छत्तीसगढ़ के जलप्रपात का सम्पूर्ण जानकारी 2022 | CGPSC Latest Current Affairs

छत्तीसगढ़ के जलप्रपात

आप इस आर्टिकल में देखेगे की छत्तीसगढ़ प्राकृतिक दृश्यों में एक संपन्न राज्य है जिसकी अपनी प्राकृतिक संरचना अनोखी है। आप छत्तीसगढ़ में कही पर नदी देखेंगे, कही पर पर्वत तो कही पर राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य , पठार इत्याद देखने को मिलता है।

अगर आप छत्तीसगढ़ के निवासी है तो आपको इसके बारे में जानकारी लेना बहुत जरुरी है। क्यों की cgpsc cgvyapam के एग्जाम में एवं अन्य महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है। हम देखेंगे की छत्तीसगढ़ के प्रमुख जलप्रपातों के बारे, क्यों की यह प्रतियोगी परीक्षा में हमेसा पूछा जाता है।

  • चित्रकूट जलप्रपात :-

त्रकूट जगदलपुर से 39-40 किमी दूर इंद्रावती नदी पर स्थित जलप्रताप है। इसकी ऊंचाई 90 फिट है। यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ा जलप्रपात है। इसे भारत का न्याग्रा कहा जाता है। यह नदी 500 मीटर से ज्यादा चौड़ा है, यह एक घोड़े के नाल के आकार का जलप्रपात होता है।

आपको बता दू की यह बारिश के दिनों में बेहद खूबसूरत नजर देखने को मिलता है। यह नदी बारिश में मटमैला पानी रात में लालिमा लिए नजर आता है। पानी 7 स्थानों से गिरता है इंद्रावती का पानी के साथ-साथ कभी सामान्य दिनों में 7 से ज्यादा स्थानों से पानी गिरते हुए विहंगम जलप्रपात का दृश्य देख सकते था।

यहाँ पर अक्टूबर नवंबर में इसका दूधिया स्वरूप लोगो का मन मोह लेता है। यहाँ सूर्य की रौशनी में इस जलप्रपात से निकलती महीन बूंदों में इंद्रधनुष भी नजर आता है। अगर आप इस नदी का दृश्य देखना चाहते है, तो आप बारिश के समय में भी जा सकते है। इस नदी का दृश्य देखने के लिए 2 लाख से ज्यादा लोग देखने आते है।

जिला – बस्तर में स्थित है
नदी –इंद्रावती है

  • सातधारा:-

सातधारा जलप्रपात छत्तीसगढ़ राज्य में दन्तेवाड़ा जिले के बारसुर से लगभग 7 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

वह स्थान जहाँ इंद्रावती नदी सात छोटी छोटी धाराओं में विभाजित होती हैं और एक छोटा-सा जलप्रपात सातधारा के रूप में निर्मित होता हैं। फोटो में अभी दो धाराएँ दिखाई दे रही हैं, ऐसे ही नीचे की ओर और धाराएं स्तिथ हैं..। यह एक शांत पिकनिक स्थल है, जहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य भी ख़ूबसूरत है। इस जलप्रपात के सभी धाराओं को निम्न नाम दिए गए हैं- बोधधारा, कपिल धारा, पांडवधारा, कृष्णधारा, शिवधारा, बाणधारा, शिव चित्रधारा है।

यह इन्द्रावती नदी पर स्थित जलप्रपात सात धाराओं के रूप में नीचे गिरता है। यह जगदलपुर से 40 किलोमीटर दूर के अन्तराल में अवस्थित है। यह भेड़ाघाट की तरह दर्शनीय माना जाता है।सात धारा – बोधधारा ,कपिल धारा ,पांडवधारा ,कृष्णधारा ,शिवधारा ,बाणधारा ,शिव चित्रधारा है।

नदी – इंद्रावती
जिला – बीजापुर में स्थित है

  • तीर्थगढ़ जलप्रपात :-

जगदलपुर से 35 किलामीटर की दूरी पर स्थित यह मनमोहक जलप्रपात पर्यटकों का मन मोह लेता है। पर्यटक इसकी मोहक छटा में इतने खो जाते हैं कि यहाँ से वापिस जाने का मन ही नहीं करता। मुनगाबहार नदी पर स्थित यह जलप्रपात चन्द्राकार रूप से बनी पहाड़ी से 300 फिट नीचे सीढ़ी नुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है, पानी के गिरने से बना दूधिया झाग एवं पानी की बूंदों का प्राकृतिक फव्वारा पर्यटकों को मन्द-मन्द भिगो देता है। करोड़ो वर्ष पहले किसी भूकंप से बने चन्द्र-भ्रंस से नदी के डाउन साइड की चट्टाने नीचे धसक गई एवं इससे बनी सीढ़ी नुमा घाटी ने इस मनोरम जलप्रपात का सृजन किया होगा।

जिला – बस्तर में स्थित है
नदी – मुंगाबहारी
छत्तीसगढ़ का 2014 जलप्रपात 300 से निचेती है।

  • चित्रधारा जलप्रपात:-

बस्तर में झरनों की एक श्रृंखला है, उनमें से कई बारहमासी हैं, जबकि कुछ गर्मियों के दौरान पानी से वंचित हैं, लेकिन बारिश और सर्दियों के दौरान उनकी सुंदरता अद्वितीय है। चित्रधारा बाद की श्रेणी में आता है।

