत किया जा रहा है, जहाँ तेल मिल, दाल मिल, मिनी राइस मिल जैसी प्रोसेसिंग इकाईयाँ स्थापित की जा रही हैं। गोठानों में विभिन्न उत्पादों का भी निर्माण किया जा रहा है।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी बना छत्तीसगढ़ का 29वाँ ज़िला (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
2 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवगठित ज़िला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी का राज्य के 29वें ज़िले के रूप में उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने ज़िले के नक्शे का अनावरण भी किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- ज़िला शुभारंभ कार्यक्रम में उन्होंने 106 करोड़ 27 लाख 95 हज़ार रुपए के कार्य का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। इसमें 52 करोड़ 16 लाख 8 हज़ार रुपए के 42 कार्यों का भूमि-पूजन एवं 54 करोड़ 11 लाख 87 हज़ार रुपए के 12 कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
- मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर ज़िलावासियों को बधाई दी और ज़िले के तीनों ब्लॉक के विकास के लिये तीन करोड़ रुपए की घोषणा की।
- नवगठित ज़िला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी राजनांदगांव ज़िले से अलग कर एक नई प्रशासनिक इकाई के रूप में बनाया गया है। नवीन ज़िला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी दुर्ग संभाग के अंतर्गत होगा।
- ज़िले के उद्घाटन के एक दिन पहले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ज़िले में कलेक्टर की पदस्थापना भी कर दी गई। 2014 बैच के IAS ऑफिसर एस. जयवर्धन पहले कलेक्टर बनाए गए हैं, वहीं येदुवल्ली अक्षय कुमार नवगठित ज़िले के पहले एसपी होंगे।
- नवीन गठित ज़िले में तीन तहसील- अंबागढ़ चौकी, मोहला एवं मानपुर हैं तथा तीन विकासखंड एवं जनपद पंचायत- अंबागढ़ चौकी, मोहला एवं मानपुर हैं।
- नवीन ज़िले का भौगोलिक क्षेत्रफल 2 लाख 14 हज़ार 667 हेक्टेयर है। यहाँ की कुल जनसंख्या 2 लाख 83 हज़ार 947 है, जिसमें अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या 1 लाख 79 हज़ार 662 है, जो ज़िले की कुल जनसंख्या का 63.27 प्रतिशत है।
- ज़िले में राजस्व निरीक्षक मंडल की संख्या 13 है, कुल पटवारी हलका नंबर 89 है, ग्राम पंचायत की संख्या 185 है। ज़िले में थानों की कुल संख्या 9 है, विधानसभा क्षेत्र 2 तथा कुल मतदान केंद्र संख्या 497 है, नवीन ज़िले में कुल गाँवों की संख्या 499 है।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त, 2021 को चार नए ज़िलों और 18 नई तहसीलों के गठन की घोषणा की थी। इनमें मोहला-मानपुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती और मनेंद्रगढ़ शामिल हैं। इसके बाद खैरागढ़ उप-चुनाव के दौरान उन्होंने एक अन्य नया ज़िला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के गठन की घोषणा की थी।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 3 सितंबर को प्रदेश के 30वें ज़िले ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’और 31वें ज़िले ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री ने किया 2 नवगठित ज़िलों का शुभारंभ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
3 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सारंगढ़ के खेल भांठा मैदान में आयोजित विशाल समारोह में राज्य के 30वें ज़िले ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ तथा खैरागढ़ के राजा फतेह सिंह खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में 31वें ज़िले ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ का शुभारंभ किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 2 सितंबर को 29वें ज़िले मोहला-मानपुर-चौकी का शुभारंभ किया गया था।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नए ज़िले ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिये 540 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात भी दी, जबकि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ज़िले के शुभारंभ कार्यक्रम में 364 करोड़ 56 लाख रुपए के विकास कार्यों की सौगात के साथ ही 213 हितग्राहियों को शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 37 लाख 48 हज़ार रुपए की सामग्री एवं अनुदान सहायता राशि प्रदान की।
- नवगठित ज़िला सारंगढ़-बिलाईगढ़ का ज़िला मुख्यालय सारंगढ़ है। यहाँ रियासतकालीन समय से हवाई पट्टी स्थित है। ज़िला मुख्यालय सारंगढ़ छत्तीसगढ़ गठन के पूर्व से तहसील मुख्यालय एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुख्यालय है।
- विदित है कि बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले ज़िला रायगढ़ के उप खंड सारंगढ़, तहसील सारंगढ़ एवं बरमकेला तथा रायपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले ज़िला बलौदाबाजार-भाटापारा के उप खंड-बिलाईगढ़ तथा तहसील बिलाईगढ़ को शामिल करते हुए नए ज़िले सारंगढ़-बिलाईगढ़ का गठन किया गया है, जिसमें तीन तहसील सारंगढ़, बरमकेला एवं बिलाईगढ़ एवं उप तहसील कोसीर तथा भटगाँव शामिल होंगे।
- नवगठित ज़िले में तीन जनपद पंचायत सारंगढ़, बरमकेला व बिलाईगढ़ शामिल हैं। इस नवगठित ज़िले की सीमाएँ उत्तर में रायगढ़, दक्षिण में महासमुंद ज़िले तथा पूर्व में ओडिशा के बरगढ़ ज़िले और पश्चिम में बलौदा बाज़ार तथा उत्तर-पश्चिम में जांजगीर-चांपा ज़िले से लगी हुई हैं।
- नवगठित ज़िले में रामनामी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। महानदी सारंगढ़-बिलाईगढ़ ज़िले की मुख्य नदी है। वहीं ज़िले की सारंगढ़ तहसील में स्थित गोमर्डा अभयारण्य सैलानियों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। सारंगढ़ का दशहरा-उत्सव बस्तर-दशहरा की भाँति बहुत प्रसिद्ध है।
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या 6 लाख 17 हज़ार 252 है। 759 ग्राम, 349 ग्राम पंचायत, 5 नगरीय निकाय हैं, जिनके अंतर्गत 20 राजस्व निरीक्षक मंडल शामिल है, जिनमें सारंगढ़, हरदी, सालर, कोसीर, छिंद, गोड़म, उलखर, बरमकेला, गोबरसिंघा, देवगाँव, डोंगरीपाली, सरिया, बिलाईगढ़, पवनी, गोविंदवन, जमगहन, भटगाँव, गिरसा, बिलासपुर एवं सरसीवा शामिल हैं।
- इसका कुल राजस्व क्षेत्रफल 1 लाख 65 हज़ार 14 हेक्टेयर है एवं 2518 राजस्व प्रकरण की संख्या है। वर्तमान में नवीन ज़िला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1406 स्कूल, 7 कॉलेज, 33 बैंक, 3 परियोजना, 141 स्वास्थ्य केन्द्र, 10 थाना एवं 2 चौकी स्थापित हैं।
- इसी प्रकार नवगठित ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ ज़िला दुर्ग संभाग के अंतर्गत आता है। इसकी जनसंख्या 3 लाख 68 हज़ार 444 है। कुल ग्रामों की संख्या 494 तथा 3 नगरीय निकाय हैं। दो उप खण्ड खैरागढ़ एवं गंडई-छुईखदान होंगे। तीन तहसील गंडई, छुईखदान, खैरागढ़ होंगे, वहीं 2 विकासखंड छुईखदान एवं खैरागढ़, 16 राजस्व निरीक्षक मंडल होंगे। इस नवीन ज़िले में 107 पटवारी हल्का, 221 ग्राम पंचायतें है।
- इस नवीन ज़िले के उत्तर में कबीरधाम ज़िला, दक्षिण में तहसील डोंगरगढ़ व तहसील राजनांदगांव (राजनांदगांव ज़िला), पूर्व में तहसील साजा (बेमेतरा ज़िला) एवं तहसील धमधा (दुर्ग ज़िला) और पश्चिम में तहसील लांजी ज़िला- बालाघाट (मध्य प्रदेश) की सीमाएँ लगी हैं। खनिज और संसाधनों से समृद्धि होने तथा ज़िला बनने से यहाँ औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
- नया ज़िला बन जाने से नागरिकों को काफी राहत मिलेगी और कई महत्त्वपूर्ण कार्य आसानी से होंगे। प्रशासनिक विकेंद्रीकरण होने का फायदा आम जनता को मिलेगा। बुनियादी सुविधाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्यान्न लोगों तक आसानी से उपलब्ध होंगी और सुविधाओं का विस्तार होगा।
- वहीं शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन दूरस्थ अंचलों तक आसानी से होगा। रोड कनेक्टिविटी, पुल-पुलिया के निर्माण से सुदूर वनांचल के क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बढ़ेगी।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त, 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रशासनिक कार्यों में कसावट लाने एवं आम जनता को सहूलियत पहुँचाने के उद्देश्य से प्रदेश में चार नए ज़िलों के गठन की घोषणा की थी।
खैरागढ़ में छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी आर्ट गैलरी का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
3 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ में प्रदेश के सबसे बड़ी आर्ट गैलरी का उद्घाटन किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की इस भव्य और शानदार आर्ट गैलरी में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों को प्रदर्शनी के लिये रखा गया है। विश्वविद्यालय के चित्रकला, मूर्तिकला, ग्राफिक्स, क्राफ्ट एंड डिज़ाइन तथा लोक संगीत एवं कला संकाय के छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित उत्कृष्ट कलाकृतियों को प्रदर्शनी के लिये रखा गया है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप कुलपति डॉ. चंद्राकर के निर्देश पर इस आर्ट गैलरी को सरगुजा ज़िले की विश्वप्रसिद्ध लोकचित्र कलाकार स्व. सोनाबाई रजवार को समर्पित किया गया है। आर्ट गैलरी का नाम उन्हीं के नाम पर सोना बाई रजवार आर्ट गैलरी रखा गया है।
- इस कला प्रदर्शनी को डॉ. योगेन्द्र चौबे (अधिष्ठाता, लोक संगीत एवं कला संकाय), व्यंकट गुडे, डॉ. रवि नारायण गुप्ता, डॉ. विकास चंद्रा, डॉ छगेन्द्र उसेंडी, संदीप किंडो की देखरेख और मार्गदर्शन में पूर्ण किया गया है।
- इस आर्ट गैलरी की खास बात यह है कि एक अवलोकन में ही संपूर्ण छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा को देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ‘बालवाड़ी योजना’ का किया शुभारंभ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति के अनुसार खेल-खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिये प्रदेश में ‘बालवाड़ी योजना’का शुभारंभ किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- ‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा की गाड़ी’की थीम के साथ मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरूआत की।
- स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना पाँच से छ: वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये शुरू की गई है।
- ‘बालवाड़ी योजना’के माध्यम से बच्चे सीखने के लिये प्रोत्साहित होंगे और उन्हें स्कूल के माहौल के लिये तैयार किया जा सकेगा। बच्चों के लिये हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी और इसके लिये सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाएगा।
- बच्चों को खेल-खेल में एवं रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिये आंगनबाड़ी सहायिका एवं शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक बालवाड़ी के लिये बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री एवं प्रिंटरीच रंग-रोगन आदि के लिये एक लाख रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं। शिक्षण की शुरुआत तभी हो जानी चाहिये, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो।
