छत्तीसगढ़ का इतिहास : छत्तीसगढ़ राज्य का गठन, मध्यप्रदेश से कैसे अलग हुआ | CGPSC History Latest General Awareness 2022

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन तिथि अनुसार पृथक राज्य गठन के इतिहास निम्नानुसार है

1854

  • 1854 के पूर्व छत्तीसगढ़ का भू-भाग मराठों के अधीन नागपुर राज्य का एक भाग था।
  • 1854 में हड़प नीति (1848) के तहत डलहौजी ने नागपुर राज्य सहित छत्तीसगढ़ को भी अधिग्रहण कर ब्रिटिश राज्य में मिला लिया।

1861

  • 1861 में मध्यप्रांत का गठन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ भू-भाग को शािमल किया गया।
  • 1861 में रायपुर एवं बिलासपुर को जिला बनाया गया।

1862

  • 1862 में छत्तीसगढ़ को संभाग बनाया गया, जिसमें रायपुर, बिलासपुर एवं संबलपुर जिले को शामिल किया गया। संबलपुर 1862 के पहले बंगाल प्रांत में था।

1905

  • 1905 में बंगाल प्रांत एवं मध्यप्रांत का पुनर्गठन हुआ और संबलपुर ओडि़सा राज्य में शामिल हो गया।
  • 1905 में जशपुर, सरगुजा, चांगभखार व कोरिया को मिलाने से छत्तीसगढ़ की सीमाएं सुस्पष्ट हुई।
  • 1905 में छत्तीसगढ़ का पृथम मानचित्र बना।

1918

  • 1918 में छत्तीसगढ़ की प्रथम कल्पना पंडित सुन्दरलाल शर्मा ने की थी। उन्हें छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वप्नद्रष्टा भी कहा जाता है।

1924

  • 1924 पहली बार रायपुर जिला परिषद् की बैठक में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य का प्रस्ताव लाया गया।

1939

  • 1939 में सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में त्रिपुरी (जबलपुर) में आयोजित कांग्रेस के 53वां अधिवेशन में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की मांग की गई।

1947

  • 1947 स्वतंत्रता के समय छत्तीसगढ़ क्षेत्र सेन्ट्रल प्राविन्स (मध्यप्रांत) एवं बरार का हिस्सा था।

1948

  • 1948 में छत्तीसगढ़ के प्रमुख 14 रियासतोंका भारत में विलय कर लिया गया, जिससे छत्तीसगढ़ की सीमाओं का विस्तार हुआ।

1953

  • 1953 में फजल अली की अध्यक्षता में भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन हेतु गठित राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष छत्तीसगढ़ राज्य की मांग रखी गई।

1955

  • 1955 में मध्य प्रांत की विधान सभा में रायपुर के विधायक ठा. रामकृष्ण सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की मांग की गई।

1956

  • 28 जनवरी 1956 में डॉ. खूबचंद बघेल की अध्यक्षता में राजनांदगांव में छत्तीसगढ़ महासभा का आयोजन हुआ तथा नेताओं द्वारा छत्तीसगढ़ की मांग की गई।
  • 1 नवम्बर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया तथा छत्तीसगढ़ इसका हिस्सा बना।

1967

  • 1967 में रायपुर में सम्मेलन आयोजित किया गया तथा राष्ट्रपति से पृथक राज्य छत्तीसगढ़ की मांग की गई।
  • 1967 राज्यसभा सदस्य डॉ. खूबचंद बघेल ने छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए जन-आंदोलन रूप देते हुए छत्तीसगढ़ भ्रातृसंघ की स्थापना की।
  • 1967 में शंकर गुहा नियोगी द्वारा छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का गठन के पश्चात् छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन में तेजी आई।

1993

  • 1993 में रवीन्द्र चौबे द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा में शासकीय प्रस्ताव लाया गया।

1994

  • 1994 में मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक गोपाल परमार ने अशासकीय संकल्प पारित किया।

1998

  • 1998 में संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति श्री के.आर. नारायण ने मध्यप्रदेश से पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
  • 01 मई 1998 को मध्यप्रदेश विधानसभा में छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए सहमति प्रदान की। (तत्कालिन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह)
  • 01 सितम्बर को मध्यप्रदेश विधानसभा ने राष्ट्रपति द्वारा भेजे मध्यप्रदेश पुनर्गठन विधेयक, 1998 में लगभग 40 संशोधनोंके साथ वापस राष्ट्रपति को भेजा।