चित्रधर झरना बस्तर की सुंदरता का एक अद्भुत नमूना है। चित्रकोट झरने के रास्ते पर, एक छोटी सी पहाड़ी के घाटी के माध्यम से एक छोटी नदी बहती है और यह किसानों की सोपानी पात की शुरुआत है। इस कारण से, बारिश के दौरान पानी होता है लेकिन गर्मियों में, इसकी उत्कृष्टता फीकी हो जाती है।

झरने के ऊपरी हिस्से में, भक्तों ने एक शिव मंदिर और झरना के आकर्षण को देखने के लिए एक प्रेक्षण स्थान बनाया है। यह झरना 50 फीट की ऊंचाई से गिरता है। अगला मुख्य झरना 100 फीट की ऊंचाई से सोपानी पात में बाईं ओर से नीचे की ओर बहता है और पहाड़ियों की ओर बढ़ता है।

एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी प्रसिद्ध, यह झरना पोटानार के गांव के शांत और सुदूर स्थान पर स्थित है। चित्रधारा, तामड़ा घुमर और मेहेंदरी घुमर चित्रकोट झरने के दौरे को और भी सुखद और आनंददायक बनाते हैं।

जिला – बस्तर में स्थित है
नदी- इंद्रावती
मवालीभांठा जगदलपुर के समीप
विशेष- महादेव धूमर के नाम से जाना है।

  • कांगेरधारा जलप्रपात :-

कांगेरधारा भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है।

जगदलपुर के पास कांगेर नदी सुंदर जलप्रपात बनाती है।

जिला – बस्तर में स्थित है
नदी – कांगेर नदी
कांगेरघाटी राष्ट्रीय उधन पर आधारित है।

  • रसगंडा जलप्रपात :-

नदी (River in chhattisgarh) का पानी ऊंचाई से गिरकर एक संकरे कुण्ड में समाता है। इस कुण्ड की गहराई बहुत अधिक है। कुण्ड से 100 मीटर लंबी सुरंग निकलती है। यह सुरंग जहाँ समाप्त होती है, वहाँ से रंग-बिरंगा जल निकलता रहता है। अपनी इस विचित्रता के कारण यह जलप्रपात लोगों को एक अनोखे प्राकृतिक सौन्दर्य (Nature beauty) का अहसास कराता है।

रकसगंड़ा जलप्रपात (Rakasganda Waterfall) छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh State) का प्रसिद्ध जलप्रपात (Waterfall in Chhattisgarh) है, जो सरगुजा जिले के नलंगी नामक स्थान पर रेहंद नदी पर स्थित है। यहां नदी का पानी ऊंचाई से गिर कर एक सकरे कुंड में समाता है। कुंड की गहराई बहुत अधिक है। कुंड से 100 मीटर लंबी सुरंग निकलती है। ये सुरंग जहां खत्म होती है वहां रंग-बिरंगा जल निकलता रहता है। अपनी इस विचित्रता के कारण ये जल प्रपात लोगों को अनोखी प्राकृतिक सुंदरता की अनुभूति देता है।

जिला- बलरामपुर में स्थित है
नदी – रेंडा

  • अमृतधारा जलप्रपात :-

यह खूबसूरत झरना राष्ट्रीय राजमार्ग 43 और नागपुर ग्राम पंचायत से 8 किलोमीटर दूर स्थित है, यह हसदेव नदी पर स्थित प्रकृति का एक सुंदर दृश्य है। हर साल महा शिवरात्री पर अमृतधारा महोत्सव त्योहार कोरिया जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाता है।

जिला- कोरिया में स्थित है
नदी- हसदेव नदी
‘तापसी मुनि का आश्रम’

  • कोटली जलप्रपात:-

छत्तीसगढ़ राज्य में अम्बिकापुर के विख्यात दर्शनीय स्थल डीपाडीह से 15 कि.मी. की दूरी पर उत्तरी दिशा में स्थित है। यह जलप्रपात कन्हार नदी पर स्थित है और अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण बरबस ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।

जिल- बलरामपुर में स्थित है
नदी- कन्हार

 

छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक विभाजन : पहाड़, पठार, पाट, मैदान

  • सरभंगा जलप्रपात :-

जिला- सरगुजा में स्थित है
नदी- माड़
‘ इकोपोइंट’
‘टाइगर पॉइंफ, मछली पॉइंट’
‘मैनपाठ में स्थित है।’

  • मलाजकुंडम जलप्रपात : –

जिला – कांकेरी में स्थित है
नदी – दूध नदी
ये कांकेर से 18 किमी दूर है।

  • रानीदाह जलप्रपात :-

जिला – जशपुर में स्थित है
नदी – केलो नदी
ये जशपुर से 12 किमी पर स्थित है।

  • केंदई जलप्रपात

जिला – कोरबा में स्थित है
नाली – केंदई नदी
बिलासपुर – अंबिकापुर मार्ग पर कटघोरा के समीप स्थित है।

  •  गुप्तेश्वर जलप्रपात

    :-

जिला – बस्तर में स्थित है
नदी – शबरी नदी

  • चर्रे – मर्रे जलप्रपात : –

जिला – कांकेर में स्थित है
नदी – चर्रे -मर्रे

  • रानी दरहा जलप्रपात: –

जिला – सुकमा में स्थित है
नदी – शबरी

  • मकरभंजा जलप्रपात –

यह मकारभंजा छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची जलप्रपात कहा जा सकता है क्यों की इससे पहले तीरथगढ़ जलप्रपात को सबसे ऊँची जलप्रपात बोला जाता था, जिसकी उचाई 300 फिट है, लेकिन अब इस जलप्रपात की उचाई लगभग 450 फिट से भी ऊंचा माना जाता है। ये जशपुर जिला में महान नदी में स्थित है।

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