- योजना के शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं संज्ञानात्मक विकास करने एक लिये एक शिक्षण-सेतु के तौर पर कार्य करेगी ताकि 5 से 6 वर्ष की उम्र में जब बच्चे पहली कक्षा में जाएँ तो वह उसके लिये पूरी तरह तैयार हो चुके हों।
- स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष 5173 बालवाड़ियाँ प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियाँ खोली जाएंगी।
राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 60 शिक्षक हुए सम्मानित (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल अनुसुईया उइके के मुख्य आतिथ्य में राजभवन के दरबार हॉल में राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 60 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें से 56 शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान, 2021 और 4 शिक्षकों को प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
योजना की प्रमुख बिंदु
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- समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान के लिये चयनित 56 शिक्षिकों में से प्रत्येक को 21-21 हज़ार रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
- इसके अलावा प्रदेश के महान विभूतियों की स्मृति में दिये जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रत्येक शिक्षक को 50-50 हज़ार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिये गए।
- प्रदेश के 4 महान साहित्यिक विभूतियों के नाम पर स्मृति पुरस्कार तथा उनसे सम्मानित शिक्षक हैं-
- डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति पुरस्कार – जेल शिक्षक नेतराम नाकतोड़े (ज़िला- रायपुर)
- श्री गजानंद माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार – व्याख्याता मीरा आर्ची चौहान (ज़िला- कांकेर)
- डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार – व्याख्याता एलबी राकेश टंडन (ज़िला- कोरबा)
- डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार – शिक्षक एलबी हेमंत कुमार खुटे (ज़िला- महासमुंद)
- राज्य शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2021 से सम्मानित होने वाले 56 शिक्षक हैं-
- प्रधान अध्यापक नंदिनी प्रभा बाजपेई और व्याख्याता रामप्रसाद नेताम (ज़िला- कांकेर)
- प्राचार्य मनोज कुमार बांगड़े और सहायक शिक्षक एल.बी. रंजीता नाग (ज़िला-नारायणपुर)
- व्याख्याता पूर्णिमा सरोज और व्याख्याता माधुरी कुशवाहा (ज़िला- जगदलपुर)
- व्याख्याता टी. विजय लक्ष्मी और व्याख्याता राकेश कुमार मिश्र (ज़िला- दंतेवाड़ा)
- सहायक शिक्षक एल.बी. मधु तिवारी और व्याख्याता राजेश पांडेय (ज़िला- कोंडागाँव)
- व्याख्याता लंबाड़ी धनंजय और व्याख्याता एल.बी. मोहन लाल निषाद (ज़िला- बीजापुर)
- व्याख्याता एल.बी. भूपेश्वरनाथ योगी और व्याख्याता एल.बी. रघुनंदन गंगबोईर (ज़िला- बालोद)
- व्याख्याता एल.बी. बसंत कुमार यादव और शिक्षक एल.बी. इंदिरा चंद्रवंशी (ज़िला- राजनांदगाँव)
- शिक्षक प्रज्ञा सिंह और शिक्षक रश्मि नामदेव (ज़िला- दुर्ग)
- व्याख्याता एल.बी. तुलसराम चंद्राकर और व्याख्याता मनहरण लाल तुर्केले (ज़िला- कबीरधाम)
- व्याख्याता एल.बी. विकेंश कुमार यादव और शिक्षक एल.बी. आनंद कुमार ताम्रकार (ज़िला- बेमेतरा)
- सहायक शिक्षक भोजराज और उ.व.शि.एल.बी. खेमराज साहू (ज़िला- महासमुंद)
- शिक्षक कमलकिशोर ताम्रकर और सहायक शिक्षक एल.बी. भागचंद चतुर्वेदी (ज़िला- गरियाबंद)
- व्याख्याता डॉ. मीना शर्मा और व्याख्याता सुनील नायक (ज़िला- रायपुर)
- व्याख्याता मंजूषा साहू और सहायक शिक्षक एल.बी. छगन लाल साहू (ज़िला- धमतरी)
- सहायक शिक्षक एल.बी. महेत्तर लाल देवांगन और प्रधान पाठक जांतीलाल कुर्रे (ज़िला- बलौदाबाज़ार)
- व्याख्याता एल.बी. कुंज किशोर और सहायक शिक्षक एल.बी. अर्चना शर्मा (ज़िला- जांजगीर-चांपा)
- शिक्षक एल.बी. स्वाती पांडेय और सहायक शिक्षक एल.बी. भरत लाल साहू (ज़िला- मुंगेली)
- प्रधान पाठक आशीष रंगारी और व्याख्याता रश्मि वर्मा (ज़िला- रायगढ़)
- सहायक शिक्षक एल.बी. ज्योति पांडेय और सहायक शिक्षक एल.बी. बलदाऊ सिंह कश्यप (ज़िला- बिलासपुर)
- सहायक शिक्षक एल.बी. जगदीश आदिले और प्राचार्य गोपाल दास गुप्ता (ज़िला- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)
- सहायक शिक्षक एल.बी. नोहर चंद्रा और प्राचार्य बीरभद्र सिंह पैकरा (ज़िला- कोरबा),
- शिक्षक एल.बी. प्रतिभा यादव और सहायक शिक्षक एल.बी. पुष्पेंद्र कुमार कश्यप (ज़िला- सक्ती)
- व्याख्याता सुभाषचंद्र वर्मा और व्याख्याता एल.बी. डमरूधर स्वर्णकार (ज़िला- जशपुर)
- व्याख्याता एल.बी. चेतनारायण कश्यप और शिक्षक एल.बी. वीरांगना श्रीवास्तव (ज़िला- कोरिया)
- सहायक शिक्षक एल.बी. मीना राजवाड़े और प्रधान पाठक मेराजुद्दीन खान (ज़िला- सूरजपुर)
- शिक्षक एल.बी. अनिता तिवारी और व्याख्याता दीपलता देशमुख (ज़िला- सरगुजा)
व्याख्याता एल.बी. अरबिंद कुमार गुप्ता तथा व्याख्याता एल.बी. यूधन प्रसाद जायसवाल (ज़िला- बलरामपुर)
राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 60 शिक्षक हुए सम्मानित (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल अनुसुईया उइके के मुख्य आतिथ्य में राजभवन के दरबार हॉल में राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 60 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें से 56 शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान, 2021 और 4 शिक्षकों को प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
योजना की प्रमुख बिंदु
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- समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान के लिये चयनित 56 शिक्षिकों में से प्रत्येक को 21-21 हज़ार रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
- इसके अलावा प्रदेश के महान विभूतियों की स्मृति में दिये जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रत्येक शिक्षक को 50-50 हज़ार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिये गए।
- प्रदेश के 4 महान साहित्यिक विभूतियों के नाम पर स्मृति पुरस्कार तथा उनसे सम्मानित शिक्षक हैं-
- डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति पुरस्कार – जेल शिक्षक नेतराम नाकतोड़े (ज़िला- रायपुर)
- श्री गजानंद माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार – व्याख्याता मीरा आर्ची चौहान (ज़िला- कांकेर)
- डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार – व्याख्याता एलबी राकेश टंडन (ज़िला- कोरबा)
- डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार – शिक्षक एलबी हेमंत कुमार खुटे (ज़िला- महासमुंद)
- राज्य शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2021 से सम्मानित होने वाले 56 शिक्षक हैं-
- प्रधान अध्यापक नंदिनी प्रभा बाजपेई और व्याख्याता रामप्रसाद नेताम (ज़िला- कांकेर)
- प्राचार्य मनोज कुमार बांगड़े और सहायक शिक्षक एल.बी. रंजीता नाग (ज़िला-नारायणपुर)
- व्याख्याता पूर्णिमा सरोज और व्याख्याता माधुरी कुशवाहा (ज़िला- जगदलपुर)
- व्याख्याता टी. विजय लक्ष्मी और व्याख्याता राकेश कुमार मिश्र (ज़िला- दंतेवाड़ा)
- सहायक शिक्षक एल.बी. मधु तिवारी और व्याख्याता राजेश पांडेय (ज़िला- कोंडागाँव)
- व्याख्याता लंबाड़ी धनंजय और व्याख्याता एल.बी. मोहन लाल निषाद (ज़िला- बीजापुर)
- व्याख्याता एल.बी. भूपेश्वरनाथ योगी और व्याख्याता एल.बी. रघुनंदन गंगबोईर (ज़िला- बालोद)
- व्याख्याता एल.बी. बसंत कुमार यादव और शिक्षक एल.बी. इंदिरा चंद्रवंशी (ज़िला- राजनांदगाँव)
- शिक्षक प्रज्ञा सिंह और शिक्षक रश्मि नामदेव (ज़िला- दुर्ग)
- व्याख्याता एल.बी. तुलसराम चंद्राकर और व्याख्याता मनहरण लाल तुर्केले (ज़िला- कबीरधाम)
- व्याख्याता एल.बी. विकेंश कुमार यादव और शिक्षक एल.बी. आनंद कुमार ताम्रकार (ज़िला- बेमेतरा)
- सहायक शिक्षक भोजराज और उ.व.शि.एल.बी. खेमराज साहू (ज़िला- महासमुंद)
- शिक्षक कमलकिशोर ताम्रकर और सहायक शिक्षक एल.बी. भागचंद चतुर्वेदी (ज़िला- गरियाबंद)
- व्याख्याता डॉ. मीना शर्मा और व्याख्याता सुनील नायक (ज़िला- रायपुर)
- व्याख्याता मंजूषा साहू और सहायक शिक्षक एल.बी. छगन लाल साहू (ज़िला- धमतरी)
- सहायक शिक्षक एल.बी. महेत्तर लाल देवांगन और प्रधान पाठक जांतीलाल कुर्रे (ज़िला- बलौदाबाज़ार)
- व्याख्याता एल.बी. कुंज किशोर और सहायक शिक्षक एल.बी. अर्चना शर्मा (ज़िला- जांजगीर-चांपा)
- शिक्षक एल.बी. स्वाती पांडेय और सहायक शिक्षक एल.बी. भरत लाल साहू (ज़िला- मुंगेली)
- प्रधान पाठक आशीष रंगारी और व्याख्याता रश्मि वर्मा (ज़िला- रायगढ़)
- सहायक शिक्षक एल.बी. ज्योति पांडेय और सहायक शिक्षक एल.बी. बलदाऊ सिंह कश्यप (ज़िला- बिलासपुर)
- सहायक शिक्षक एल.बी. जगदीश आदिले और प्राचार्य गोपाल दास गुप्ता (ज़िला- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)
- सहायक शिक्षक एल.बी. नोहर चंद्रा और प्राचार्य बीरभद्र सिंह पैकरा (ज़िला- कोरबा),
- शिक्षक एल.बी. प्रतिभा यादव और सहायक शिक्षक एल.बी. पुष्पेंद्र कुमार कश्यप (ज़िला- सक्ती)
- व्याख्याता सुभाषचंद्र वर्मा और व्याख्याता एल.बी. डमरूधर स्वर्णकार (ज़िला- जशपुर)
- व्याख्याता एल.बी. चेतनारायण कश्यप और शिक्षक एल.बी. वीरांगना श्रीवास्तव (ज़िला- कोरिया)
- सहायक शिक्षक एल.बी. मीना राजवाड़े और प्रधान पाठक मेराजुद्दीन खान (ज़िला- सूरजपुर)
- शिक्षक एल.बी. अनिता तिवारी और व्याख्याता दीपलता देशमुख (ज़िला- सरगुजा)
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व्याख्याता एल.बी. अरबिंद कुमार गुप्ता तथा व्याख्याता एल.बी. यूधन प्रसाद जायसवाल (ज़िला- बलरामपुर)
प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का होगा आयोजन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ में स्थानीय और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में नई पहल करते हुए इस वर्ष से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में जहाँ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कबड्डी, खो-खो से लेकर टेनिस बॉल क्रिकेट जैसी- खेल प्रतियोगिताएँ होंगी, वहीं बच्चों से लेकर सौ साल के बुजुर्ग भी बतौर प्रतिभागी हिस्सा ले सकेंगे। खास बात यह है कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल में शामिल होने के लिये खिलाड़ी को छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल-2022 में कबड्डी, खो-खो, गेड़ी, पिट्ठुल, वॉलीबाल, हॉकी और टेनिस बॉल क्रिकेट को शामिल किया गया।
- इन खेलों के मुकाबले पुरुष और महिला, दोनों श्रेणियों में होंगे। यह ओलंपिक खेल चार स्तरों- ग्राम पंचायत, ब्लॉक, ज़िला एवं राज्य स्तर पर होगा। राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन राजधानी रायपुर में होगा।
- इन खेलों के आयोजन में तकनीकी सहायता हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के खेल प्रशिक्षक, राज्य और ज़िला खेल संघ के प्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग के शारीरिक प्रशिक्षण शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा।