2000

  • राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने चुनावी एजेंडा के तहत मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 को 25 जुलाई 2000 को तत्कालिन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवानी द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया।
  • 31 जुलाई 2000 को इस अधिनियम को लोकसभा में पारित दिया गया।
  • 03 अगस्त 2000 को मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 को राज्य सभा में प्रस्तुत किया गया।
  • 09 अगस्त 2000 को इस अधिनियम को एक संशोधन (छत्तीसगढ़ में राज्य सभा की सीटों से संबंधित) के साथ पारित कर दिया गया।
  • 10 अगस्त 2000 को राज्य सभा द्वारा किए गए संशोधन को लोकसभा ने स्वीकार कर दिया।
  • 28 अगस्त को राष्ट्रपति श्री के.आर. नारायण द्वारा अनुमोदित कर दिया गया। (तत्कालिन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी)
  • इस प्रकार मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 बना। जो भारत के राजपत्र में अधिनियम संख्या 28 वर्ष 2000 के रूप में अधिसूचित है।
  • 01 नवम्बर 2000 छत्तीसगढ़ देश का 26वां राज्य बना।

01 नवम्बर 2000 के समय छत्तीसगढ़ में 

  • संभाग की संख्या        – 3
  • जिलों की संख्या         – 16
  • तहसीलों की संख्या     – 96
  • विकासखंडों की संख्या  – 146
  • छत्तीसगढ़ का निर्माण भारतीय संविधान के 84वां संविधान संशोधन द्वारा हुआ है।
  • भारतीय संविधान अनुच्छेद -3 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया है।
  • मातृ राज्य मध्यप्रदेश से 44 वर्ष बाद पृथक होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ।

मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000

  • 1  नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश से पृथक होकर भारत का २६ वां राज्य बना
  • छत्तीसगढ़ का निर्माण मध्यप्रदेश के तीन संभाग रायपुर, बिलासपुर एवं बस्तर के 16 जिलें  के साथ 96 तहसील और 146 विकासखंड से किया गया है प्रदेश की राजधानी रायपुर को तथा बिलासपुर को उच्च न्यायालय की स्थापना किया गया है .

छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना 1 नवंबर 2000 में हुई थी। छत्तीसगढ़ का पौराणिक नाम कौशल राज्य (भगवान श्री राम का ननिहाल) है। लगभग 300 साल पहले, गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान, राज्य का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा। छत्तीसगढ़ राज्य मध्य भारत में एक घने जंगलों वाला राज्य है, जो अपने मंदिरों और झरनों के लिए प्रसिद्ध है। छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग किया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य को “भारत का चावल का कटोरा” के रूप में भी जाना जाता है ।

राज्यपाल: अनुसुइया उइके

राजधानी: रायपुर

मुख्यमंत्री: भूपेश बघेल

जनसंख्या: 2.55 करोड़ (2013)

प्राचीन काल में, छत्तीसगढ़ दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। मराठा साम्राज्य के समय छत्तीसगढ़ नाम लोकप्रिय हो गया और पहली बार 1795 में एक आधिकारिक दस्तावेज में इसका इस्तेमाल किया गया।

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस : हर साल 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ का गठन और स्थापना दिवस मनाया जाता है। भारत में केंद्र-पूर्वी राज्य छत्तीसगढ़ 1 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाता है।

इस दिन, मध्य प्रदेश को छत्तीसगढ़ से अलग किया गया था। यह छत्तीसगढ़ राज्य की 19 वीं वर्षगांठ होगी।

निर्जन के लिए, यह 135,194 वर्ग किमी क्षेत्र के साथ भारत का नौवां सबसे बड़ा राज्य है और इसकी आबादी लगभग 25.5 मिलियन है।

क्यों पड़ा छत्तीसगढ़ का नाम

जानकार लोगों की माने तो जिस वक्त छत्तीसगढ़ का गठन हुआ उस समय छत्तीसगढ़ में 36 गढ़ हुआ करते थे. गढ़ का मतलब रियासतों की जमीदारी से है. उन 36 गढ़ों की वजह से ही छत्तीसगढ़ का नाम रखा गया. हालांकि 20 साल बीत जाने के बाद राज्य में गढ़ों की संख्या बढ़ी है. बावजूद इसके राज्य के नाम में कोई बदलाव नहीं किया गया. इस इलाके की भाषा को छत्तीसगढ़ी कहा जाता है. छत्तीसगढ़ी के अलावा भी राज्य में माढ़िया, हल्बी, गोंडी जैसी भाषा बोली जाती हैं.