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल-2022 के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खेल प्रशिक्षक (कोच) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये तैयार करेंगे। एथलीटों के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बतौर खिलाड़ी करियर को बढ़ाने का यह सुनहरा मौका होगा।
प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों एवं 146 ब्लॉक स्तर पर होने वाले खेल आयोजन के लिये अलग-अलग कमेटियाँ गठित की जाएंगी। ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक सरपंच होंगे और ब्लॉक स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक विकासखंड अधिकारी होंगे। खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के भोजन, आवागमन एवं अन्य सुविधाओं के लिये ग्राम पंचायतों और विकासखंडों के लिये बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का होगा गठन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों के संरक्षण के लिये छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद के गठन का निर्णय लिया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद के गठन से इस वर्ग के लोगों के लिये कार्यक्रम के संचालन हेतु अनुशंसा एवं क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिये इस वर्ग के लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी।
- इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की समस्याओं के निदान में तेज़ी आएगी और जीवन स्तर में तेज़ी से सकारात्मक बदलाव आएगा। इस परिषद में वर्ग विशेष की समस्या, आवश्यकता पर विचार किया जाएगा। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण संबंधी निर्णय लिये जाएंगे।
- इस परिषद के गठन से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिये बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिये नवीन योजनाओं एवं कार्यक्रमों के निर्माण में भी मदद मिलेगी।
- परिषद में इस वर्ग के चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य समाज की स्थिति एवं समस्याओं के निराकरण में सहभागी बनेंगे। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याणकारी कार्यक्रमों के संचालन में आसानी होगी।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषयक पर अनुशंसा के लिये छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद का गठन पूर्व में ही हो चुका है। इसी तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का गठन किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस परिषद के अध्यक्ष होंगे तथा भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। परिषद में कुल 40 सदस्य होंगे, जिसमें राज्य विधानसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्वाचित कम-से-कम 10 निर्वाचित सदस्य होंगे तथा शेष सदस्य राज्य शासन द्वारा मनोनीत होंगे।
810 मेगावाट डीसी./675 मेगावाट एसी क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने के प्रस्ताव का अनुमोदन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (पीएम कुसुम) योजना के कंपोनेंट-सी के अंतर्गत कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जीकृत किये जाने हेतु 810 मेगावाट (डी.सी)/675 मेगावाट (ए.सी.) क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- कृषि पंपों का सोलराईजेशन किये जाने से कृषकों को कृषि पंपों के संचालन हेतु वर्तमान में प्राप्त हो रही बिजली के अतिरिक्त सौर ऊर्जा भी प्राप्त होगी। अत: सौर ऊर्जा की उपलब्धता के समय कृषि पंपों का संचालन सोलर ऊर्जा से होगा तथा सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने पर वर्तमान में मिल रही बिजली मिलती रहेगी, जिससे कृषि पंप का संचालन होगा।
- वर्तमान में प्रदेश में 577 कृषि फीडर हैं, जिस पर 1,75,028 कृषि पंप स्थापित हैं। योजनांतर्गत उक्त 577 फीडरों को सोलराईज किये जाने हेतु 810 मेगावाट डी. सी. (675 मेगावाट एसी) क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना शासकीय भूमि एवं कृषि भूमि पर की जाएगी।
- इसके लिये कृषकों की कृषि भूमि को कृषकों की सहमति से 25 वर्षों की लीज पर लिया जाएगा। इसके लिये कृषकों को प्रतिवर्ष 30,000 रुपए प्रति एकड़ के मान से भुगतान किया जाएगा, साथ ही उक्त लीज की राशि में प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी।
कैबिनेट में राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 का अनुमोदन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य में पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 का अनुमोदन किया गया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- प्रारंभिक स्तर पर छत्तीसगढ़ में पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु जनरेशन कंपनी द्वारा 7 स्थलों पर लगभग 10 हज़ार मेगावाट क्षमता की परियोजना का चिह्नांकन किया गया है।
- इन चयनित स्थलों में कोरबा, जशपुर, सरगुजा, गरियाबंद, धमतरी एवं बलरामपुर ज़िले में परियोजना की स्थापना का अध्ययन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 के अंतर्गत पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। नोडल एजेंसी द्वारा चिह्नांकित परियोजना हेतु फिजीबिलिटी रिपोर्ट तथा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार किया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में कोयले की प्रचुर उपलब्धता के कारण बड़ी संख्या में कोयला आधारित विद्युत उत्पादन परियोजना स्थापित हो रही हैं। किसी भी विद्युत प्रणाली के स्थायित्व एवं सुचारु संचालन के लिये ताप विद्युत क्षमता एवं जल विद्युत क्षमता उत्पादन क्षमता का समुचित अनुपात होना चाहिये। वर्तमान में राज्य की विद्युत प्रणाली में जल विद्युत उत्पादन का अंश आदर्श स्थिति के अनुरूप नहीं है।
प्रदेश में दो नए ज़िलों ‘मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर’और ‘सक्ती’ का उद्घाटन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
9 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में क्रमश: 32वें और 33वें प्रशासनिक ज़िलों के रूप में दो नए ज़िलों ‘मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर’और ‘सक्ति’ का उद्घाटन किया। इससे प्रदेश में ज़िलों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2 और 3 सितंबर को प्रदेश में 3 नवगठित ज़िलों- मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई का उद्घाटन किया था। उन्होंने नए ज़िलों के विकास कार्यों को भी मंज़ूरी दी थी।
- नये ज़िले मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर को कोरिया ज़िले से अलग कर बनाया गया है। इसकी सीमाएँ उत्तर में मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले व सीधी ज़िले की कुसमी तहसील, दक्षिण में कोरबा ज़िले की पोड़ी-उपरोड़ा तहसील और सूरजपुर ज़िले की रामानुजनगर तहसील, पूर्व में कोरिया ज़िले की बैकुंठपुर और सोनहत तहसील तथा पश्चिम में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले और मध्य प्रदेश के अनूपपुर व शहडोल ज़िले से मिलती हैं।
- इस ज़िले की अनुमानित जनसंख्या चार लाख 11 हज़ार 515 है। इसमें उपखंड मनेंद्रगढ़, तहसील मनेंद्रगढ़ एवं केल्हारी तथा उपखंड भरतपुर, तहसील भरतपुर तथा उपखंड खड़गँवा-चिरमिरी, तहसील खड़गंवा को शामिल किया गया है।
- जांजगीर-चांपा का सक्ती शिक्षा विभाग के लिये पहले से ही ज़िला था। अब यह प्रशासनिक ज़िला भी बन गया है। नए ज़िले में उपखंड सक्ती की तहसील सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर और उपखंड डभरा की तहसील डभरा सहित कुल 5 तहसीलें शामिल होंगी।
- इसकी सीमाँए उत्तर में कोरबा ज़िले की करतला तहसील, दक्षिण में सारंगढ़-बिलाईगढ़ ज़िले का सारंगढ़, पूर्व में रायगढ़ ज़िले का खरसिया और पश्चिम में जांजगीर-चांपा ज़िले के सारागाँव व बम्हनीडीह तहसील से मिलती हैं।
- सक्ती ज़िले का कुल क्षेत्रफल एक लाख 51 हज़ार 976 वर्ग किमी. है। 2011 जनगणना के अनुसार सक्ती ज़िले की आबादी 6 लाख 47 हज़ार 254 है। इसमें कुल गाँवों की संख्या 465 है।
- उल्लेखनीय है कि 2000 में मध्य प्रदेश के 16 ज़िलों को अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया था। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2003-2018 की अवधि के दौरान 11 नए ज़िले बनाए थे।
- दिसंबर 2018 में कॉन्ग्रेस ने सत्ता सँभाली थी, तब राज्य में 27 ज़िले थे। बघेल सरकार द्वारा फरवरी 2020 में बिलासपुर से अलग कर पेंड्रा-गौरेला-मरवाही ज़िले के गठन सहित अब तक छह नए ज़िलों का गठन किया जा चुका है।
प्रदेश में खुलेंगे नौ नए डेयरी संयंत्र (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
12 सितंबर, 2022 को ग्रेटर नोएडा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 (IDF World Dairy Summit 2022) के उद्घाटन सत्र में अपने भाषण के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य देश का शीर्ष दूध उत्पादक है और अगले दो वर्षों में नौ नए डेयरी संयंत्र काम करने लगेंगे।
योजना की प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। यह सम्मेलन इससे पहले भारत में 1974 में आयोजित किया गया था।
- चार दिन तक चलने वाले इस डेयरी सम्मेलन में भारत सहित दुनिया भर के डेयरी से जुड़े लोग हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा कार्यक्रम में उद्योग जगत के लीडर, विशेषज्ञ, किसान और नीति निर्माता भी हिस्सा लेंगे।
- यह सम्मेलन ‘पोषण और आजीविका के लिये डेयरी’विषय पर केंद्रित है। इसके अलावा यह रोज़गार सृजन और पोषण पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जो काफी प्रासंगिक मुद्दे हैं।
- योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश 319 लाख टन वार्षिक दूध उत्पादन के साथ देश के कुल डेयरी उत्पादन में 16 प्रतिशत का योगदान देता है और देश का शीर्ष दूध उत्पादक राज्य है।
- उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी संगठित क्षेत्र में 110 डेयरियाँ काम कर रही हैं और इसमें सहकारी क्षेत्र की डेयरियाँ भी शामिल हैं। प्रदेश में 8,600 दुग्ध समितियाँ भी हैं, जिनके जरिये दूध उत्पादन में लगे चार लाख से अधिक सदस्य सक्रिय हैं।
- उन्होंने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश में नए ग्रीनफील्ड डेयरी संयंत्र शुरू करने के लिये काम तेजी से चल रहा है। ये संयंत्र अगले एक से दो साल में चालू हो जाएंगे। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी ही चार और दुग्ध उत्पादक संस्थाओं की स्थापना करने के लिये काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले पाँच वर्षों के दौरान नंद बाबा दूध मिशन के तहत राज्य में निवेश करेगी।
सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विलोपन के लिये गठित टास्क फोर्स की दूसरी बैठक संपन्न (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
13 सितंबर, 2022 को प्रदेश में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विलोपन के लिये गठित टास्क फोर्स की दूसरी बैठक मंत्रालय महानदी भवन में संपन्न हुई। बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के तहत एकल उपयोग प्लास्टिक के विलोपन की कार्ययोजना पर व्यापक चर्चा हुई।
योजना की प्रमुख बिंदु
- बैठक में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग करते पाए जाने पर कार्यवाही करने तथा विकल्प के रूप में कागज़ के बैग, प्लेट, दोना-पत्तल का उपयोग करने के लिये जन-सामान्य को प्रेरित करने पर चर्चा हुई।
- बैठक में राज्य के औद्योगिक संस्थानों एवं विभागों को सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विकल्प तलाशने, देश के अन्य राज्यों में लागू सर्वोत्तम व्यावहारिक तरीकों को छत्तीसगढ़ में लागू करने पर विशेष बल दिया गया।
- मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न वैवाहिक आयोजन स्थलों में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने एवं इसके विकल्प के रूप में नगरीय क्षेत्रों में स्थापित बर्तन बैंक से ज़रूरी सामान, बर्तन लेने की लोगों को समझाइस दी जाए। दोना-पत्तल के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
- मुख्य सचिव ने आगामी दिनों में आयोजित होने वाले विभिन्न सार्वजनिक उत्सवों में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिये आयोजन समितियों को समझाइस दिये जाने की बात कही।
- गौरतलब है कि आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा प्लास्टिक के कैरीबैग के अतिरिक्त अल्प जीवन पीवीसी क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक, अर्थात् विज्ञापन एवं प्रचार सामग्री (पी.वी.सी. के बैनर फ्लेक्स, होर्डिंग्स, फोम बोर्ड आदि) तथा खानपान के लिये प्रयुक्त प्लास्टिक की वस्तुएँ कप, ग्लास, प्लेट, कटोरी-चम्मच का विनिर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय, परिवहन एवं उपयोग छत्तीसगढ़ राज्य में प्रतिबंधित किया गया है।
छत्तीसगढ़ के 12 जाति समुदाय अनुसूचित जनजाति में शामिल (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
14 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की।
योजना की प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की कई जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
- विदित है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 फरवरी, 2021 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था।
- समय-समय पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों के प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उनकी जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था।
- इन प्रतिनिधिमंडलों ने बताया था कि मूलरूप से वे लोग अनुसूचित जनजाति के हैं, लेकिन मात्रात्मक त्रुटि के कारण उनके जाति प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहे हैं, इसलिये अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाले लाभ से वे और उनके बच्चे वंचित रह जाते हैं। मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ छत्तीसगढ़ की ऐसी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की पहल की और प्रधानमंत्री को भी इस संबंध में पत्र लिखा।
- इन जाति समुदायों के छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने के बाद इन्हें शासन की अनुसूचित जनजातियों के लिये संचालित योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। छात्रवृत्ति, रियायती ऋण, अनुसूचित जनजातियों के बालक-बालिकाओं के छात्रावास की सुविधा के साथ शासकीय सेवा और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
- जनगणना 2011 के अनुसार राज्य में अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या 78 लाख 22 हज़ार 902 है। प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग एक-तिहाई जनसंख्या (30.62 प्रतिशत) अनुसूचित जनजातियों की है। इनमें सर्वाधिक 72 लाख 31 हज़ार 82 ग्रामीण इलाकों में निवासरत् हैं।
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के जिन 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति दी है। वे निम्नानुसार हैं-
- भारियाभूमिया (BhariaBhumia) के पर्याय के रूप में भूईंया (Bhuinya) भूईयाँ (Bhuiyan)
- भूयां (Bhuyan) Bharia नाम के अंग्रेज़ी संस्करण को बिना बदलाव किये भरिया (Bharia) के रूप में भारिया (Bhari) का सुधार।
- पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो
- धनवार (Dhanwar) के पर्याय के रूप में धनुहार (Dhanuhar), धनुवार (Dhanuwar)
- गदबा (Gadba Gadaba)
- गोंड (Gond) के साथ गोंड़
- कौंध (Kondh) के साथ कोंद (Kond)
- कोडाकू (Kodaku) के साथ कोड़ाकू (Kodaku)
- नगेसिया (Nagesia), नागासिया (Nagasia) के पर्याय के रूप में किसान (Kisan)
- धनगढ़ (Dhangad) का परिशोधन धांगड़ (Dhangad)
छत्तीसगढ़ के प्रत्येक विकासखंड में बनेंगे दो रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के प्रत्येक विकासखंड में दो इंडस्ट्रियल पार्क बनेंगे। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित गोठानों को आजीविका के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिये वहाँ महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा।
योजना की प्रमुख बिंदु
- इंडस्ट्रियल पार्क को स्थानीय, शासकीय एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ग्रामीण उत्पादन एवं सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका एवं रोज़गार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन इंडस्ट्रियल पार्क में निजी उद्यमियों को उद्यम लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
- 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया जाएगा।
- इस संबंध में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने महानदी मंत्रालय भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों एवं ज़िला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की बैठक लेकर रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना एवं वहाँ गतिविधियों के संचालन के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश दिये।
- महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क अर्थात् ग्रामीण आजीविका पार्क योजना के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में दो गोठानों का इंडस्ट्रियल पार्क के लिये चयन किया जाए।
- उन्होंने कहा कि प्रत्येक रीपा में ली जाने वाली गतिविधियों हेतु समेकित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तथा ब्लूप्रिंट तैयार कर प्रत्येक उद्यम हेतु पृथक्-पृथक् बिज़नेस प्लान के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जाए और उद्यम स्थापित करने को इच्छुक स्थानीय युवाओं, स्व-सहायता समूहों को चिह्नांकित किया जाए।
प्रदेशव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा’अभियान का शुभारंभ (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के कृषि,जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविंद्र चौबे ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा’अभियान का विधिवत् शुभारंभ किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- इस मौके पर मंत्री रविंद्र चौबे ने राज्य में जन-जागरूकता के लिये स्वच्छता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह स्वच्छता रथ 15 सितंबर से 2 अक्तूबर तक राज्य में स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये हाट-बाज़ारों एवं गाँवों का भ्रमण करेगा।
- उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 सितंबर से 2 अक्तूबर, 2022 तक ‘स्वच्छता ही सेवा’अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गाँवों में स्वच्छता हेतु जन-जागरूकता लाना है।
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत 15 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2022 तक सभी ग्रामों में जमा कूड़े-कचरे की श्रमदान के माध्यम से सफाई की जाएगी। इसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई, सोकपिट का निर्माण, कम्पोस्ट पिट का निर्माण, प्लास्टिक अपशिष्ट एकत्रीकरण, घर-घर कचरा एकत्रीकरण के लिये सामूहिक श्रमदान किया जाएगा, इसमें स्थानीय जन-प्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं ग्रामीणों द्वारा बढ़-चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 के अंतर्गत प्रदेश में 1,14,871 व्यक्तिगत शौचालय, 9382 सामुदायिक शौचालय, 302 बायोगैस संयंत्र व 2 फिकल स्लज मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना की जा चुकी है। वहीं 5135 गाँवों में कचरे का प्रबंधन व 6872 गाँव में तरल अपशिष्ट के प्रबंधन का कार्य किया गया है, जिससे अबतक 4193 गाँव ओडीएफ प्लस हो चुके हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत इस साल 8000 गाँवों को ओडीएफ बनाने का लक्ष्य है।
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत ज़िला मुख्यालय से लेकर गाँवों तक विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा तथा जो गाँव ओडीएफ प्लस श्रेणी में आ गए हैं, उन्हें ओडीएफ घोषित करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट-2022 (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
16 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग, अखिल भारतीय शतरंज महासंघ और छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट-2022 का आयोजन 19 से 28 सितंबर तक राजधानी रायपुर में किया जाएगा।
योजना की प्रमुख बिंदु
- राजधानी रायपुर में होने वाले इस टूर्नामेंट में विश्व के 15 देशों के 500 से भी ज्यादा शतरंज के दिग्गज 100 से अधिक अनुभवी मास्टर्स के मार्गदर्शन में हिस्सा लेंगे।
- इस अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में अलग-अलग देशों के खिलाड़ी शामिल होंगे, जिनमें अब तक रसिया, उक्रेन, जॉर्जिया, यूएसए, कजाकिस्तान, मंगोलिया, पोलैंड, वियतनाम, कोलंबिया, ईरान, श्रीलंका, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे व नेपाल सहित 15 देशों के खिलाड़ियों का पंजीयन हो चुका है।
- इस टूर्नामेंट से देश, प्रदेश के रेटेड खिलाड़ियों को अपनी रेटिंग सुधारने, जीएम व आईएम नॉर्म एवं टाइटल प्राप्त करने का अवसर भी उपलब्ध होगा। अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के इस आयोजन से ना केवल छत्तीसगढ़ राज्य अपितु पूरे भारत का नाम विश्व शतरंज के मानचित्र पर अवलोकित होगा।
- इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर विजेता ट्रॉफी दी जाएगी, इसके अलावा नगद राशि भी दी जाएगी।
- यह टूर्नामेंट दो कैटेगरी मास्टर्स और चैलेंजर्स के रूप में होगा, इसमें मास्टर्स कैटेगरी में 23 लाख रुपए एवं ट्रॉफी और चैलेंजर्स कैटेगरी में 12 लाख रुपए एवं ट्रॉफी पुरस्कार-स्वरूप विजेता खिलाड़ियों को प्रदान किये जाएंगे।
- इस टूर्नामेंट से जुड़े 50 गेम्स का लाइव प्रसारण विश्व स्तर पर किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इस टूर्नामेंट को देख सकें।
- चेस टूर्नामेंट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि ऐसे आयोजन देश में बहुत कम होते हैं, इस टूर्नामेंट में विभिन्न देशों के हाई रेटेड खिलाड़ी एक प्लेटफॉर्म पर खेल का प्रदर्शन करेंगे।