छत्तीसगढ़ स्थापना का इतिहास

आजादी से पहले मध्य प्रदेश 4 हिस्सों में बंटा हुआ था. 1950 में सबसे पहले मध्य प्रांत और बरार को छत्तीसगढ़ और मकराइ रियासतों के साथ मिलाकर मध्य प्रदेश का गठन किया गया था. उस वक्त मध्यप्रदेश की राजधानी नागपुर थी. इसके बाद 1 नवंबर 1956 को मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्यों को भी इसमें शामिल कर दिया गया. जबकि राजधानी नागपुर समेत दक्षिण के मराठी भाषी क्षेत्रों को बॉम्बे राज्य में भेज दिया गया. पहले जबलपुर को राज्य की राजधानी के रूप में चुना जा रहा था, लेकिन आखिर में इस निर्णय को बदल कर भोपाल को नई राजधानी घोषित किया गया.

साल 2000, 1 नवंबर के दिन एक बार फिर मध्य प्रदेश का पुनर्गठन किया गया. इसमें छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से अलग कर भारत का 26वां राज्य बनाया गया. प्राचीन भारत के दौर से ही भारत को गौरवान्वित करने के बाद आज भी छत्तीसगढ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. भारत का नियाग्रा कहा जाने वाला चित्रकोट जलप्रपात यहीं स्थित है. विभिन्न संस्कृतियों का केंद्र रहा छत्तीसगढ़ आज भी अपने प्राचीन मंदिरों के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है.

छत्तीसगढ़ के जलप्रपात का सम्पूर्ण जानकारी

रायपुर कैसे बना राजधानी

छत्तीसगढ़ के गठन के बाद इसकी राजधानी को लेकर काफी विचार-विमर्श हुआ. पहले बिलासपुर को राजधानी बनाए जाने पर विचार किया गया, क्योंकि बिलासपुर वर्तमान राजधानी से उस समय पर ज्यादा विकसित था. लेकिन फिर काफी विचार के बाद रायपुर को छत्तीसगढ़ की राजधानी घोषित किया गया. बता दें छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्रफल 1, 35, 192 किलोमीटर है और इसका सबसे बड़ा शहर रायपुर है.
आजादी के बाद राज्यों का जो नया बंटवारा हुआ उसमें पहले सी.पी. एंड बरार और बाद में मध्य प्रदेश का हिस्सा बने छत्तीसगढ़ ने कई तरह की उपेक्षाओं को महसूस किया. एक तरफ, मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल थे, जो छत्तीसगढ़ अंचल के ही थे, तो दूसरी तरफ, पूरा का पूरा प्रशासनिक ढांचा कुछ इस ढंग से विकसित हुआ था कि छत्तीसगढ़ की सीमा के भीतर कोई प्रशासनिक केंद्र नहीं आया. शिक्षा मंडल, उच्च-न्यायालय, राजधानी जैसे प्रतिष्ठा के प्रतीक छत्तीसगढ़ के बाहर ही स्थापित हुए.

छत्तीसगढ़ राजनीतिक इतिहास

राजनीतिक इतिहास की बात की जाए तो यहां मध्य प्रदेश के बंटवारे के बाद पहली सरकार कांग्रेस की बनी और अजीत जोगी पहले मुख्यमंत्री बने. 2003 में भाजपा के डॉ. रमन सिंह की सरकार बनने के बाद काफी समय तक उनका राज कायम रहा. बता दें डॉ. रमन सिंह को पहली बार 1999 में राजनांदगांव में लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी. जिसके बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में किस्मत आजमाई और भारी मतों से जीत दर्ज की. वर्तमान समय में अनसुईया उईके राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है.
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