- ऐसे आयोजनों के अभाव के कारण खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय उपाधि प्राप्त करने के लिये कठिनाई होती है और उन्हें यूरोपीय देशों में जाना पड़ता है। खिलाड़ियों को इस दौरान आर्थिक और मानसिक रूप से अनेकों परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं। यह आयोजन खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उभरती प्रतिभाओं को मंच देने के लिये किया जा रहा है।
- इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर्स चेस टूर्नामेंट में शामिल होने 6 ग्रैंडमास्टर्स,17 इंटरनेशनल मास्टर्स, 2 वीमेन ग्रैंडमास्टर्स, 8 वीमेन इंटरनेशनल मास्टर्स, 5 फीडे मास्टर्स एवं 200 ईलो रेटेड खिलाड़ियों सहित कई अन्य खिलाड़ियों के आने की संभावना है।
- इस टूर्नामेंट के मास्टर्स कैटेगरी की स्पर्धा होटल ग्रेंड इंपीरिया एवं चैलेंजर्स कैटेगरी की स्पर्धा वीआईपी रोड स्थित शगुन फॉर्म में होगी। इस टूर्नामेंट में अलग-अलग राज्यों के अनुभवी निर्णायक शामिल होंगे।
‘चिरायु’ योजना में 1.76 लाख बच्चों का हुआ इलाज (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
18 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ‘चिरायु’योजना के माध्यम से प्रदेश के एक लाख 76 हज़ार बच्चों का इलाज किया गया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- ‘चिरायु’योजना के तहत 18 दिसंबर, 2018 से अब तक विभिन्न हृदय रोगों से पीड़ित 3081, होंठ एवं तालु की विकृति वाले 603, क्लबफुट वाले 670 और जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रस्त 334 बच्चों का उपचार किया जा चुका है।
- ‘चिरायु’योजना में इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 21 हज़ार 96 बच्चों का इलाज किया गया है।
- बाल स्वास्थ्य की देखभाल के लिये प्रदेश भर में 330 चिरायु दल कार्यरत् हैं। ये प्रदेश भर के स्कूलों और आँगनबाड़ियों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच कर उनकी शारीरिक कमियों व रोगों की पहचान कर नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था करते हैं।
- मितानिन व एएनएम के माध्यम से भी इन बच्चों का चिह्नांकन कर चिरायु योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जाता है। चिरायु दल द्वारा इन बच्चों की उच्चस्तरीय जाँच कर अनुबंधित अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया जाता है।
- गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2014 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। इसका उद्देश्य शून्य से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों में फोर-डी (4D), यानि डिफेक्ट एट बर्थ, डिज़ीज़, डिफिसिएंसी एंड डेवलपमेंट डिलेस इन्क्लुडिंग डिसएबिलिटी (Defect at birth, Disease, Deficiency & Development delays including disability) की जाँच कर शीघ्र उपचार उपलब्ध करना है।
- इसके तहत बच्चों में 44 प्रकार की बीमारियों की पहचान व जाँच कर उपचार किया जाता है। ज़रूरत पड़ने पर उच्च संस्थाओं में रेफर भी किया जाता है।
- ‘चिरायु’योजना के अंतर्गत जन्म से छह सप्ताह की आयु के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण डिलीवरी पॉइंट के स्टॉफ द्वारा, छह सप्ताह से छह वर्ष की आयु के बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों में और छह वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों में चिरायु दलों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
50 फीसदी से अधिक आरक्षण हाईकोर्ट में असंवैधानिक करार (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
19 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की डिवीज़न बेंच ने आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 58% किये जाने की राज्य शासन की अधिसूचना को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य शासन अब सरकारी नियुक्तियों, प्रोफेशनल कॉलेजों में एडमिशन पर कुल 50% ही आरक्षण दे सकेगा।
- हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए यह स्वीकार किया कि राज्य शासन की अधिसूचना से असंवैधानिक स्थिति पैदा हो गई है। 50% से अधिक का आरक्षण किसी भी परिस्थिति में उचित और युक्तियुक्त नहीं है।
- गौरतलब है कि आरक्षण नियमों में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने वर्ष 2012 में ही संशोधन कर दिया था। अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण प्रतिशत 16 से घटाकर 12% कर दिया गया। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति का 20% से बढ़ाकर 32% किया गया। अन्य पिछड़ा वर्ग का कोटा 14% ही बरकरार रहा। ऐसा किये जाने से कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 58 हो गया। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और कानूनी प्रावधानों के विपरीत था।
- आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के ताजा निर्णय से जहाँ राज्य सरकार द्वारा 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण की चल रही तैयारियों को बड़ा झटका लगा है, वहीं एसटी के 32% आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है और सरकार को 50% की सीमा के अंतर्गत कानून बनाने का निर्देश दिया गया है।
महासमुंद ज़िले का ‘खाकी के रंग स्कूल के संग’ कार्यक्रम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
20 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले में पुलिस द्वारा प्रायोजित ‘खाकी के रंग स्कूल के संग’कार्यक्रम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- ज़िले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल और उनकी टीम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई द्वारा सम्मानित किया गया।
- गौरतलब है कि साइबर अपराध के प्रति आमजनों में जागरूकता लाने के लिये यह कार्यक्रम चलाया गया। इसमें मात्र दो माह में ही 20 हज़ार से अधिक स्कूली बच्चों के मध्य साइबर जागरूकता अभियान चलाया गया है। इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।
- महासमुंद पुलिस द्वारा साइबर जागरूकता के लिये बनाए गए वीडियो को लॉन्च किया गया। इस वीडियो को व्यापक जन- सराहना मिल रही है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप महासमुंद पुलिस द्वारा ‘खाकी के रंग स्कूल के संग’कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही छात्राओं को आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ट्रॉफी इंडिया इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज-2022 (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
20 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री ट्रॉफी इंडिया इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज-2022 का आगाज़ हुआ। यह प्रतियोगिता 25 सितंबर तक चलेगी।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मोवा स्थित आई स्पोर्ट्स बैडमिंटन एरिना में पूरा टूर्नामेंट खेला जा रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इस बैडमिंटन स्पर्धा में भारत के साथ ही श्रीलंका, थाइलैंड, कनाडा, अमेरिका, मालदीव, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, जापान, युगांडा और जाम्बिया के 550 बैडमिंटन खिलाड़ी प्रतियोगिता में शामिल होने पहुँचे हैं।
- इस आयोजन में पहले दो दिन, यानी 20 व 21 सितंबर को क्वालीफाईंग राउंड खेला जाना है। वहीं 22 सितंबर से 25 सितंबर तक मुख्य ड्रॉ होंगे। इस दौरान पुरुष एकल, पुरुष युगल, महिला एकल, महिला युगल एवं मिश्रित युगल मुकाबले खेले जाएंगे। इस प्रतियोगिता में पुरस्कार राशि 15 हज़ार अमेरिकी डॉलर रखी गई है।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में पहली बार बैडमिंटन का अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार छत्तीसगढ़ में खेलों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं।
- इसके लिये छत्तीसगढ़ में विभिन्न खेलों के लिये अकादमी का निर्माण व सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ ही छत्तीसगढ़ में खेलों के आयोजन की पहल भी की जा रही है। इसी कड़ी में यहाँ मुख्यमंत्री ट्रॉफी इंडिया इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज-2022 का आयोजन किया जा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में उत्कृष्ट कार्यों के लिये छत्तीसगढ़ को मिले 4 राष्ट्रीय पुरस्कार (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने अपने उत्कृष्ट कार्यों से एक बार फिर पूरे देश में अपना परचम लहराते हुए 4 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
योजना की प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के स्वच्छ सर्वेक्षण-ग्रामीण में ईस्ट ज़ोन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ को पहला स्थान मिला है। वहीं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ज़िलों में ईस्ट ज़ोन में दुर्ग दूसरे और बालोद तीसरे स्थान पर हैं।
- ओडीएफ प्लस पर दीवार लेखन प्रतियोगिता में सेंट्रल ज़ोन में छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिला है।
- प्रदेश को इन उपलब्धियों के लिये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वच्छ भारत दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 2 अक्टूबर को आयोजित समारोह में पुरस्कृत करेंगी।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन पुरस्कारों के लिये स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की राज्य टीम को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ स्वच्छ भारत मिशन में हर साल अच्छा काम कर रहा है। इन अच्छे कामों की बदौलत प्रदेश को प्रतिवर्ष शीर्ष पुरस्कार प्राप्त हो रहे हैं।
- उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य की स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) टीम अपने अच्छे कार्यों को आगे भी जारी रखेगी और छत्तीसगढ़ देश के सबसे साफ-सुथरे राज्यों में शुमार रहेगा।
छत्तीसगढ़ से बाहर देश के अन्य राज्यों में भी ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की धूम (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
22 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग के सहायक संचालक प्रेमलाल पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ ही नहीं, अपितु देश के अन्य राज्यों में भी अब ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ब्रांड के उत्पादों की मांग होने लगी है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’के उत्पाद की शुद्धता एवं गुणवत्ता के चलते छत्तीसगढ़ से बाहर महाराष्ट्र एवं गोवा राज्य में भी इसके विक्रय के लिये दुकानें लगाई जाएंगी, जहाँ छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद आसानी से उपलब्ध होंगे।
- गौरतलब है कि ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ब्रांड के अंतर्गत राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केंद्रों द्वारा उत्पादित 130 से भी अधिक उत्पाद हैं और कलेक्टर सेक्टर के अंतर्गत कार्यरत् स्व-सहायता समूह के 90 से भी ज़्यादा उत्पाद हैं। ये उत्पाद अभी छत्तीसगढ़ में 32 संजीवनी दुकानों, धनवंतरि दुकानों, सी.एस.सी दुकानों, अमेज़न, फ्लिपकार्ट के माध्यम से बाज़ार में उपलब्ध हैं।
- इस दिशा में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने विपणन के क्षेत्र में एक नईं उपलब्धि हासिल की है। अब छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद महराष्ट्र एवं गोवा राज्य में भी दुकानों में विक्रय के लिये उपलब्ध होंगे। नेचरो मेडेक्स प्रा. लि. पुणे का चयन संघ द्वारा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’के उत्पादों को महराष्ट्र एवं गोवा राज्य में विपणन के लिये प्रथम चरण में किया जा चुका है।
- अन्य राज्यों से भी निजी निवेशकर्त्ता और वितरक ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’के उत्पाद की राज्य में सफलता को देखते हुए अपनी रुचि प्रदर्शित कर रहे हैं, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने भारत के विभिन्न प्रदेशों से विपणन के लिये राज्यस्तरीय संवितरकों की इच्छुक पार्टियों से रुचि आमंत्रित की है।
- महाराष्ट्र एवं गोवा में राज्यस्तरीय संवितरक के चयन के फलस्वरूप अब वहाँ के निवासियों को ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ब्रांड की अनमोल शुद्धता का आनंद नज़दीकी रिटेल दुकानों से प्राप्त करने का लाभ मिलेगा। देश के अन्य राज्यों में भी संवितरक की पहचान/संवितरक के चयन की प्रक्रिया क्रमिक रूप से जारी है।
- राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि कवर्धा वन धन विकास केंद्र में शहद प्रसंस्करण के लिये एक नया संयंत्र लगाया जा रहा है। इसी तरह आसना जगदलपुर में नवीन उन्नत काजू प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की जा रही है। धमतरी के दुगली में एलोवेरा उत्पादों को बनाने के लिये तथा बरोण्डा, रायपुर में प्रीमियम जामुन जूस को बनाने के लिये इकाइयों की स्थापना की जा रही है।
- इसी प्रकार अन्य वन धन विकास केंद्र इकाइयों में आई.आई.टी. कानपुर के विशेषज्ञ सलाहकारों की राय लेकर सुधार किया जा रहा है एवं आधुनिकीकरण किया जा रहा है, जिससे कि उत्पादों की उच्चस्तरीय गुणवत्ता अनवरत् बनी रहे।
- छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अंतर्गत विगत दो वर्षों से दीपावली के अवसर पर गिफ्ट पैक बाज़ार में लाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद आकर्षक पैकेजिंग में उपलब्ध होते हैं, जिसमें गुणवत्ता और शुद्धता की गारंटी है। ये गिफ्ट पैकेट शीघ्र संजीवनी दुकानों, बडी निजी रिटेल दुकानों, सी मार्ट, अमेजन, फ्लिपकार्ट के माध्यम से विक्रय हेतु उपलब्ध होंगे।
- ‘छत्तीसगढ़ हर्बल’ब्रांड में छत्तीसगढ़ के वनों से आदिवासी महिलाओं द्वारा संग्रहित और उनसे तैयार किये गए उत्पादों का विक्रय किया जाता है, जिसका उद्देश्य आदिवासियों एवं अन्य वनवासियों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान है।
- हर्बल ब्रांड में भृंगराज तेल, नीम तेल, हर्बल साबुन, च्यवनप्राश, शुद्ध शहद, सेनेटाइजर, हर्बल हवन सामग्री, बीज तेल, आंवला जूस, बेल शर्बत, जामुन जूस, महुआ आर.टी.एस, महुआ स्क्वैश, हर्बल कॉफी, आँवला लच्छा, अचार, पाचक कैंडी, बेल मुरब्बा, चाय उपलब्ध हैं, जबकि महुआ के लड्डू, जैम, कुकीज, अचार, चिक्की, चंक्स और इमली के ब्रिक्स, कैंडी, कौंचपाक, इमली सॉस एवं जामुन चिप्स, मसाला गुड़ पाउडर एवं आयुर्वेद चूर्ण के विभिन्न उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार बेटियों की सुरक्षा के लिये प्रारंभ करेगी ‘हमर बेटी-हमर मान’अभियान (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
23 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बताया कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा की दिशा में खासकर बेटियों की सुरक्षा, उनके मान-सम्मान की रक्षा, उनकी सुविधा और उन्हें आवश्यक सेवा प्रदान करने के लिये एक अभिनव अभियान ‘हमर बेटी-हमर मान’प्रारंभ करने जा रही है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए इस अभियान के संबंध में कहा कि ‘हमर बेटी-हमर मान’अभियान के तहत राज्य पुलिस की महिला अधिकारी एवं कर्मचारी प्रदेश के सभी ज़िलों में स्कूल-कॉलेजों में जाकर बेटियों को उनके कानूनी अधिकार, गुड टच, बैड टच, छेड़खानी, यौन शोषण, साइबर क्राइम, सोशल मीडिया क्राइम से बचाव और अधिकार जैसी बातों पर मार्गदर्शन देंगी और उनसे संवाद करेंगी।
- अभियान के तहत गर्ल्स स्कूल-कॉलेजों तथा महिलाओं, युवतियों की उपस्थिति वाली प्रमुख जगहों पर पुलिस की स्पेशल महिला पेट्रोलिंग लगाई जाएगी।
- ‘हमर बेटी-हमर मान’हेल्पलाइन के लिये एक मोबाइल नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर बेटियाँ अपनी शिकायत, अपनी परेशानी, अपने साथ होने वाले किसी भी दुर्व्यवहार या अपराध की सूचना दर्ज करा पाएंगी जिन पर प्राथमिकता से कार्रवाई की जाएगी।
- राज्य सरकार द्वारा यह भी तय किया गया है कि महिला संबंधी अपराधों की विवेचना प्राथमिकता के आधार पर महिला विवेचकों से ही करवाई जाएगी, साथ ही ऐसे अपराधों की विवेचना निर्धारित समय में पूरी करके चालान पेश किया जा सके, यह सुनिश्चित करने का दायित्व आई.जी. रेंज को होगा।
- महिला सुरक्षा हेतु लॉन्च किये जाने वाले एप्लिकेशन के संबंध में स्कूल-कॉलेजों में जाकर बताया जाएगा कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी पूरी आशा है कि महिला सुरक्षा और महिलाओं का सम्मान बढ़ाने की दिशा में यह अभियान एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी के बी कैटेगरी चैलेंजर्स के विजेता हुए सम्मानित (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
23 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने राजधानी रायपुर के हॉटल शगुन फार्म में आयोजित चेस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी के बी कैटेगरी चैलेंजर्स वर्ग के विजेताओं को चैलेंजर्स ट्रॉफी और चेक देकर सम्मानित किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- विगत 5 दिनों से चली आ रही यह स्पर्द्धा नौ चक्रों में संपन्न हुई जिसमें 20 राज्यों व 3 फेडरेशन नेपाल, बांग्लादेश, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका से लगभग 350 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।
- चैलेंजर्स वर्ग में ओवरवॉल विजेता तमिलनाडु के के.आर.यू. अरुण (रेटिंग 1861) पाइंट-8 एवं उपविजेता महाराष्ट्र के श्रेयण मजूमदार (रेटिंग 1743) पाइंट-8 रहे। पश्चिम बंगाल के बिशाल बासक (रेटिंग 1716) पॉइंट-50 लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
- 1800 से 1400 रेटिंग में विजेता बिहार के मोहम्मद रेयान, उपविजेता महाराष्ट्र के अनस नंदन एवं तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश के अजय संतोष पार्थरेड्डी रहे। इसी प्रकार 1400 से 0 रेटिंग वालों में विजेता झारखंड के अधिराज मित्रा, उपविजेता तमिलनाडु के आर. संतोष एवं तीसरे स्थान पर तेलंगाना के एन. रोहित रहे।
- महिला वर्ग में विजेता राजस्थान की दक्षिता कुमावत, उपविजेता महाराष्ट्र की संस्कृति वानखड़े एवं तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल की स्नेहा हलदर रहीं।
60 साल से अधिक उम्र वालों में विजेता राजस्थान के देव कांतिलाल, उपविजेता मध्य प्रदेश की एस.के. राठौर एवं तीसरे नंबर पर राजस्थान के आर.के. गुप्ता रहे।
- बेस्ट छत्तीसगढ़ प्लेयर वर्ग में विजेता लाव्याज्योति रात्रे, उपविजेता विवेक साहू एवं तीसरे स्थान पर रजनीकांत बख्शी रहे।
- दिव्यांग वर्ग में विजेता अमित देशपांडे, उपविजेता मधुकेश राम एवं तीसरे स्थान पर महेश सुदार रहे।
- अंडर-15 बालक वर्ग में विजेता महाराष्ट्र के दार्स शेट्टी एवं उपविजेता दिल्ली के दक्ष गोयल रहे, वहीं अंडर-15 बालिका वर्ग में विजेता मध्य प्रदेश की केरा डागरिया एवं उपविजेता दिल्ली की क्रिशिका गर्ग रहीं।
- अंडर-13 बालक वर्ग में विजेता आंध्र प्रदेश के निहाल स्वर्ण एवं उपविजेता पश्चिम बंगाल के सम्यक रहे। अंडर-13 बालिका वर्ग में विजेता दिल्ली की साक्षी जैन एवं उपविजेता श्रेयली पटनायक रहीं।
- अंडर-11 बालक वर्ग में विजेता आंध्र प्रदेश के कोला भावन एवं उपविजेता कर्नाटक के अपार सक्सेना रहे। अंडर-11 बालिका वर्ग में विजेता दिल्ली की प्रिशिता गुप्ता एवं उपविजेता महाराष्ट्र की निहारा कौल रहीं।
- अंडर-9 बालक वर्ग में विजेता आंध्र प्रदेश के वासीरेड्डी अर्जुन एवं उपविजेता पी. मिथिलेश रहे। अंडर-9 बालिका वर्ग में छत्तीसगढ़ की इशिका एवं उपविजेता तेलंगाना की आरोही माथुर रहीं।
- अंडर-7 बालक वर्ग में विजेता महाराष्ट्र के पर्व हकानी एवं उपविजेता छत्तीसगढ़ के विवान गुप्ता रहे। अंडर-7 बालिका वर्ग में विजेता तेलंगाना की आम्या अग्रवाल एवं उपविजेता मध्य प्रदेश की राध्या रहीं।
- इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ खेल के क्षेत्र में तेज़ी से आगे आ रहा है। प्रदेश में बेहतर अधोसंरचना निर्माण का काम तीव्र गति से जारी है। छत्तीसगढ़ में खेल अकादमियों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिये उद्योग जगत का सहयोग भी लिया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि रायपुर और बिलासपुर में अवासीय एवं गैर-अवासीय खेल अकादमी संचालित है। आगे और भी खेल अकादमियों का निर्माण किया जाएगा। सरकार की हर ज़िले में वहाँ के लोगों में जिस खेल के प्रति ज़्यादा रुचि है, उस खेल के लिये अकादमी का निर्माण किये जाने की योजना है।
छत्तीसगढ़ को मिला पोषक अनाज अवार्ड, 2022 (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
23 सितंबर, 2022 को हैदराबाद में भारत सरकार के आईआईएमआर द्वारा आयोजित पोषक अनाज अवार्ड, 2022 में तेलंगाना के कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी ने मिलेट को बढ़ावा देने के लिये छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ उदीयमान राज्य के रूप में पुरस्कृत एवं सम्मानित किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज ने प्राप्त किया।
- समारोह में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और राज्य में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों को भी सराहा गया।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री की पहल पर कोदो, कुटकी और रागी को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’में शामिल किया गया है और इसके उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहनस्वरूप प्रति एकड़ के मान से 9 हज़ार रुपए की आदान सहायता भी दी जा रही है।
- छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहाँ कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर खरीदी 3000 प्रति क्विंटल की दर से तथा रागी की खरीदी 3377 रुपए प्रति क्विंटल की दर से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा की गई।
- मुख्यमंत्री के मंशानुरूप कोदो, कुटकी और रागी की खेती को राज्य में लगातार विस्तारित किया जा रहा है, जिसके चलते राज्य में इसकी खेती का रकबा 69 हज़ार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हज़ार हेक्टेयर हो गया है।
- मिलेट की खेती को प्रोत्साहन, किसानों को प्रशिक्षण, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में ‘मिलेट मिशन’की शुरुआत भी 10 जनवरी, 2022 से की गई है। राज्य के 14 ज़िलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी किया है।
- छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानी दोगुना किये जाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के अंतर्गत कांकेर, कोंडागाँव, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कबीरधाम, नारायणपुर, जशपुर, बीजापुर, राजनांदगाँव, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया एवं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िलों में क्लस्टर एप्रोच से इसकी खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- आईआईएमआर हैदराबाद ने राज्य में मिलेट की खेती के लिये बेहतर बीज, तकनीक के साथ ही कृषकों के प्रशिक्षण में सहयोग दिया है। छत्तीसगढ़ के 14 चयनित ज़िलों में मिलेट सलाहकार की भी नियुक्तियाँ की जा रही हैं।
- मिलेट मिशन के तहत राज्य में बीते सीजन में 46 हज़ार क्विंटल कोदो, 2800 क्विंटल कुटकी और 5811 क्विंटल रागी का उपार्जन भी समर्थन मूल्य पर हुआ है। कांकेर ज़िले में मिलेट आधारित एकीकृत संयंत्र की स्थापना 5.5 करोड़ रुपए की लागत से अवनि आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड कर रहा है, जिसकी प्रसंस्करण क्षमता 5 हज़ार मीट्रिक टन है। इससे मिलेट को प्रोत्साहन और स्थानीय युवाओं को रोज़गार सुलभ होगा।
दंतेश्वरी मंदिर में बनेगा मध्य भारत का सबसे बड़ा ज्योति कलश भवन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
25 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन संपर्क विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दंतेवाड़ा के ऐतिहासिक दंतेश्वरी मंदिर परिसर में मध्य भारत का सबसे बड़ा ज्योति कलश भवन का निर्माण किया जाएगा।
योजना की प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन व दिशा-निर्देशन में ज़िले में ज्योतिकलश भवन का निर्माण किया जाएगा। धार्मिक, सांस्कृतिक और कलात्मक आधुनिकीकरण की रूपरेखा के साथ तैयार भवन श्रद्धालुओं को प्राचीन के साथ नवीन दंतेवाड़ा का एहसास कराएगा।
- चंदखुरी के तर्ज़ पर भवन का निर्माण कर दंतेश्वरी माता की भव्यता वृहद् स्तर पर साकार करने का प्रयास किया जाएगा। स्तंभ अलंकरण, गेट डिजाइन जैसे विभिन्न तत्त्व मुख्य रूप से माँ दंतेश्वरी मंदिर से प्रेरित हैं।
- नवनिर्मित ज्योतिकलश भवन को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे दंतेश्वरी माँ का दर्शन करने वाले श्रद्धालु अब माता के दर्शन के साथ ही उनकी महिमा को भी जान सकेंगे। नव ज्योतिकलश भवन की दीवारें यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को माता की कहानी बताएंगी। पौराणिक कथाओं, जिया बाबा एवं सेवादारों द्वारा बताई गई जानकारियाँ दीवारों पर उकेरी जाएंगी।
- माँ दंतेश्वरी मंदिर की वास्तुकला को प्रतिबिंबित करने के लिये सामग्री के रूप में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग भवन निर्माण के लिये किया जाएगा। तलघर में पूजा एवं हवन सामग्री को व्यवस्थित एवं सहेज कर रखने हेतु भंडार गृह का निर्माण किया जा रहा है।
- भूतल में यज्ञशाला का निर्माण किया जा रहा है। इस यज्ञशाला में नौ ग्रह के स्थान को ध्यान में रखते हुए उस ग्रह के हवन कुंड का निर्माण पुराणों में उल्लेखित विवरण के आधार पर किया जा रहा है। प्रशासनिक भवन का निर्माण भी भूतल में किया जा रहा है जिसमें ज्योति कलश स्थापना से संबंधित कार्यों का संचालन किया जाएगा।
- उस भवन में पुजारी एवं कर्मचारी वर्ग के लिये प्रसाधन की सुविधा एवं प्रशासनिक भवन में सहायता कक्ष का भी निर्माण किया जा रहा है। भवन के चारों दिशाओं में भक्तों के विश्राम करने हेतु पगोडा-नुमा स्थान का निर्माण किया जा रहा है, जिसमे श्रद्धालु भक्तिमय वातावरण का आनंद ले पाएंगे। भविष्य में यह स्थान वृहद् स्तर पर पर्यटन के रुप मे विकसित होगा जिससे अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा पूर्व में ज्योतिकलश भवन हेतु मांग की गई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर मेढ़का डोबरा में ज्योतिकलश भवन के लिये आधारशिला रखी।
- गौरतलब है कि दंतेश्वरी मंदिर अपनी पौराणिक कथाओं को लेकर प्रसिद्ध है। माँ दंतेश्वरी के दरबार में प्रति वर्ष शारदीय और चैत्र नवरात्रि पर हजारों श्रद्धालु मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करवाते हैं। परंतु भवन छोटा होने के कारण सीमित संख्या में ही ज्योति कलश की स्थापना हो पाती थी। नए भवन में 11100 ज्योति कलश की स्थापना की जा सकेगी।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत छत्तीसगढ़ हुआ पुरस्कृत (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
25-26 सितंबर, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में आयोजित दोदिवसीय ‘आरोग्य मंथन’कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’और ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’में उत्कृष्ट कार्य करने लिये पुरस्कृत किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के चार वर्ष और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के एक वर्ष पूर्ण होने पर नई दिल्ली में 25 सितंबर और 26 सितंबर को आयोजित दोदिवसीय ‘आरोग्य मंथन’कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों को पुरस्कृत किया गया।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा शासकीय अस्पतालों को पंजीकृत करने वाला राज्य है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अंतर्गत महिलाओं के इलाज में भी छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है।
- राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अंतर्गत उपचारित कुल हितग्राहियों में 58 फीसदी महिलाएँ हैं। छत्तीसगढ़ महिलाओं को इतनी बड़ी संख्या मे इस योजना का लाभ देने वाला देश का शीर्ष राज्य है। इसके लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा प्रदेश को आयुष्मान उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया।
- इसके साथ ही आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में छत्तीसगढ़ ने नौ हज़ार से ज़्यादा शासकीय अस्पतालों का पंजीयन कर लिया है। इसके लिये भी राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर आयुष्मान उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया।
- उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस कार्ड के ज़रिये मरीज की जाँच से संबंधित सारे दस्तावेज़ ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। कार्ड के माध्यम से इन दस्तावेज़ों को किसी भी अस्पताल के चिकित्सक देख सकेंगे। साथ ही अपने मोबाइल पर मरीज़ खुद भी अपनी जांच से संबंधित सभी दस्तावेज़ देख सकेंगे। यह कार्ड मरीज़ को दस्तावेज़ी औपचारिकताओं से निजात दिलाएगा। छत्तीसगढ़ में इस दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है।
चेंदरू ‘टाइगर बॉय’ सीटीबी स्मृति चिन्ह (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों?
27 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड (सीटीबी) के स्मृति चिन्ह के रूप में चेंदरू ‘टाइगर बॉय’और उनके बाघ मित्र टेंबू की एक प्रतिमा का अनावरण किया।
योजना की प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पर्यटन सम्मेलन में बच्चों को पर्यटन से जोड़ने के लिये ‘टॉकिंग कॉमिक्स’का भी विमोचन किया। कॉमिक में चेंदरू और टेंबू को पर्यटन के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है।
- उन्होंने ‘कथक भाव’पर आधारित राज्य गीत का एक वीडियो और राज्य में पर्यटन स्थलों की एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। पुस्तक में राज्य के सभी पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी है। इसे टूरिस्ट गाइड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में ‘मोगली’के नाम से चर्चित द टाइगर बॉय चेंदरू पूरी दुनिया के लिये किसी अजूबे से कम नहीं था। चेंदरू मंडावी नारायणपुर ज़िले के गढ़बेंगाल गाँव का रहने वाला एक आदिवासी परिवार से था।
- चेंदरू पूरी दुनिया में 60 के दशक में बेहद ही मशहूर था। चेंदरू बचपन में हमेशा बाघ टेंबू के साथ ही खेला करता था और उसी के साथ अपना अधिकतर समय बिताता था। दोनों साथ ही खाना खाते थे और साथ ही खेलते थे।
- चेंदरू और टाइगर की दोस्ती के किस्से को सुन स्वीडन के सुप्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर अरेन सक्सडॉर्फ सीधे बस्तर आ पहुँचे। चेंदरू और टेंबू के बीच दोस्ती से प्रभावित होकर 1957 में उन्होंने चेंदरू और उसके पालतू बाघ टेंबू को लेकर एक फिल्म बनाई जिसका नाम था ‘द जंगल सागा’। यह फिल्म अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब सफल रही। इस फिल्म ने पूरी दुनिया में धूम मचा दी। इस फिल्म के हीरो का रोल चेंदरू ने ही किया। गाँव में रहकर डायरेक्टर ने 1 साल में फिल्म की पूरी शूटिंग की। इस फिल्म ने चेंदरू को दुनिया भर में मशहूर कर दिया।
- चेंदरू मंडावी ने साल 2013 में 78 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके चले जाने के बाद राजधानी रायपुर में जंगल सफारी में टेंबू और चेंदरू की मूर्ति स्थापित की गई साथ ही नारायणपुर में चेंदरू के नाम पर पार्क भी मौजूद है।
गांधी जयंती से प्रदेश के सभी ज़िला अस्पतालों में सिकल सेल प्रबंधन केंद्र की होगी शुरुआत (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों
28 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में सिकलसेल की जाँच एवं उपचार की सुविधा सभी ज़िला अस्पतालों में आगामी 2 अक्टूबर से शुरू होगी।
योजना की प्रमुख बिंदु
- स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों से सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों के संबंध में की जा रही आवश्यक तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को सभी अस्पतालों में आने वाले अधिक-से-अधिक मरीज़ों को उपचार एवं परामर्श सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
- मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आगामी माह से लोगों को सस्ती दर पर पैथोलॉजी लैब की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सभी हमर लैब के आस-पास के क्षेत्रों से सैंपल एकत्र किये जाएंगे, जिससे लोगों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलॉजी की सुविधा मिल सके।
- स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कोविड वैक्सीनेशन में उल्लेखनीय योगदान के लिये बीजापुर ज़िले के उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तीन स्वास्थ्य अधिकारी- ज्योति सिदार, नागमणी चिलमुल और रमेश गड्डेम को प्रशस्ति-पत्र एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इन तीनों स्वास्थ्य योद्धाओं ने कोविड वैक्सीनेशन के लिये घुटने तक पानी से भरी तीन नदियों को पैदल पार कर ग्राम मारूड़बाका पहुँच लोगों का वैक्सीनेशन किया था।
- स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रदेश में टीबी के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सभी ज़िलों के साथ तीन ज़िले- कोरबा, जशपुर व जगदलपुर में विशेष रूप से टीबी मरीज़ों की जाँच हेतु हर सीएचसी में लैब टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित कर टीबी मरीज़ों की जाँच बढ़ाने के निर्देश दिये।
- इसके साथ ही उन्होंने लेप्रोसी मरीज़ों की पहचान सभी ज़िलों में गृह भ्रमण कर सुनिश्चित करने, परिवार कल्याण के सभी संसाधनों की उपलब्धता प्रदेश के सभी सीएचसी स्तर पर विशेष रूप से सुनिश्चित करने और सभी ज़िला अस्पतालों में विशेषरूप से रात के समय आईपीडी सर्विसेज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधक और विनिमयन) विधेयक, 2022 (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों
29 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधक और विनिमयन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर किये। यह विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा 25 जुलाई, 2022 को पारित किया गया था।
योजना की प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि राज्य में विशेषरूप से संकटग्रस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में, परिमाणात्मक एवं गुणात्मक, दोनों रूप में, भूजल का प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु भू-जल की सुरक्षा, संरक्षा, नियंत्रण आदि विषयों के संबंध में ये विधेयक पारित किया गया है।
- इस विधेयक में राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य भू-जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा इस प्राधिकरण में 16 सदस्य भी होंगे। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य में भू-जल प्रबंधन का दीर्घकालिक कार्य करने का अनुभव रखने वाले तीन विषय-विशेषज्ञों एवं सार्वजनिक/गैर-सरकारी संगठन/सामाजिक क्षेत्र के एक प्रख्यात व्यक्ति को भी सदस्य के रूप में नामित करने का प्रावधान किया गया है।
- गैर-अधिसूचित/अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक/वाणिज्यिक/खनन के लिये भू-जल निष्कर्षण हेतु अनुमति देने का कार्य यह प्राधिकरण करेगा।
- ज़िला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में भू-जल प्रबंधन परिषद गठित करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, कलेक्टर ज़िला भू-जल शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में भी कार्य करेगा। इसके अलावा विकासखंड स्तर पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में संबंधित विकासखंड में भू-जल उपयोगकर्त्ता पंजीकरण समिति गठित करने का भी प्रावधान किया गया है।
- विधेयक के तहत समुचित निकाय में रजिस्ट्रीकरण के बिना भू-जल निकालना अपराध होगा। इस विधेयक में बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
बुजुर्गों के लिये छत्तीसगढ़ में प्रारंभ की जाएगी सियान हेल्पलाइन (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
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30 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर प्रदेश में बुजुर्गों के लिये एक नवंबर (राज्य निर्माण दिवस) से सियान हेल्पलाइन प्रारंभ करने की घोषणा की।
योजना की प्रमुख बिंदु
- यह हेल्पलाइन ऐसे वृद्धजन, जिनकी संतानें विदेश या देश के अन्य स्थानों में कार्यरत् हैं, को आपात् स्थितियों में सहायता पहुँचाने में मदद करेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर पुलिस और समाज कल्याण विभाग से चर्चा कर हेल्पलाइन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है।
- ऐसे वृद्धजन, जो घर में अकेले हों और जिनकी संतानें प्रदेश के बाहर कार्यरत् हैं, के लिये आपात् स्थितियों में सहायता हेतु प्रदेश में कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं थी, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ सियान हेल्पलाइन शुरू करने की पहल की है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति समाज में सम्मानजनक वातावरण, जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा, चिकित्सकीय देखभाल, आश्रय प्रदान करने तथा विधिक सुरक्षा हेतु व्यापक प्रबंध किये गए हैं। ‘मुख्यमंत्री पेंशन योजना’और ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना’के माध्यम से बुजुर्गों को पेंशन राशि प्रदान की जा रही है।
- निराश्रित बुजुर्गों को नि:शुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा तथा पारिवारिक वातावरण प्रदान करने के लिये प्रदेश के 23 ज़िलों में 31 वृद्धाश्रम संचालित किये जा रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक ज़िले में कम-से-कम एक वृद्धाश्रम संचालित हो, ताकि निराश्रित बुजुर्गों को आश्रय मिल सके।
- मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि ऐसे बुजुर्ग, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं या वृद्धावस्था के कारण दैनिक क्रियाकलाप के लिये पूरी तरह दूसरों पर आश्रित हैं, उनकी चिकित्सा और देखरेख के लिये कबीरधाम, दुर्ग एवं बालोद ज़िले में प्रशामक देखरेख गृह शुरू किये गए हैं।
- बुजुर्गों को वृद्धावस्था में होने वाली समस्या के निराकरण हेतु उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहायक उपकरण, चिकित्सीय देखभाल की सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये वरिष्ठ नागरिक सहायक उपकरण प्रदाय योजना संचालित की जा रही है। इसके माध्यम से बुजुर्गों को वाकर, बैसाखी, छड़ी, व्हील चेयर, चश्मा, श्रवण यंत्र जैसे उपकरण प्रदान किये जाते हैं।
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 पर किये हस्ताक्षर (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों
30 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर किये। यह विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा 25 जुलाई, 2022 को पारित किया गया था।
योजना की प्रमुख बिंदु
- इस संशोधन विधेयक द्वारा छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 (क्र. 25 सन् 2004) की धारा 13 की उपधारा (2) में परिवर्तन किया गया है।
- इस संशोधन के पश्चात् छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय कुलपति की पदावधि को 4 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष तक या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, किया गया है। साथ ही, उसकी दो-से-अधिक पदावधि की नियुक्ति की पात्रता के निर्बंधन को भी समाप्त किया गया है।
- इसके अलावा इस संशोधन विधेयक द्वारा मूल अधिनियम की धारा 22 की उप-धारा(1) के खंड (आठ) एवं (नौ) को, खंड (आठ), (नौ) एवं खंड(दस) से प्रतिस्थापित किया गया है। इस संशोधन में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल)/ भिलाई इस्पात् संयंत्र(बीएसपी), भिलाई के पदेन प्रभारी निदेशक/सी.ई.ओ. एवं कार्यपालक निदेशक( कार्मिक और प्रशासन) को विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2022 पर किये हस्ताक्षर (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों
30 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर किये। इस संशोधन में विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों के लिये वर्तमान में प्रभावशील ऊर्जा प्रभार के शुल्क की दरों में प्रतिशत में वृद्धि की गई है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- विधेयक के भाग क (धारा 3(1) (अ) ) में उल्लेखित सरल क्र. 1 व 2 में क्रमश: घरेलू उपभोक्ताओं के लिये वर्तमान ऊर्जा प्रभारों के प्रतिशत में प्रभावशील शुल्क की दर 8 प्रतिशत में 3 प्रतिशत वृद्धि उपरांत 11 प्रतिशत तथा गैर-घरेलू उपभोक्ता के लिये वर्तमान प्रभावशील दर 12 प्रतिशत में 5 प्रतिशत वृद्धि उपरांत 17 प्रतिशत शुल्क निर्धारित किया गया है।
- इसी प्रकार भाग क (धारा 3(1) (अ) ) में सरल क्र.3 से 13 के विभिन्न उपभोक्ता श्रेणी तथा औद्योगिक इकाईयों, लघु व मध्यम उद्योगों आदि के लिये शुल्क वृद्धि की गई है। सरल क्र.14 व 15 के लिये अनुसूची की उच्चतम दर निर्धारित की गई है।
- इसी प्रकार भाग ख की धारा 3 (1) (ब) में सरल क्र. 16 के उपभोक्ता, अर्थात् राज्य के बाहर खुली पहुँच के माध्यम से अभिप्राप्त विद्युत उपभोग के लिये शुल्क की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
विधेयक के भाग-ग (धारा 3 (1) (स)) के सरल क्र. 17, 19, 20, 21, 22 और 24 में उल्लेखित उत्पादन कंपनियों, राज्य की निजी व सार्वजनिक कंपनियाँ आदि इकाईयों के लिये ऊर्जा प्रभारों के प्रतिशत में शुल्क की दरें बढ़ाई गई हैं तथा सरल क्र. 18 में उल्लेखित उत्पादन इकाईयों के लिये शुल्क यथावत रखा गया है।
Indira Gandhi National Open University (IGNOU) : July 2023 Session, Last Date, Registration, Courses, Application Fee & Eligibility | Latest Update
स्वच्छता सर्वेक्षण की इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) में छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकाय पहले नंबर पर, एक को मिला दूसरा स्थान (छत्तीसगढ़ करेंट अफेयर सितम्बर 2022)
खबरों में क्यों
30 सितंबर, 2022 को स्वच्छता सर्वेक्षण की इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) में विजयी शहरों का ऐलान किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकाय पहले नंबर पर और एक दूसरे स्थान पर है।
योजना की प्रमुख बिंदु
- आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का पुरस्कार वितरण समारोह 1 अक्टूबर, 2022 को तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति एवं केंद्रीय मंत्री द्वारा पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। पुरस्कारों की विस्तृत घोषणा अभी तक भारत सरकार द्वारा नहीं की गई है। पुरस्कारों के विवरण राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार डेशबोर्ड के उद्घाटन उपरांत प्राप्त होंगे।
- इंडियन स्वच्छता लीग में अलग-अलग वर्गों के तहत 15 हज़ार से कम आबादी वाले नगरीय निकायों में भटगांव और माना कैंप, 15 से 25 हज़ार की आबादी में खैरागढ़, 25 से 50 हज़ार की आबादी वाले निकाय में जशपुर नगर और कोंडागांव, 50 हज़ार से 1 लाख में बिरगांव, 1 लाख से 3 लाख की आबादी में अंबिकापुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किये हैं, वहीं 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में रायपुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 हेतु राज्य के समस्त 169 नगरीय निकायों ने भाग लिया है। इस हेतु विगत 8 माह से लगातार सर्वे की टीम निकायों के भ्रमण पर रही था। सर्वे की टीम द्वारा निकायों में मिशन क्लीन सिटी, स्वच्छता श्रृंगार, सुविधा 24, गोधन न्याय योजना, निदान-1100, निष्ठा आदि राज्य प्रवर्तित योजनाओं के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति का निरीक्षण किया गया। निकायों के निरीक्षण उपरांत ओडीएफ की स्थिति पूर्व वर्षों की तरह ही अच्छी पाई गई।
- इस बार के आयोजित समारोह में देश में सबसे अधिक निकाय छत्तीसगढ़ के ही ओडीएफ होने की उम्मीद है।
- राज्य शासन द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित जन-जागरण प्रतिनिधियों, जैसे- महापुरुषों की प्रतिमाओं की नागरिकों द्वारा साफ-सफाई, चौराहों की ब्रांडिंग, स्मारकों का रख-रखाव आदि में भी राज्य के निकायों का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहने की उम्मीद है।